Paush Amavasya Katha: पौष अमावस्या की कथा पढ़ने से हर मनोकामना होगी पूरी

Paush Amavasya Katha In Hindi: सनातन धर्म में पौष अमावस्या का खास महत्व माना जाता है। इस साल ये अमावस्या 11 जनवरी 2024 को पड़ी है। यहां जानिए पौष अमावस्या की व्रत कथा हिंदी में।

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Paush Amavasya Katha

Paush Amavasya Katha In Hindi (पौष अमावस्या व्रत कथा): सनातन धर्म में अमावस्या तिथि का विशेष महत्व माना जाता है। ये तिथि हर महीने में पड़ती है। 11 जनवरी को पौष अमावस्या है। इस दिन कई लोग व्रत भी रखते हैं। इस अमावस्या पर स्नान दान के साथ-साथ पितरों का तर्पण करने का भी विशेष महत्व होता है। कहते हैं इस दिन गंगा स्नान करने से व्यक्ति की हर मनोकामना पूर्ण हो जाती है। जानिए पौष अमावस्या की व्रत कथा।

पौष अमावस्या की कथा (Paush Amavasya Vrat Katha In Hindi)

पौष अमावस्या की पौराणिक कथा के अनुसार, एक ब्राह्मण था जो बेहद गरीब था। उसकी एक सुंदर, गुणवान और संस्कारी बेटी थी। लेकिन गरीब होने के कारण उसका विवाह नहीं हो पा रहा था। एक दिन गरीब ब्राह्मण के घर पर एक साधु आए जिनकी ब्राह्मण ने बहुत सेवा की। साधु ने ब्राह्मण की सेवा से खुश होकर उन्हें आशीर्वाद दिया। फिर ब्राह्मण ने अपनी कन्या के विवाह के लिए साधु से कोई उपाय पूछा। साधु ने कहा कि यहां से कुछ दूरी पर एक परिवार रहता है। यदि तुम्हारी कन्या हर रोज जाकर उसकी पत्नी की सेवा करें तो इसका विवाह हो जाएगा। अगले दिन सुबह उठकर कन्या उनके घर साफ सफाई करके अपने घर वापस लौटती है।

उस घर में रहने वाली स्त्री हैरान हो जाती है कि रोज-रोज कौन उसके घर में आकर सफाई करके चला जा रहा है। कुछ दिन बाद उस महिला ने ब्राह्मण की पुत्री को पकड़ लिया और पूछने लगी कि आप कौन हैं और क्यों रोज सुबह उनके घर की साफ-सफाई करती हैं। तब कन्या ने साधु द्वारा कही गई सारी बातें महिला को बता दीं। महिला ने उस कन्या की सेवा से खुश होकर जल्द उसका विवाह होने का आशीर्वाद दिया लेकिन जैसे ही महिला ने यह आशीर्वाद दिया वैसे ही उस महिला के पति की मृत्यु हो गई। लेकिन फिर भी महिला ने हार नहीं पानी और अपने आंगन में लगे पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा करके भगवान विष्णु से अपने पति को पाने के लिए प्रार्थना की।

कहते हैं जिस दिन ये सब हुआ उस दिन पौष अमावस्या थी। भगवान की कृपा से उसका पति फिर से जीवित हो गया और उस कन्या का भी विवाह हो गया। माना जाता है कि पौष अमावस्या के दिन जो जातक पीपल की परिक्रमा करता है उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती हैं।

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