Paush Purnima Vrat Katha in Hindi: पौष पूर्णिमा व्रत कथा हिंदी में यहां देखें
Paush Purnima 2023 Vrat Katha in Hindi: पौष पूर्णिमा का व्रत रखने वाले पौष पूर्णिमा की इस पावन कथा को पढ़ना बिल्कुल भी न भूलें।
पौष पूर्णिमा व्रत कथा
पौष पूर्णिमा व्रत कथा (Paush Purnima Vrat Katha)
एक समय की बात है कटक में धनेश्वर नाम का एक ब्राह्मण और उनकी पत्नी रूपवती रहती थी। इस ब्राह्मण जोड़े के जीवन में धन, संपत्ति और विलासिता की सभी चीजें मौजूद थी फिर भी ये परेशान रहते थे। क्योंकि इनके जीवन में एक बच्चे की कमी निरंतर बनी हुई थी। एक दिन इनके शहर में एक योगी आए। योगी ने उनके शहर के हर उन्होंने कुछ भी नहीं मांगा। ऐसे में धनेश्वर ने योगी से पूछा कि आखिर आपने हमारे घर से दक्षिणा क्यों नहीं ली? धनेश्वर की बात सुनकर योगी ने कहा कि हम निसंतान लोगों से दान दक्षिणा नहीं लेते हैं।
योगी की बात सुनकर धनेश्वर को बुरा जरूर लगा लेकिन फिर भी उन्होंने योगी जी का आशीर्वाद लिया और पूछा कि हम ऐसा क्या करें जिससे हमें संतान की प्राप्ति हो? तब योगी ने धनेश्वर को चन्द्र देव की पूजा करने के लिए कहा। माना जाता है कि ऐसा करने से उन्हें संतान की प्राप्ति हुई।
इस बारे में श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा था कि 32 पूर्णिमा का व्रत करने के परिणाम स्वरुप ही धनेश्वर पिता बन पाए। ऐसे में जो कोई भी व्यक्ति इस व्रत का पालन करता है उसकी सारी इच्छाएं पूरी होती हैं।
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लवीना शर्मा author
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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