Karwa Chauth Vrat In periods: करवा चौथ पर पीरियड्स आ जाएं तो क्या करें, जानिए कैसे करें पूजा

Karwa Chauth Mein Period Aa Jaye Toh Kya Kare: पीरियड्स के समय महिलाओं को पूजा-पाठ करने से मना किया जाता है। लेकिन अगर करवा चौथ का व्रत है तो ऐसे में क्या करें क्योंकि ये व्रत बीच में छोड़ा भी नहीं जा सकता है। चलिए आपको बताते हैं करवा चौथ पर पीरियड्स आ जाए तो क्या करना चाहिए।

Karwa Chauth 2024 Vrat In periods

Karwa Chauth Vrat In periods

Karwa Chauth Mein Period Aa Jaye Toh Kya Kare: अमूमन पीरियड्स के दौरान कोई भी व्रत-पूजा करने से मना किया जाता है। लेकिन करवा चौथ व्रत को बीच में छोड़ा नहीं जा सकता। तो ऐसे में इस दौरान क्या करना चाहिए इस बारे में आपको बताते हैं। सबसे पहले तो ये जान लें कि किसी भी स्थिति में करवा चौथ का व्रत नहीं छोड़ना चाहिए। हालांकि बीमार होने या पीरियड्स के समय पर व्रत के नियमों में थोड़ा बदलाव हो जाता है। चलिए आपको बताते हैं पीरियड्स और बीमारी में करवा चौथ का व्रत कैसे करना चाहिए।

पहली बार करवा चौथ का व्रत कैसे रखें

Periods Me Karwa Chauth Vrat Kaise Kare (पीरियड्स में करवा चौथ व्रत कैसे रखें)

शास्त्रों अनुसार पीरियड्स के दौरान भी करवा चौथ का व्रत रखा जा सकता है। बस इस समय आपको पूजा के सामान को हाथ नहीं लगाना है। आप इस स्थिति में करवा चौथ की पूजा करने के लिए किसी सुहागिन महिला की सहायता ले सकती हैं। आप पूजा के स्थान से थोड़ा दूर बैठकर करवा चौथ की व्रत कथा सुन सकती हैं। साथ ही मन ही मन ईश्वर की अराधना करती रहें। वहीं जब चांद निकल जाए तो उसे अर्घ्य देकर अपना व्रत खोल लें।

करवा चौथ व्रत 2024 पूजा विधि, मुहूर्त और चांद निकलने का समय

पीरियड्स में चंद्रमा को अर्घ्य दे सकते हैं? (Period Me Chand Ko Arghya De Sakte Hai)

जी हां, पीरियड्स के समय पूजा की मनाही होती है लेकिन चांद को अर्घ्य दिया जा सकता है। चांद को विधि विधान अर्घ्य देने के बाद अपना व्रत खोल सकती हैं।

करवा चौथ 2024 पूजा शुभ मुहूर्त

पीरियड्स में करवा चौथ व्रत रखने की विधि (Period Me Karwa Chauth Vrat Ki Vidhi)

यदि आपको करवा चौथ व्रत के दिन या उससे एक-दो दिन पहले पीरियड्स आ जाएं तो आप सरगी खाएं और बड़ों का आशीर्वाद लेकर व्रत शुरू करें। पूरे दिन निर्जला व्रत रहें। इस दिन आप सोलह श्रृंगार भी कर सकती हैं। लेकिन स्वयं पूजा नहीं करनी है। हालांकि आप दूर बैठकर किसी दूसरी महिला से व्रत की कथा सुन सकती हैं। इस दौरान मंदिर न जाएं और पूजा के किसी भी सामान का स्पर्श न करें। अगर आपके घर में कोई अन्य महिला नहीं है तो आप इस व्रत की पूजा में अपने पति की मदद ले सकती हैं क्योंकि पति-पत्नी को एक-दूसरे का पूरक माना जाता है। रात में चांद को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोल लें।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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