Pitra Dosh Nivaran: पितृ दोष निवारण के सरल उपाय, इस पितृ पक्ष में जरूर आजमाएं

Pitra Dosh Nivaran Puja: पितृ पक्ष 2023 (Pitru Paksha 2023) चल रहा है। ये समय पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। यहां आप जानेंगे श्राद्ध पक्ष के दौरान किन कार्यों को करने से आप पीढ़ियों पुराने पितृ दोष तक से मुक्ति पा सकते हैं।

pitra dosh upay in hindi

Pitra Dosh Nivaran Upay In Hindi

Pitra Dosh Nivaran Puja (पितृ दोष निवारण पूजा): घर में सुख, शांति व आरोग्यता के बिना गृहस्थ जीवन की परिकल्पना नहीं की जा सकती है और पितृदोष घर की सुख-शांति को एकदम भंग कर देता है। इससे परिवार में कई अकस्मात आपदाएं व बुरी घटनाएं एकाएक चली आती हैं। पितृ दोष आपके ऊपर है या नहीं ये कुंडली देखकर जाना जा सकता है। पितृ दोष का निवारण करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण मानी जाती है त्रिपिंडी श्राद्ध पूजा (Tripindi Shradha Puja)। यह अनुष्ठान सबसे आवश्यक है, इसके बाद आप वास्तु उपाय अपनाकर भी पितृदोष समाप्त कर सकते हैं। यहां आप जानेंगे पितृ दोष से मुक्ति पाने के वास्तु उपाय।

Pitru Dosh Nivaran Upay In Hindi

1. पारिवारिक प्रेम का कारक ग्रह शुक्र व गुरु होता है। ऐसे में इन दोनों ग्रहों को मजबूत करने के लिए इस बात का ध्यान रखें कि घर में सुगंध का वातावरण हो। स्वच्छता विद्यमान हो। बेड रूम में प्यार करने वाले जोड़ों की तस्वीरें हों। ब्लू लाइट हो। घर के मुख्यद्वार पर स्वास्तिक का चिन्ह हो। यह खुद निर्मित किया जाय।

2. ईशान यानी उत्तर पूर्व दिशा में मंदिर हो। मंदिर में राधा कृष्ण की मूर्ति व पारद का शिवलिंग अवश्य हो। पितृदोष के शमन के लिए पूजाघर में मोरपंख हो।

3. पूर्व दिशा में कोई भारी सामान न रखें। ईशान में जल का टैंक बनवाएं। वहीं दिशा में भारी चीजें ज्यादा रखें। वेस्ट वाल में खूबसूरत वॉल पेंटिंग हो। वह पेंटिंग में 05 हाथी हों। समुद्र का चित्र हो।

4. घर के नार्थ का वेट कम और साउथ का ज्यादा हो।

5. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि राहु के द्रव्य उड़द व दही बड़ा हर बुधवार बनें व उसको विहंगों को भी दिया जाय।।

6. बेड रूम में दर्पण प्रेम का शत्रु होता है। कभी भी बेड रूम में अपनी तस्वीर आईने में नहीं दिखनी चाहिए। अतः उस कमरे से दर्पण हटा दें। बेड रूम में मोरपंख हो।

7. कुंडली में दशवें व चतुर्थ घर के स्वामी ग्रहों का रत्न अपने बेड के सिरहाने अष्ट धातु में मढ़वाकर रखें।

8. आग्नेय दिशा में जल सम्बन्धी कोई व्यवस्था मत हो। यह दिशा क्रोध देती है। यहां बैठकर पारिवारिक बातें मत करें।

9. घर के खाली जगह में सुगंधित रात रानी, अपराजिता, शमी तथा चमेली के पेड़ हों। आंगन में तुलसी का पेड़ हो। तुलसी पितृ दोष का शमन करती हैं।

10. घर में कहीं भी युद्ध की तस्वीर ना हो। राम दरबार की एक बड़ी तस्वीर मुख्य कमरे में अवश्य हो।

11. पिंक और ब्लू कलर के बेड शीट प्रेम में चुम्बकत्व उत्पन्न करते हैं। बच्चों के रूम व टेबल पर येलो कलर का प्रभाव हो। उनके आलमारी में प्रिज्म व मोरपंख भी हो।।

12. पति पत्नी एक साथ रसोई में नीचे लकड़ी के आसन पर बैठकर भोजन करें, इससे पितृ दोष कम होता है।

इस प्रकार यदि इतनी बातों के साथ साथ त्रिपिंडी श्राद्ध पूजा भी करवा लें तो आप पितृ दोष से पूर्णतया मुक्त हो जाएंगे।

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सुजीत जी महाराज author

सुजीत जी महाराज ज्योतिष और वास्तु विज्ञान एक्सपर्ट हैं जिन्हें 20 वर्षों का ज्योतिष, तंत्र विज्ञान का अनुभव हासिल हैं। 25000 से ऊपर लेख देश के कई बड़...और देखें

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