Pitru Paksha 2023 Tritiya Shraddha Subh Muhurat : 1 अक्टूबर को तृतीया श्राद्ध, जान लें इसका शुभ मुहूर्त
Pitru Paksha 2023: आश्विन कृष्ण पक्ष में पितरों की पूजा का पर्व पितृ पक्ष इस साल 29 सितंबर से शुरू हो गया है। इस दिन पूर्णिमा होती है इस बार पितृ पक्ष 16 दिनों तक चलेगा । इसमें पितरों का तर्पण और श्राद्ध किया जाता है। श्राद्ध करने के लिए यज्ञोपवीत धारण करना चाहिए। श्राद्ध के लिए दक्षिण दिशा सर्वोत्तम मानी जाती है।
Pitru Paksha 2023
Pitru Paksha 2023: तृतीया तिथि पर उन पूर्वजों का श्राद्ध किया जाता है, जिनकी मृत्यु तृतीया तिथि पर हुई हो। इस दिन शुक्ल पक्ष या कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि पर श्राद्ध किया जा सकता है। तृतीया श्राद्ध को तीज श्राद्ध भी कहा जाता है। पितृ पक्ष श्राद्ध पार्वण श्राद्ध है। इन श्राद्धों को संपन्न करने के लिए कुतुप, रौहिण आदि मुहूर्त शुभ माने जाते हैं। श्राद्ध कर्म दोपहर के समय तक पूरा कर लेना चाहिए। श्राद्ध के अंत में तर्पण किया जाता है।
आइए जानते हैं तृतीया तिथि के शुभ मुहूर्त के बारे में।
तृतीया तिथि
तृतीया श्राद्ध रविवार, अक्टूबर 1, 2023 को
कुतुप मूहूर्त - 11:47 ए एम से 12:34 पी एम
अवधि - 00 घण्टे 48 मिनट्स
रौहिण मूहूर्त - 12:34 पी एम से 01:22 पी एम
अवधि - 00 घण्टे 48 मिनट्स
अपराह्न काल - 01:22 पी एम से 03:45 पी एम
अवधि - 02 घण्टे 23 मिनट्स
तृतीया तिथि प्रारम्भ - अक्टूबर 01, 2023 को 09:41 ए एम बजे
तृतीया तिथि समाप्त - अक्टूबर 02, 2023 को 07:36 ए एम बजे
श्राद्ध के लिए क्या है जरूरी
श्राद्ध करने के लिए यज्ञोपवीत धारण करना चाहिए। श्राद्ध के लिए दक्षिण दिशा सर्वोत्तम मानी जाती है। तर्पण, तिल का दान और स्वधि वचन बोलकर किया गया श्राद्ध पितरों को तृप्त करता है।
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