Pitru Paksha Rules: श्राद्ध में मंदिर जाना शुभ है या नहीं, क्या घर में करा सकते हैं पूजा - जानें पितृ पक्ष के ये नियम
Pitru Paksha Rules and Rituals in Hindi (श्राद्ध के नियम): हिंदू मान्यताओं में पितृ पक्ष का बहुत महत्व माना गया है। पितरों को नमन करने के लिए श्राद्ध के दिनों में शुभ काम नहीं होती और नई चीजों की खरीदारी भी टाल दी जाती है। लेकिन यहां जानें कि पितृ पक्ष मंदिर जाना सही है या नहीं और क्या पितृ पक्ष में घर में पूजा करा सकते हैं?
Pitru Paksha Rules and Rituals in Hindi
Pitru Paksha Rules and Rituals in Hindi (श्राद्ध के नियम): हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बहुत महत्व है। पितृ पक्ष के समय किसी भी शुभ काम को नहीं किया जाता है। मान्यता है कि इन दिनों में पितृलोक के दरवाजे खुल जाते हैं और पूर्वज इस समय अपने रिश्तेदारों से मिलने के लिए स्वतंत्र होते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार पितृपक्ष की 16 दिनों की अवधि होती है। पितरों को प्रसन्न करने के लिए इन 16 दिनों में श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान किया जाता है। इस समय हम अपने मृत पूर्वजों को सम्मान देने के लिए इस परंपरा का निर्वाहन करते हैं। हिंदू कैलेंडर के अनुसार पितृ पक्ष भाद्रपद महीना आता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार सितंबर -अक्टूबर महीने में आता है। पितृ पक्ष को श्राद्ध या महालया पक्ष भी कहा जाता है और इसके कुछ नियम भी हैं।
can you perform puja At Home During Pitru Paksha?
क्या पितृ पक्ष के समय घर पर पूजा कर सकते हैं तो इसका जवाब है कि हां श्राद्ध के दौरान घर में पूजा की और कराई जा सकती है।
पितृपक्ष का मुख्य उद्देश्य अपने पितरों को सम्मान देना, उनकी पूजा करना है और इस दौरान ऐसे कार्यों से दूर रहना है जो उनके सम्मान में कमी ला सकते हैं। हिंदू धर्म में हम प्रकृति, पेड़ पौधे ,पशु पक्षी, नदी, पहाड़ और पत्थर तक की पूजा करते हैं। इस वजह से श्राद्ध के दिनों में भी पूजा पर रोक नहीं है क्योंकि जैसे आप पितरों का सम्मान कर रहे हैं, वैसे ही इस दौरान अपने घर में रखे देवी देवताओं का सम्मान भी आपकी जिम्मेदारी है।
Can you visit the Temple During Shradh?
क्या पितृ पक्ष के दौरान मंदिर में दर्शन के लिए जा सकते हैं? दरअसल, पितृ पक्ष के दौरान बहुत लोग मंदिर में जाने से बचते हैं लेकिन इन दिनों में पूजा स्थलों पर जाने की कोई रोक नहीं होती है। ऐसी मान्यता नहीं है कि आप पितृपक्ष के समय मंदिर नहीं जा सकते। आप आराम से अपने आराध्य के दर्शन कर सकते हैं। हां, इस दौरान आपको शुभ कार्य करने से बचना चाहिए और यज्ञ, हवन और शादी जैसे शुभ मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
अध्यात्म और ज्योतिष की दुनिया बेहद दिलचस्प है। यहां हर समय कुछ नया सिखने और जानने को मिलता है। अगर आपकी अध्यात्म और ज्योतिष में गहरी रुचि है और आप इस ...और देखें
3 दिसंबर की शाम में मनोवांछित फल की प्राप्ति का सुनहरा अवसर!
4 दिसंबर का शुद्ध पंचांग: जानिए शुभ-अशुभ मुहूर्त, राहुकाल, प्रदोष काल समय और भी बहुत कुछ
7 दिसंबर को मंगल की वक्री चाल, इन 4 राशि वालों को करेगी मालामाल
Guru Pushya Nakshatra 2025: नए साल में सिर्फ तीन दिन गुरु पुष्य नक्षत्र योग, नोट कर लें डेट्स
क्या आपकी भी बर्थ डेट 3, 12, 21 या 30 है? जानिए इन तारीखों में जन्म लेने वालों की खासियत
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited