पितृ पक्ष में नियमित करें पितृ स्तोत्र का पाठ, पितृ दोष से मिलेगा छुटकारा, सुख-समृद्धि की नहीं होगी कभी कमी

Pitru Stotra Lyrics (पितृ स्तोत्र pdf): मान्यताओं अनुसार पितृ स्तोत्र का नियम पूर्वक पाठ करने से घर परिवार में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है। साथ ही परिवार में कभी भी लड़ाई झगड़ा नहीं होता। चलिए जानते हैं पितृ स्तोत्र के लिरिक्स।

Pitru Stotra path lyrics

Pitru Stotra Lyrics In Hindi

Pitru Stotra Lyrics (पितृ स्तोत्र pdf): पितृ स्तोत्र पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। विशेष रूप से पितृ पक्ष में पितृ स्त्रोत का पाठ करना सबसे ज्यादा फलदायी माना जाता है। कहते हैं इसके पाठ से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही घर में सुख समृद्धि आती है। जिन लोगों की कुंडली में पितृ दोष है उन्हें तो नियमित रूप से इस स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। अगर रोजाना इस स्त्रोत का पाठ नहीं कर सकते हैं तो कम से कम चतुर्दशी और अमावस्या के दिन तो जरूर ही इस स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। चलिए जानते हैं पितृ स्तोत्र पाठ के लिरिक्स, फायदे और इसके पढ़ने का तरीका।

Sarv Pitru Amavasya 2024 Date

पितृ स्तोत्र (Pitru Stotra)

अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम् ।

नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम् ॥

इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा ।

सप्तर्षीणां तथान्येषां तान् नमस्यामि कामदान् ॥

मन्वादीनां मुनीन्द्राणां सूर्याचन्द्रमसोस्तथा ।

तान् नमस्याम्यहं सर्वान् पितृनप्सूदधावपि ॥

नक्षत्राणां ग्रहाणां च वाय्वग्न्योर्नभसस्तथा।

द्यावापृथिवोव्योश्च तथा नमस्यामि कृताञ्जलि: ॥

देवर्षीणां जनितृंश्च सर्वलोकनमस्कृतान् ।

अक्षय्यस्य सदा दातृन् नमस्येsहं कृताञ्जलि: ॥

प्रजापते: कश्यपाय सोमाय वरुणाय च ।

योगेश्वरेभ्यश्च सदा नमस्यामि कृताञ्जलि: ॥

नमो गणेभ्य: सप्तभ्यस्तथा लोकेषु सप्तसु ।

स्वयम्भुवे नमस्यामि ब्रह्मणे योगचक्षुषे ॥

सोमाधारान् पितृगणान् योगमूर्तिधरांस्तथा ।

नमस्यामि तथा सोमं पितरं जगतामहम् ॥

अग्रिरूपांस्तथैवान्यान् नमस्यामि पितृनहम् ।

अग्नीषोममयं विश्वं यत एतदशेषत: ॥

ये तु तेजसि ये चैते सोमसूर्याग्निमूर्तय:।

जगत्स्वरूपिणश्चैव तथा ब्रह्मस्वरूपिण: ॥

तेभ्योsखिलेभ्यो योगिभ्य: पितृभ्यो यतमानस:।

नमो नमो नमस्ते मे प्रसीदन्तु स्वधाभुज: ॥

॥ इति पितृ स्त्रोत समाप्त ॥

पितृ स्तोत्र का महत्व (Pitra Stotra Benefits)

पितृ स्त्रोत बेहद ही महत्वपूर्ण स्त्रोत माना जाता है। कहते हैं अगर इसका नियमित रूप से पाठ किया जाए तो जीवन में कई सकारात्मक चीजें होने लगती हैं। ये स्तोत्र पितृ दोष से मुक्ति दिलाने में भी सहायक सिद्ध होता है।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

लेटेस्ट न्यूज

लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited