Mantra Jaap: सुबह उठने से लेकर रात में सोने तक इन 5 मंत्रों का करें जाप, धन-धान्य की नहीं होगी कमी

Mantra Chanting: हमारे शास्त्रों में 5 ऐसे मंत्रों के बारे में बताया गया है जिसके दिन भर में जाप से जीवन में सुख-समृद्धि आने की मान्यता है।

mantra jaap

5 शक्तिशाली मंत्र

मुख्य बातें
  • मंत्र जाप से मन को शान्ति मिलती है
  • मंत्र जाप से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है
  • मंत्र जाप हमेशा सच्चे मन से करना चाहिए

Morning Mantra Chanting: हर व्यक्ति चाहता है कि उसके दिन की शुरुआत शानदार तरीके से हो। ऐसा इसलिए क्योंकि शास्त्रों में भी इस बारे में बताया गया है कि दिन की शरुआत जितनी अच्छी और सकारात्मक होगी उतना ही आपका दिन अच्छा गुजरने के चांस रहेंगे। जीवन में सकारात्मक ऊर्जा बनाए रखने के लिए सबसे जरूरी होता है समय से सोना और समय से उठना। आज यहां हम 5 ऐसे मंत्रों के बारे में बताएंगे जिनके दिन भर में जाप से आप अपने जीवन में सुख-समृद्धि ला सकते हैं। जानिए इन मंत्रों के बारे में।

पहला मंत्र- शास्त्रों अनुसार सुबह मनुष्य को जागते ही सबसे पहले अपनी हथेलियों के दर्शन करने चाहिए। दोनों हथेलियों को आपस में जोड़कर उसके दर्शन करते समय इस मंत्र का जाप करना चाहिए। मान्यता है इस मंत्र के जाप से जीवन में सुख-समृद्धि की कभी कमी नहीं होती।

'कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती।

करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम॥'

दूसरा मंत्र- फिर स्नान करते समय भी मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र के माध्यम से हम हमारी पवित्र नदियों गंगा, यमुना, नर्मदा, सिंधु, गोदावरी, सरस्वती, कावेरी इत्यादि नदियों का स्मरण करते हैं।

'गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति।

नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु'

तीसरा मंत्र: अधिकतर लोग सुबह-सुबह सूर्य देव को जल अर्पित करते हैं। बता दें सूर्य देव को जल चढ़ाते समय 'ऊं सूर्याय नम:' मंत्र का जाप जरूर करना चाहिए। इस मंत्र का कम से कम 11, 21 या 108 बार जाप जरूर किया जाना चाहिए।

चौथा मंत्र: हमारे शास्त्र और बड़े-बुजुर्ग अक्सर हमें भोजन का सम्मान करने की सलाह देते हैं। कहते हैं अन्न का अपमान देवी-देवताओं के अपमान करने के बराबार होता है। इसलिए जब भी भोजन करें तो उसके सम्मान के लिए इस मंत्र का जाप जरूर करें। इस मंत्र के द्वारा भगवान का अभार किया जाता है।

'ॐ सह नाववतु। सह नौ भुनक्तु। सह वीर्यं करवावहै। तेजस्विनावधीतमस्तु मा विद्विषावहै।। ऊं शान्ति: शान्ति: शान्ति:।'

पांचवां मंत्र- अंत में रात में सोने से पहले शयन मंत्र का जाप करने की सलाह दी जाती है। इस मंत्र के द्वारा ईश्वर से प्रार्थना की जाती है कि हे भगवान श्री हरि सभी दिशाओं से हमारी रक्षा करें।

जले रक्षतु वाराहः स्थले रक्षतु वामनः।

अटव्यां नारसिंहश्च सर्वतः पातु केशवः।।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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