Pradosh Vrat 2023: बुध प्रदोष व्रत के दिन बन रहे हैं अद्भुत संयोग, शुभ फल की होगी प्राप्ति
Pradosh Vrat 2023 Date: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। हर महीने में दो प्रदोष व्रत रखे जाते हैं। एक कृष्ण पक्ष का प्रदोष व्रत और दूसरा शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत। इस व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा का विधान है। यह व्रत त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। कब रखा जाएगा भादव महीने का आखिरी प्रदोष व्रत। इस दिन कौन से शुभ योग बन रहे हैं। यहां जानें सारी डिटेल।
pradosh vrat 2023
Pradosh Vrat 2023 Date: सनातन पंचांग के अनुसार हर माह कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी के दिन प्रदोष व्रत रखा जाता है। इस बार भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 27 सितंबर, बुधवार को पड़ रही है। बुधवार के दिन पड़ने के कारण इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाएगा। धार्मिक ग्रंथों का मत है कि बुध प्रदोष व्रत के दिन भगवान महादेव की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही जीवन में आने वाली सभी प्रकार की मानसिक और शारीरिक परेशानियां दूर हो जाती हैं। इसलिए, भक्त बुध प्रदोष व्रत के दिन महादेव के साथ-साथ देवी पार्वती की भी भक्तिपूर्वक पूजा करते हैं। ज्योतिषियों के अनुसार इस बार बुध प्रदोष व्रत पर अद्भुत शुभ संयोग बन रहे हैं। जिनमें दुर्लभ 'कौलव करण' भी शामिल हैं। आइए जानते हैं इन संयोग से क्या लाभ मिलने वाला है।
बुध प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त ( Budh Pradosh Vrat Shubh Muhurat)
भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 27 सितंबर को दोपहर 1:45 बजे शुरू हो रही है और 27 सितंबर को रात 10:28 बजे समाप्त होगी। सनातन धर्म में उदया तिथि मानी जाती है। इस कारण प्रदोष व्रत 27 सितंबर बुधवार को मनाया रखा जाएगा। इस दिन प्रदोष काल शाम 6 बजकर 12 मिनट से रात 8 बजकर 36 मिनट तक रहेगा।
प्रदोष व्रत शुभ योग
करण योग
बुध प्रदोष व्रत के दिन कौलव करण का योग रात्रि 12.03 मिनट पर बन रहा
है। ज्योतिष शास्त्र में कौलव करण को अत्यंत शुभ मानता है। कौलव करण में जन्म लेने वाले व्यक्ति धार्मिक होते हैं। वहीं कौलव करण के बाद रात्रि 10 बजकर 18 मिनट पर तैतिल करण योग बन रहा है।
रवि योग
बुध प्रदोष व्रत के दिन रवि योग बन रहा है। इस दिन रवि योग सुबह 7 बजकर 10 मिनट से शुरू हो रहा है और शाम 7:07 बजे तक रहेगा। इस योग में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने से साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है।
नक्षत्र योग
बुध प्रदोष व्रत के दिन धनिष्ठा नक्षत्र सुबह 7:10 बजे तक रहेगा। ज्योतिषी धनिष्ठा नक्षत्र को शुभ कार्यों के लिए सर्वोत्तम मानते हैं। इस दौरान आप महादेव की पूजा भी कर सकते हैं। आप शुभ कार्य भी कर सकते हैं। इसके बाद शतभिषा और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र आते हैं।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
अध्यात्म और ज्योतिष की दुनिया बेहद दिलचस्प है। यहां हर समय कुछ नया सिखने और जानने को मिलता है। अगर आपकी अध्यात्म और ज्योतिष में गहरी रुचि है और आप इस ...और देखें
24 November 2024 Panchang: मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की नवमी तिथि के शुभ मुहूर्त, राहुकाल समेत पूरा पंचांग यहां देखें
इन चार राशि वालों के जीवन में तबाही मचा देगा शुक्र का मकर राशि में गोचर, चेक करें कहीं आपकी राशि तो इनमें नहीं
Shani Gochar 2025: शनि के मीन राशि में गोचर से क्यों घबरा रहे हैं ज्योतिष, क्या तृतीय विश्व युद्ध की है आहट
Pradosh Vrat 2025: प्रदोष व्रत 2025, जानें जनवरी से दिसंबर तक की डेट्स
Ekadashi 2025: एकादशी व्रत 2025, जानें जनवरी से दिसंबर तक की डेट्स
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited