Pradosh Vrat 2023 Date: इस दिन रखा जाएगा भाद्रपद महीने का अंतिम प्रदोष व्रत, जान लें सही डेट और पूजा विधि
Pradosh Vrat 2023 Date: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। प्रदोष व्रत महीने में दो बार आता है। इस दिन विशेष रूप से भगवान शिव की पूजा की जाती है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन का व्रत रखने से साधक की हर इच्छा की पूर्ति होती है। कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत। इसकी पूजा विधि क्या है। यहां जानें सारी डिटेल।
Pradosh Vrat 2023
Pradosh Vrat 2023 Date: भाद्रपद मास का दूसरा प्रदोष व्रत बहुत विशेष माना जाता है। प्रदोष व्रत जहां भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है वहीं इस समय गणेश उत्सव चल रहा है। गणेश उत्सव के दौरान पड़ने वाले प्रदोष व्रत को विशेष सिद्धि प्राप्त होती है। इस दिन व्रत और पूजा करने से शिव-पार्वती के साथ-साथ गणपति की भी विशेष कृपा आप पर बरसेगी। सभी शुभ कार्य बिना विघ्न के सम्पन्न होंगे। विवाह, वैवाहिक जीवन और आर्थिक समस्याएं दूर होंगी। इस व्रत को करने से शिव परिवार का आशीर्वाद आप बना रहेगा। आइए जानते हैं इस बार किस दिन किया जाएगा प्रदोष व्रत।
कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत ( Pradosh Vrat 2023 Date)इस वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष का प्रदोष व्रत 27 सितंबर 2023 दिन बुधवार को है इसलिए इसे बुध प्रदोष व्रत कहा जाता है। गणेश उत्सव पर बुध प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। इस दिन व्रत करने वाले को अनंत पुण्य की प्राप्ति होती है।
प्रदोष व्रत पूजा विधि ( Pradosh Vrat 2023 Puja Vidhi)
- अगर आप बुध प्रदोष का व्रत करना चाहते हैं तो एक दिन पहले तामसिक भोजन न करें।
- अगली सुबह स्नान करें और साफ कपड़े पहनें।
- इसके बाद वे पूजा स्थल पर जल ग्रहण करते हैं और बुध प्रदोष का व्रत करने और भगवान शिव की पूजा करने का संकल्प लें।
- सबसे पहले भगवान शिव को गंगाजल से अभिषेक करें।
- उसके बाद शिव जी को चंदन लगाएं और फूल अर्पित करें।
- पूजा के अंत में भगवान शिव, माता पार्वती, भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की आरती की जाती है।
प्रदोष व्रत महत्व (Budh Pradosh Vrat Importance)
भाद्रपद का आखिरी प्रदोष बुधवार को पड़ता है और यह दिन गणपति को समर्पित है। इसके साथ ही गणेश उत्सव भी होता है और संतान प्राप्ति के लिए बुध प्रदोष का व्रत विशेष होता है। इस दिन शिव परिवार की पूजा करने वालों के घर योग्य संतान का जन्म होता है। इस व्रत के पालन से बच्चों को भी लाभ होता है। बच्चों की बुद्धि का विकास होता है और उनकी तार्किक क्षमता बढ़ती है। बुधवार के दिन तेजी से आने वाले प्रदोष को सौम्यवारा प्रदोष भी कहा जाता है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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