Sawan 2023: सावन में कब रखा जाएगा प्रदोष व्रत?
Guru Pradosh Vrat 2023: सनातन धर्म के अनुसार शास्त्रों में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कुछ खास व्रत बताए गए हैं और उनमें प्रदोष व्रत का जिक्र सबसे ज्यादा किया जाता है। शास्त्रों में प्रदोष काल या प्रदोष काल को भगवान शिव की पूजा के लिए सबसे अच्छा और पवित्र समय माना गया है। मान्यता है कि इस दिन पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करने से सभी पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
ऐसा कहा जाता है कि यह भगवान शिव के लिए सबसे विशेष अवधि है क्योंकि वह प्रदोष के दौरान कैलाश पर्वत पर डमरू बजाकर ब्रह्मांड को प्रसन्न करने के लिए नृत्य करते हैं। इसके साथ ही इस दौरान सभी देवी-देवता भगवान शिव की स्तुति करने के लिए कैलाश पर्वत पर आते हैं।
शुक्र प्रदोष व्रत 2023 की तिथि और समय - Date & Time Of Guru Pradosh Fast 2023
प्रदोष व्रत हर माह की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 14 जुलाई 2023 को पड़ेगी, इसे शुक्र प्रदोष कहा जायेगा। इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि, विलासिता और संतुष्टि आती है। प्रदोष का व्रत शाम को अंतिम पूजा तक रखा जाता है।
शुक्र प्रदोष व्रत पूजा विधि - Puja Vidhi For Pradosh Fast 2023
प्रदोष के समय स्नान करके, स्वच्छ होकर, स्वच्छ सफेद वस्त्र धारण करके पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठना चाहिए। भगवान शंकर की पूजा के लिए इसे सिद्ध करना चाहिए। सबसे पहले विधिपूर्वक और शास्त्रोक्त विधि से गणेश जी की पूजा करें, फिर शंकर जी की प्रतिमा की पूजा करें, पंचामृत स्नान कराएं। छवि को साफ करके आसन पर रखना चाहिए। छवि पर चंदन, हल्दी, कुंकु लगाएं। व्रत से जुड़ी कथा पढ़ें और नैवेद्य दिखाकर आरती करनी चाहिए।
प्रदोष व्रत 2023 का महत्व - Significance of Pradosh Fast 2023
हिंदू धर्मग्रंथों, विशेषकर शिवपुराण में गुरु प्रदोष व्रत का विस्तार से वर्णन किया गया है। ऐसा माना जाता है कि प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही इस व्रत के दौरान पूरी आस्था और विधि-विधान से भगवान शिव की पूजा करने वाले व्यक्ति को अपार समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। यह व्रत व्यक्ति के वैवाहिक जीवन में चल रही सभी समस्याओं के साथ-साथ किसी भी प्रकार के रोग और कष्ट से छुटकारा दिलाने में भी सहायक माना जाता है। इतना ही नहीं, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करने से व्यक्ति की कुंडली से कालसर्प दोष और मांगलिक दोष से छुटकारा मिलता है।
गुरु प्रदोष पर करें ये उपाय - Perform These Remedies On Shukra Pradosh
शिवलिंग पर गुलाब का अर्क चढ़ाएं: सुखी और शांतिपूर्ण वैवाहिक जीवन के लिए गुरु प्रदोष की शाम को शिवलिंग पर और माता पार्वती के चरणों में गुलाब की पंखुड़ियों का अर्क चढ़ाएं। विवाहित दम्पति इस अर्क का थोड़ा सा हिस्सा अपनी आंखों पर भी लगा सकते हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से आपके वैवाहिक जीवन में चल रही सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी।
विवाहित जोड़े 11 गुलाब चढ़ाते हैं: यदि पति-पत्नी के बीच लगातार झगड़े होते रहते हैं, तो पति-पत्नी को सलाह दी जाती है कि वे प्रदोष व्रत की शाम को 11 गुलाब के फूलों पर चंदन का इत्र लगाएं और एक-एक करके शिवजी पर चढ़ाएं। ऐसा करते समय “ओम नमः शिवाय” मंत्र का जाप करें । इससे शादीशुदा जोड़े के बीच प्यार बढ़ेगा।
भगवान शिव और माता पार्वती को वस्त्र अर्पित करें: प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और उनके पूरे परिवार की पूजा करें और देवी पार्वती को लाल वस्त्र और भगवान शिव को सफेद वस्त्र चढ़ाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
गुड़ या तिल के जल से अभिषेक करें: इस दिन घर में समृद्धि लाने और सभी रोगों से छुटकारा पाने के लिए गुड़ के जल या जल में काले तिल मिलाकर अभिषेक करना शुभ माना जाता है।