Pradosh Vrat Puja Vidhi: शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा विधि स्टेप बाय स्टेप यहां देखें

Pradosh Vrat July 2023: सावन का पहला प्रदोष व्रत (Sawan Pradosh Vrat 2023 Kab Hai) शुक्र प्रदोष व्रत होगा। मान्यता है इस व्रत को करने से व्यक्ति के जीवन में धन-धान्य की कभी कमी नहीं होती। जानिए शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व।

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Pradosh Vrat 2023 Date And Muhurat

मुख्य बातें
  • प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है
  • सावन का पहला प्रदोष व्रत 14 जुलाई को रखा जाएगा
  • इस सावन कुल 4 प्रदोष व्रत पड़ेंगे

Shukra Pradosh Vrat 2023 Puja Vidhi: शास्त्रों अनुसार प्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा पाने का एक अचूक उपाय है। ये व्रत हर महीने में 2 बार आता है। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शक्ल पक्ष में। 14 जुलाई को सावन का पहला प्रदोष व्रत (Sawan Ka Pehla Pradosh Vrat) रखा जाएगा। ये शुक्र प्रदोष व्रत होगा। दरअसल जब त्रयोदशी तिथि तिथि शुक्रवार को पड़ती है तो उसे शुक्रवार प्रदोष व्रत (Shukra Pradosh Vrat) के नाम से जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार ये व्रत रखने से भक्तों की सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं। इतना ही नहीं जिनके जीवन में वैवाहिक परेशानियां चल रही हों उनके लिए भी ये व्रत बेहद फलदायी माना गया है। जानिए सावन के पहले प्रदोष व्रत की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

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शुक्र प्रदोष व्रत तिथि और पूजा मुहूर्त (Pradosh Vrat 2023 Date And Muhurat)

14 जुलाई को शाम 7 बजकर 17 मिनट से सावन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ हो रहा है, जो 14 जुलाई की रात 8 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। शुक्र प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त 14 जुलाई को शाम 07 बजकर 20 मिनट से रात के 07 बजकर 40 मिनट तक रहेगा।

शुक्र प्रदोष व्रत पूजा विधि (Shukra Pradosh Vrat Puja Vidhi)

  • शुक्र प्रदोष व्रत वाले दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठ जाएं।
  • स्नानादि के बाद साफ कपड़े पहनकर शुक्र प्रदोष व्रत का संकल्प लें।
  • उसके बाद भगवान शिव की विधि विधान पूजा करें।
  • उन्हें बेलपत्र, अक्षत, दीप, धूप, गंगाजल आदि चढ़ाएं।
  • इस व्रत में निराहार रहें। अन्न का बिल्कुल भी सेवन न करें।
  • पूरे दिन का उपवास रखने के बाद सूर्यास्त के समय फिर से स्नान करें।
  • शाम में प्रदोष काल के दौरान उतर-पूर्व दिशा में मुंह करके आसन पर बैठ जाएं और शिव जी जल से स्नान कराएं।
  • रोली, मौली, चावल, धूप, दीप आदि से शिव जी की पूजा करें।
  • भगवान शिव को चावल की खीर का भोग लगाएं और उन्हें फल अर्पण करें।
  • फिर ओम नम: शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें।

शुक्रवार प्रदोष व्रत के लाभ (Shukra Pradosh Vrat Benefits)

शुक्रवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष व्रत को शुक्र प्रदोष और भ्रुगुवारा प्रदोष भी कहते हैं। शुक्र प्रदोष व्रत करने से व्यक्ति को अच्छे सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही ऐसे लोगों को भगवान शिव की कृपा से हर काम में सफलता मिलती है।

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