Pradosh Vrat 2023: आज रखा जाएगा रवि प्रदोष व्रत, जानें- पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और मंत्र
Pradosh Vrat Puja Vidhi, Muhurat and Mantras: प्रदोष व्रत को प्रदोषम के नाम से भी जाना जाता है। प्रदोष व्रत कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों की त्रयोदशी तिथि (13वें दिन) को मनाया जाता है और इसलिए ये हिंदू कैलेंडर में हर महीने में दो बार आता है।
Pradosh Vrat 2023: कल रखा जाएगा रवि प्रदोष व्रत।
Pradosh Vrat Puja Vidhi, Muhurat and Mantras: प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat) भगवान शिव (Lord Shiva) और मां पार्वती को समर्पित शुभ व्रतों में से एक है। इसे प्रदोषम के नाम से भी जाना जाता है। प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2023) कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों की त्रयोदशी तिथि (13वें दिन) को मनाया जाता है और इसलिए ये हिंदू कैलेंडर में हर महीने में दो बार आता है। कल यानी 30 जुलाई (रविवार का दिन) को प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat Date) रखा जाएगा। भक्त इस दिन मूर्ति स्थापित करने, दीये जलाने, मिठाई चढ़ाने और मंत्रों का जाप करने सहित विभिन्न अनुष्ठान करके भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा करते हैं। आइए जानते हैं प्रदोष व्रत पूजा विधि, मुहूर्त और मंत्र।
प्रदोष व्रत मुहूर्त (Pradosh Vrat Muhurat)
प्रदोष व्रत | 30 जुलाई 2023, रविवार |
प्रदोष व्रत पूजा मुहूर्त | 30 जुलाई की रात 07:31 से 08:32 तक। |
सर्वार्थ सिद्धि योग | 30 जुलाई की सुबह 05:43 से रात 09:32 तक। |
रवि योग | 30 जुलाई की रात 09:32 से 31 जुलाई की सुबह 05:43 तक। |
प्रदोष व्रत पूजा विधि (Pradosh Vrat Puja Vidhi)
- भक्तों को सुबह जल्दी उठकर साफ पानी से स्नान करना चाहिए।
- इसके बाद अपने घर के मंदिर में शिव परिवार की मूर्ति रखें और देसी घी का दीया जलाएं।
- पूजा करने के लिए भगवान शिव और देवी पार्वती को मोगरा और गुलाब के फूल चढ़ाएं और फिर कुछ मिठाई का भोग लगाएं।
- भगवान महादेव को प्रसन्न करने के लिए भक्तों को बेल पत्र और भांग अवश्य चढ़ाना चाहिए।
- इसके बाद अब प्रदोष व्रत कथा, शिव चालीसा और भगवान शिव की आरती का पाठ करें।
- घर पर पूजा करने के बाद किसी मंदिर जाएं और वहां पूजा करें। इस दौरान "ओम नमः शिवाय" का जाप करें।
- इस दिन भक्तों को महामृत्युंजय मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए।
- भक्त भगवान शिव और देवी पार्वती को भोग प्रसाद परोस कर अपना व्रत खोल सकते हैं।
- इस दिन खासतौर से व्रत रखने वाले भक्तों को लहसुन-प्याज रहित सात्विक भोजन ही करना चाहिए।
प्रदोष व्रत के दिन इन मंत्रों का जरूर करें जाप (Pradosh Vrat Mantras)
महामृत्युंजय मंत्र
ॐ हौं जूं सः ॐ भूर्भुवः स्वः ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् उर्वारुकमिव बन्धनान्मृ त्योर्मुक्षीय मामृतात् ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ
शिव आरोग्य मंत्र
माम् भयात् सवतो रक्ष श्रियम् सर्वदा।
आरोग्य देही में देव देव, देव नमोस्तुते।।
ओम त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्।।
शिव स्तुति मंत्र
द: स्वप्नदु: शकुन दुर्गतिदौर्मनस्य, दुर्भिक्षदुर्व्यसन दुस्सहदुर्यशांसि।
उत्पाततापविषभीतिमसद्रहार्ति, व्याधीश्चनाशयतुमे जगतातमीशः।।
शिव गायत्री मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्।
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