Pradosh Vrat In May 2024: मई में प्रदोष व्रत कब है, नोट कर लें सही डेट, उचित पूजन विधि और शुभ मुहूर्त
Pradosh Vrat In May 2024 (मई में प्रदोष व्रत कब है): हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व माना गया है। मान्यताओं अनुसार जो भक्त सच्चे मन से ये व्रत रखता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। यहां जानिए मई में प्रदोष व्रत कब है, क्या है इसकी सही पूजा विधि और शुभ मुहूर्त।
Pradosh Vrat (Trayodashi Vrat) In May 2024: प्रदोष व्रत को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को रखने वाले व्यक्ति को गौ-दान के बराबर फल प्राप्त होता है। ये व्रत अत्यंत शुभ फलदायी माना जाता है। इस व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। पंचांग अनुसार प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार पड़ता है। एक शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को तो दूसरा कृष्ण त्रयोदशी को पड़ता है। इसलिए इसे त्रयोदशी व्रत (Trayodashi Vrat Kab Hai May 2024) के नाम से भी जाना जाता है। जानिए मई में प्रदोष व्रत कब-कब पड़ेगा और क्या है इसकी सही पूजा विधि।
May Mahine Me Pradosh Vrat Kab Hai (मई महीने में प्रदोष व्रत कब है)
5 मई 2024, मई का पहला प्रदोष व्रत
मई महीने का पहला प्रदोष व्रत 5 मई को रखा जाएगा। ये रवि प्रदोष व्रत होगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 59 मिनट से रात 9 बजकर 6 मिनट तक रहेगा।
20 मई 2024, मई महीने का दूसरा प्रदोष व्रत
20 तारीख को मई महीने का दूसरा प्रदोष व्रत रखा जाएगा। ये सोम प्रदोष व्रत होगा। इस दिन पूजा का शुभ समय शाम 7 बजकर 8 मिनट से रात 9 बजकर 12 मिनट तक रहेगा।
Pradosh Vrat Puja Vidhi (प्रदोष व्रत पूजन विधि)
- प्रदोष व्रत की पूजा में कोशिश करें कि सफेद या हल्के रंग के ही कपड़ें पहनें।
- सुबह उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें। फिर भगवान शिव के मंदिर जाकर शिवलिंग का अभिषेक करें।
- अगर मंदिर जाना संभव न हो तो आप घर पर ही भगवान शिव का अभिषेक कर सकते हैं।
- पूजा के समय भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का जाप करते रहें।
- इस दिन भगवान शिव के ऊपर बेलपत्र जरूर चढ़ाएं।
- साथ ही शाम में भी शुभ मुहूर्त में प्रदोष व्रत की विधि विधान पूजा करें और व्रत कथा भी सुनें।
- इसके बाद भगवान शिव को भोग चढ़ाएं और पूजा के बाद प्रसाद सभी लोगों में बांट दें।
Pradosh Vrat Kitne Rakhne Chahiye (प्रदोष व्रत कितने रखने चाहिए)
प्रदोष व्रत को कुल ग्यारह या फिर 26 त्रयोदशियों तक रखना चाहिए और इसके बाद इसका विधि विधान उद्यापन कर देना चाहिए। प्रदोष व्रत में इस बात का खास ख्याल रखें कि इस दिन सुबह और शाम दोनों समय भगवान भोलेनाथ की विधि विधान पूजा जरूर करें। साथ ही प्रदोष व्रत की कथा भी सुनें।
Pradosh Vrat Mahatva (प्रदोष व्रत महत्व)
कहते हैं प्रदोष व्रत रखने से इंसान के समस्त दुःख और कष्ट दूर हो जाते हैं। इतना ही नहीं मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। इस व्रत के माध्यम से इंसान भगवान शिव की पूजा करके अपने पापों से मुक्ति पा लेता है।
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लवीना शर्मा author
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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