Pradosh Vrat July 2023: 30 या 31 जुलाई प्रदोष व्रत कब है? जानिए सही डेट और मुहूर्त

Pradosh Vrat July 2023 Date And Time: सावन अधिक मास का पहला प्रदोष व्रत (Sawan Adhik Maas Pradosh Vrat 2023) जुलाई में रखा जाएगा। खास बात ये है कि इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग भी रहेगा। जानिए जुलाई प्रदोष व्रत कब है (July Pradosh Vrat Kab Hai)।

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Pradosh Vrat July 2023: जुलाई प्रदोष व्रत डेट और मुहूर्त

Pradosh Vrat July 2023 Date And Time: भगवान शिव की विशेष कृपा पाने के लिए भक्तजन प्रदोष व्रत रखते हैं। ये व्रत हर महीने के शुक्ल और कृष्ण दोनों पक्षों में आता है। ये व्रत स्त्री और पुरुष कोई भी रख सकता है। मान्यता है इस व्रत को करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। संतान सुख की प्राप्ति के लिए इस व्रत का विशेष महत्व माना जाता है। सावन अधिकमास (Sawan Adhik Maas 2023) का पहला प्रदोष व्रत जुलाई में पड़ेगा। जानिए प्रदोष व्रत जुलाई 2023 (Pradosh Vrat Kab Hai 2023) की तिथि और मुहूर्त।

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प्रदोष व्रत 2023 तिथि और मुहूर्त (Pradosh Vrat 2023 Date And Time)

प्रदोष व्रत की त्रयोदशी तिथि 30 जुलाई की सुबह 10 बजकर 34 मिनट पर शुरू होगी और इसकी समाप्ति सुबह 31 जुलाई की सुबह 7 बजकर 26 मिनट पर होगी। जानिए प्रदोष व्रत के दिन के शुभ मुहूर्त।

प्रदोष व्रत जुलाई 2023 पूजा मुहूर्तशाम 07:21 बजे से रात 09:24 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्तसुबह 04:08 बजे से 04:50 बजे तक
प्रातः सन्ध्यासुबह 04:29 से 05:32 तक
अभिजित मुहूर्तसुबह 11:48 बजे से दोपहर 12:42 बजे तक
विजय मुहूर्तदोपहर 02:29 से 03:23 तक
गोधूलि मुहूर्तशाम 06:57 से 07:19 तक
सायाह्न सन्ध्याशाम 06:57 बजे से रात 08:01 बजे तक
अमृत कालदोपहर 03:41 बजे से शाम 05:09 बजे तक
निशिता मुहूर्तरात 11:54 बजे से 12:36 ए एम, जुलाई 31 तक
सर्वार्थ सिद्धि योगसुबह 05:32 से रात 09:32 तक
रवि योगरात 09:32 से सुबह 05:33, जुलाई 31 तक
प्रदोष व्रत की पूजा में इन बातों का रखें ख्याल (Pradosh Vrat Niyam)

प्रदोष व्रत में इस बात का खास ख्याल रखें कि इस दिन सुबह और शाम दोनों समय पूजा करनी चाहिए। संभव हो तो इस दिन निर्जला व्रत रखें। अगर ऐसा न कर पाएं तो फलाहार पर रह सकते हैं। लेकिन इस व्रत में अन्न नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा प्रदोष व्रत को कुल ग्यारह या फिर 26 त्रयोदशियों तक रखना चाहिए और इसके बाद इसका उद्यापन कर देना चाहिए। आप चाहें तो उद्यापन के बाद फिर से प्रदोष व्रत शुरू कर सकते हैं।

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