Pradosh Vrat Vidhi: प्रदोष व्रत विधि, पूजा मुहूर्त, सामग्री, कथा, मंत्र, आरती, नियम, फायदे समेत सारी जानकारी यहां

Pradosh Vrat Vidhi, Niyam, Katha, Food: प्रदोष व्रत प्रत्येक महीने की त्रयोदशी तिथि को रखा जाता है। इस व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है। यहां आप जानेंगे प्रदोष व्रत क्या होता है, कैसे रखते हैं, कब शुरू कर सकते हैं, किसे रखना चाहिए, इसके नियम और पूजा विधि क्या है।

Pradosh Vrat Kaise Kiya Jata Hai

Pradosh Vrat Vidhi, Niyam, Katha, Aarti, Mahatva, Benefits, Food List: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बड़ा महत्व माना जाता है। जो प्रत्येक महीने की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है। इस तरह से एक महीने में दो प्रदोष व्रत और साल में 24 या 25 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। इस व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है और शिव पूजा के लिए प्रदोष काल समय सबसे उत्तम माना जाता है। मान्यताओं अनुसार प्रदोष व्रत रखने से व्यक्ति को दो गाय दान करने के बराबर पुण्य फल प्राप्त होता है। कई जगहों पर ये व्रत प्रदोषम के नाम से भी जाना जाता है। चलिए अब जानते हैं प्रदोष व्रत के बारे में विस्तृत जानकारी।

प्रदोष व्रत कब रखा जाता है? (Pradosh Vrat Kab Rakha Jata Hai)

प्रदोष व्रत प्रत्येक महीने की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है। एक महीने में दो त्रयोदशी पड़ती है एक शुक्ल पक्ष में और एक कृष्ण पक्ष में। इस तरह से एक महीने में 2 और साल में कुल 24 प्रदोष व्रत पड़ते हैं। कई बार त्रयोदशी व्रत पर शिवरात्रि का भी शुभ संयोग बन जाता है।

प्रदोष व्रत में किस देवता की पूजा होती है (Pradosh Vrat Mein Kiski Puja Hoti Hai)

प्रदोष व्रत में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा होती है। इस दिन शिवलिंग की पूजा करना बेहद शुभ माना जाता है। प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र जरूर चढ़ाने चाहिए।
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