Pradosh Vrat Katha In Hindi: बुध प्रदोष व्रत आज, अगर रखा है व्रत तो जरूर पढ़ें ये पावन कथा

Pradosh Vrat Katha In Hindi: बुधवार को जब प्रदोष व्रत पड़ता है तो उसे बुध प्रदोष व्रत के नाम से जानते हैं। जानिए इस व्रत में किस कथा को पड़ना अनिवार्य होता है।

बुध प्रदोष व्रत कथा

प्रदोष व्रत को त्रयोदशी के नाम से जाना जाता है। ये प्रत्येक महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष त्रयोदशी को आता है। इस व्रत में भगवान शिव की पूजा होती है। हिंदू धर्म में इस व्रत का खास महत्व होता है। मान्यताओं अनुसार इस व्रत को करने से मनचाही मनोकामना पूर्ण हो जाती है। वार के अनुसार जो प्रदोष व्रत करते हैं उसी के अनुरूप फल की प्राप्ति होती है। आज यहां हम बात करेंगे बुध प्रदोष व्रत के बारे में। जानिए इस व्रत की पावन कथा।
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बुध प्रदोष व्रत कथा (Budh Pradosh Vrat Katha)

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बुध प्रदोष व्रत की कथा के अनुसार एक पुरुष की नई-नई शादी हुई थी। शादी के दो दिन बाद उसकी पत्नी मायके चली गई। कुछ दिनों के बाद वो पुरुष पत्‍नी को लेने उसके घर गया। बुधवार को जब वो पत्‍नी के साथ लौटने लगा तो ससुराल पक्ष ने उसे रोकने की पूरी कोशिश की कहा कि विदाई के लिए बुधवार शुभ नहीं होता। लेकिन वह नहीं माना और पत्‍नी को लेकर बैल गाड़ी में चल पड़ा।
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