Pran Pratishtha Kya Hoti Hai: प्राण प्रतिष्ठा क्या होती, कैसे की जाती है, क्यों जरूरी है

Pran Pratishtha Kya Hoti Hai (प्राण प्रतिष्ठा क्या है): ये तो सभी जानते हैं कि 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। लेकिन आखिर प्राण प्रतिष्ठा क्या होती है? ये कम ही लोग जानते हैं। यहां हम आपको बताएंगे प्राण प्रतिष्ठा का मतलब।

Pran Pratishtha Kya Hoti Hai

Pran Pratishtha Kya Hoti Hai

Pran Pratishtha Kya Hoti Hai (प्राण प्रतिष्ठा क्या होती है): पिछले कुछ दिनों से 'प्राण प्रतिष्ठा' शब्द के बारे में काफी सुनने को मिल रहा है। लेकिन ज्यादातर लोग इस बारे में नहीं जानते होंगे कि असल में प्राण प्रतिष्ठा होती क्या है और इसे क्यों किया जाता है। धर्म गुरुओं की मानें तो मूर्ति स्थापना के समय प्रतिमा रूप को जीवित करने की विधि को प्राण प्रतिष्ठा कहते हैं। जिसमें प्राण शब्द का अर्थ जीवन शक्ति से होता है तो प्रतिष्ठा का मतलब स्थापना है। इस तरह से प्राण प्रतिष्ठा का मतलब हुआ जीवन शक्ति की स्थापना करना। पंडित सुजीत जी महाराज से जानिए मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा क्यों जरूरी है और इसकी विधि क्या है।

प्राण प्रतिष्ठा की विधि (Pran Pratishtha Vidhi)

पंडित सुजीत जी महाराज अनुसार सर्वप्रथम जिस देवी देवता की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा होनी है। उसे गंगा जल व कम से कम 05 पवित्र नदी के जल से स्नान करवाते हैं। फिर साफ वस्त्र से मूर्ति को पोछते हैं। फिर प्रतिमा को नवीन वस्त्र धारण करवाते हैं। फिर मूर्ति को आसन पर विराजमान करके चंदन का लेप लगाते हैं। इसके बाद उसका विधिवत श्रृंगार होता है और निहित मंत्रोचार के बाद विधिवत शास्त्रवत वर्णित विधि से प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। प्राण प्रतिष्ठा के पहले उस मूर्ति का नगर में विधिवत यात्रा होती है। यह एक सामान्य विधि है। इसमें ज्योतिष व कर्मकांड के विद्वान पूरे नियम से प्राण प्रतिष्ठा करते हैं। भगवान का भोग लगाते हैं। हर देवता का पुष्प,अकच्छत, भोग अलग अलग होता है।

प्राण प्रतिष्ठा का महत्व (Pran Pratishtha Ka Mahatva)

बिना प्राण प्रतिष्ठा के मूर्ति की पूजा नहीं होती। जिस भी देवता या भगवान की प्राण प्रतिष्ठा होती है, वह विग्रह सीधे उस देवता या भगवान के जैसा उसी स्वरूप व एकदम वैसा ही आवतारिक स्वरूप हो जाता है। यह भगवान के साकार स्वरूप की उपासना पद्धति का श्रेष्ठतम तरीका है। मंदिरों में भगवान की प्रतिमा स्थापित करने से पहले उसकी प्राण प्रतिष्ठा जरूर की जाती है। कहते हैं ऐसा करने से मूर्ति में प्राण आ जाते हैं और वे पूजनीय हो जाती है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

    TNN अध्यात्म डेस्क author

    अध्यात्म और ज्योतिष की दुनिया बेहद दिलचस्प है। यहां हर समय कुछ नया सिखने और जानने को मिलता है। अगर आपकी अध्यात्म और ज्योतिष में गहरी रुचि है और आप इस ...और देखें

    End of Article

    © 2024 Bennett, Coleman & Company Limited