Puja Tips: पूजा के दौरान दीपक जलाने में कहीं आप भी तो नहीं दोहराते ये गलतियां, पढ़ें दीप प्रज्जवलन का सही तरीका क्या है

Puja Tips: दीपक के बगैर पूजा अधूरी रहती है। मंदिर में श्रीविग्रह के सामने ही दीपक रखना चाहिए। दीपक जलाने से नकारात्मकता नष्ट होती है। दीपक पश्चिम दिशा में जलाएं। खंडित दीपक जलाने से भारी नुकसान हो सकता है। लक्ष्मी जी रुष्ट हो जाती हैं । निर्धारित समय के अनुसार ही दीपक जलाएं।

दीपक जलाने का सही तरीका।

मुख्य बातें
  • गलत दिशा में दीपक जलाना पड़ सकता है भारी
  • घी और तेल के दीपक में होता है अलग- अलग बाती का प्रयोग
  • भगवान के श्रीविग्रह के सामने ही रखना चाहिए दीपक

Puja Tips: सनातन धर्म में पूजन के समय या अन्य शुभ कार्यों के दौरान दीपक प्रज्वलित अवश्य ही किया जाता है। पूजा तब तक अधूरी मानी जाती है, जब तक कि दीपक से अराध्य की आरती न कर ली जाए। मंदिर हो या घर, सुबह शाम दीपक जरूर जलाया जाता है। दीपक जलाने के पीछे सबसे प्रमुख कारण है कि तेल की या घी की बाती प्रज्वलित करने से नकारात्मकता नष्ट होती है। आसपास के विषाणु नष्ट होते हैं। सकारात्मकता का वास होता है।

घर या मंदिर में दीपक जलाते वक्त अक्सर लोग जाने अनजाने में भूल कर बैठते हैं। जिस कारण पूजा का पूरा फल नहीं मिल पाता। दीपक को मंदिर में रखने के स्थान से लेकर उसकी बाती तक के बारे में आइये आपको बताते हैं महत्वपूर्ण जानकारी।

दीपक का सही स्थान

अक्सर लोग पूजा करने के दौरान दीपक सही तरीके से मंदिर में नहीं रखते। अब मंदिरों में तो दीपक रखने के निश्चित स्थान होते हैं लेकिन घर के पूजालय में तो स्थान हम स्वयं ही बनाते हैं। बहुत बार स्थानाभाव के कारण दीपक भगवान के कोने में रख दिया जाता है। जबकि दीपक जलाने का सही स्थान आपके और भगवान के श्रीविग्रह के मध्य होता है। घर में मंदिर इस तरह होना चाहिए कि आप आसानी से भगवान के श्री विग्रह के दर्शन आमने सामने कर सकें। श्रीविग्रह के ठीक सामने ही दीपक को रखना चाहिए।

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