अगर सूट कर जाए तो मालामाल बना सकता है ये रत्न, गुरु ग्रह को करता है मजबूत
Yellow Sapphire Gemstone Benefits: ज्योतिष अनुसार हर रत्न का किसी न किसी ग्रह से संबंध होता है। आज यहां हम एक ऐसे रत्न के बारे में बताएंगे जो सबसे शुभ ग्रह बृहस्पति को मजबूत करता है। साथ ही व्यक्ति के धन-धान्य में वृद्धि का कारक बनता है।
Pukhraj Ke Fayde: पुखराज के फायदे
- पुखराज रत्न बृहस्पति ग्रह के शुभ प्रभावों में बढ़ोतरी करने के लिए पहना जाता है।
- इस रत्न को धारण करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
- ज्योतिष अनुसार अगर ये रत्न सूट कर जाए तो ये व्यक्ति की किस्मत बदल देता है।
Pukhraj Stone Benefits: वैदिक ज्योतिष में पुखराज रत्न को बेहद ही प्रभावशाली रत्न माना जाता है। ये रत्न गुरु ग्रह की मजबूती के लिए धारण किया जाता है। ज्योतिष में गुरु ग्रह को सुख-समृद्धि और धन-दौलत का कारक माना जाता है। इस ग्रह की मजबूत स्थिति व्यक्ति को सुखी और संपन्न जीवन प्रदान करती है। इस रत्न को धारण करने के ढेरों लाभ बताए गए हैं। जानिए पुखराज रत्न के फायदे और किन राशियों के लिए ये रत्न माना जाता है वरदान।
किन राशियों को धारण करना चाहिए पुखराज? ज्योतिष अनुसार अगर पुखराज रत्न किसी व्यक्ति को सूट कर जाए तो ये 30 दिनों के अंदर अपना कमाल दिखाने लगता है। क्योंकि ये रत्न बृहस्पति ग्रह से संबंधित है इसलिए बृहस्पति के स्वामित्व वाली राशियों यानी धनु और मीन वालों के लिए ये वरदान साबित होता है। इसके साथ ही मेष, कर्क, सिंह और वृश्चिक राशियों के जातक भी इस रत्न को पहन सकते हैं।
किन लोगों को नहीं धारण करना चाहिए पुखराज? ज्योतिष अनुसार वृषभ, मिथुन, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि के लोगों को ये रत्न धारण नहीं करना चाहिए। कुछ विशेष परिस्थितियों में ही इन राशि के लोग इस रत्न को पहन सकते हैं।
इन रत्नों के साथ न पहनें पुखराज: पुखराज पन्ना, नीलम, हीरा, गोमेद और लहसुनिया के साथ नहीं पहनना चाहिए। इसी के साथ जब कुंडली में गुरु बल हीन हो तो भी ये रत्न नहीं पहनना चाहिए।
पुखराज रत्न के लाभ: ये रत्न व्यक्ति की बुद्धि, स्मरण शक्ति और ज्ञान को बढ़ाता है। जीवन में खुशहाली और समृद्धि लाता है। धन-दौलत बढ़ती करता है। समाज में अलग पहचान दिलाता है। व्यक्ति के आत्मविश्वास में बढ़ोतरी करता है। भाग्य को मजबूत बनाता है। वैवाहिक जीवन में खुशियां लाता है। मन को शांति प्रदान करता है।
पुखराज धारण करने की विधि: ज्योतिष अनुसार कम से कम 3.25 कैरेट का पुखराज धारण करना चाहिए। इस रत्न को सोने या चांदी की अंगूठी में गुरुवार के दिन धारण किया जाता है। ध्यान रखे कि इस रत्न जड़ित अंगूठी को पहनने से पहले उसे गंगाजल या दूध में शुद्ध कर लें। गुरुवार के दिन सुबह सूर्योदय के बाद इस रत्न को अपनी दाहिने हाथ की तर्जनी उंगली में धारण करें।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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