Puranmashi September 2023: सितंबर में पूर्णिमा कब है, जानें तिथि, मुहूर्त व महत्व
Puranmashi September 2023 (सितंबर में पूर्णिमा कब है 2023): सितंबर में भादो पूर्णिमा पड़ेगी। जिसे भाद्रपद पूर्णिमा (Bhadrapada Purnima 2023) भी कहते हैं। इस दिन से पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2023) भी शुरू हो जाता है। साथ ही कई महिलाएं भादो पूर्णिमा पर उमा-महेश्वर व्रत (Uma Maheshwar Vrat 2023) भी रखती हैं। जानिए सितंबर पूर्णिमा की तिथि व महत्व।
Puranmashi September 2023 Date, Bhado Purnima Kab Hai
Puranmashi September 2023 (सितंबर में पूर्णिमा कब है 2023): हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व माना जाता है। ये तिथि हर महीने में पड़ती है। पू्र्णिमा एक चंद्र माह के अंत और दूसरे की शुरुआत का प्रतीक है। ये दिन अत्यंत शुभ माना जाता है इसलिए इस दिन की गई कोई भी प्रार्थना या अनुष्ठान सफल होने की अधिक संभावना रहती है। भादो महीना चल रहा है ऐसे में इस महीने भादो पूर्णिमा (Bhado Purnima Kab Hai 2023) पड़ेगी। इसे भाद्रपद पूर्णिमा (Bhadrapada Purnima Kab Hai 2023) भी कहते हैं। इससे श्राद्ध पक्ष (Shradh 2023 Start Date) शुरू हो जाता है। भादो पूर्णिमा पर उमा-महेश्वर व्रत (Uma Maheshwar Vrat Kab Hai 2023) भी रखा जाता है। जानिए सितंबर पूर्णिमा की डेट और महत्व (September Punrima Kab Hai 2023)।
सितंबर पूर्णिमा डेट (September Purnima 2023 Date)
सितंबर में पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 28 सितंबर की शाम 6 बजकर 49 मिनट से होगी और इसकी समाप्ति 29 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 26 मिनट पर होगी। उद्या तिथि के अनुसार पूर्णिमा 29 सितंबर को मनाई जाएगी। इस दिन से पितृपक्ष भी प्रारंभ हो जाएगा।
भाद्रपद पूर्णिमा पर रखा जाता है उमा-महेश्वर व्रत (Uma Maheshwar Vrat 2023 Date)
नारदपुराण के अनुसार उमा-महेश्वर व्रत भाद्रपद की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। स्त्रियों के लिए यह व्रत विशेष महत्व रखता है। मान्यता है इस व्रत के प्रभाव से बुद्धिमान संतान और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन महिलाएं घर में पूजा स्थान पर शिव और पार्वती जी की प्रतिमा को स्थापित करते हैं और उनका ध्यान करती हैं। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती को धूप, दीप, गंध, फूल और शुद्ध घी का भोजन अर्पण करना चाहिए।
भाद्रपद पूर्णिमा व्रत पूजा विधि (Bhadrapada Purnima Puja Vidhi)
कहते हैं कि भाद्रपद पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। इस दिन प्रातःकाल जाग कर व्रत का संकल्प लेना चाहिए और किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान जरूर करना चाहिए। इसके बाद विधिवत तरीके से भगवान सत्यनारायण की पूजा करनी चाहिए और सत्यनारायण की कथा भी सुननी चाहिये। साथ ही इस दिन किसी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को दान भी जरूर देना चाहिए।
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