Purnima 2023 Puja Vidhi: भाद्रपद पूर्णिमा की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व यहां जानें
Bhadrapada Purnima 2023 Date And Time In Hindi (September Mein Purnima Kab Hai): भाद्रपद पूर्णिमा 28 सितंबर की शाम 06 बजकर 49 बजे से 29 सितंबर 2023 की दोपहर 03:26 बजे तक रहेगी। जानिए भाद्रपद पूर्णिमा की तिथि, मुहूर्त और महत्व (Puranmashi Kab Hai)।
Bhadrapada Purnima 2023 Date And Time In Hindi
Bhadrapada Purnima 2023 Date And Time In Hindi (Purnima September 2023 Kab Hai): हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्र माह की पूर्णिमा को भाद्रपद पूर्णिमा (Bhadrapad Purnima 2023)या भादो पूर्णिमा (Bhado Purnima 2023) के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के सत्यनारायण रूप की पूजा की जाती है। ये पूर्णिमा इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन से पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2023) शुरू हो जाता है जिसकी समाप्ति आश्विन अमावस्या (Amavasya 2023 Date) पर होती है। भाद्रपद पूर्णिमा पर कई लोग व्रत भी रखते हैं। मान्यता है इस व्रत को करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है (Pooranmashi September 2023)। यहां जानिए भाद्रपद पूर्णिमा की डेट और शुभ मुहूर्त (Bhadra Purnima Kab Hai 2023)।
Purnima September 2023 Date And Time In Hindi (भाद्रपद पूर्णिमा 2023 का शुभ मुहूर्त )
इस बार भाद्रपद पूर्णिमा 29 सितंबर 2023 को मनाई जाएगी। पूर्णिमा तिथि 28 सितंबर 2023 की शाम 06:49 बजे शुरू होगी और इसकी समाप्ति 29 सितंबर 2023 को दोपहर 03:26 बजे समाप्त होगी।
Bhadrapada Purnima 2023 Puja Vidhi (भाद्रपद पूर्णिमा पूजा विधि)
भाद्रपद पूर्णिमा के दिन प्रातःकाल जागकर व्रत का संकल्प लें और किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में जाकर स्नान करें। अगर ऐसा संभव न हो को घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इसके बाद विधिवत तरीके से भगवान सत्यनारायण की पूजा करें और उन्हें फल-फूल अर्पित करें। पूजन के बाद भगवान सत्यनारायण की कथा सुनें। फिर पंचामृत और चूरमे का प्रसाद चढ़ाएं। इस दिन जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को दान जरूर करें।
Bhadrapada Purnima Importance (भाद्रपद पूर्णिमा का महत्व)
धार्मिक मान्यता है कि भाद्रपद पूर्णिमा के दिन भगवान सत्यनारायण की पूजा करने से व्यक्ति की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। कहते हैं कलियुग में सत्यनारायण भगवान की पूजा से धन प्राप्ति के मार्ग खुलते हैं। इसके अलावा जो व्यक्ति पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर विधि पूर्वक सत्यनारायण भगवान की पूजा करता है उसके जीवन में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस पूर्णिमा के दिन उमा-महेश्वर का व्रत भी रखा जाता है।
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