Purnima Vrat 2024: पूर्णिमा व्रत कितने करने चाहिए, जानिए इसकी विधि और महत्व

Purnima Vrat 2024: हर महीने में एक पूर्णिमा तिथि पड़ती है। ऐसे में पूरे साल में 12 पूर्णिमा तिथियां पड़ती है। पूर्णिमा का दिन माता लक्ष्मी और चंद्र देव को समर्पित होता है। ऐसे में आइए जानते हैं साल में कितनी पूर्णिमा का व्रत करना चाहिए और इसक विधि के बारे में विस्तार से।

Purnima Vrat 2024

Purnima Vrat 2024: हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का बहुत महत्व है। ये दिन गंगा स्नान और दान के लिए बहुत उत्तम माना जाता है। इस दिन साधक पवित्र नदी में स्नान करते हैं और गरीबों को दान करते हैं। पूर्णिमा की तिथि माता लक्ष्मी और चंद्र देव को समर्पित होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन शाम के समय में माता लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा करने से साधक पर सदैव मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। हर महीने की पूर्णिमा तिथि का अपना एक खास महत्व होता है। जो भी साधक पूर्णिमा का व्रत करते हैं उनके जीवन में सु, समृद्धि आती है और उनपर माता लक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है। ऐसे में आइए जानते हैं साल में कितनी पू्र्णिमा का व्रत रखना चाहिए और इसकी विधि क्या है।

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पूर्णिमा व्रत कितने करने चाहिए (How many Purnima fasts should be observed)हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की शुक्ल पक्ष की 15वीं तिथि को पूर्णिमा तिथि पड़ती है। इस दिन चंद्र देव की पूजा विधि विधान से करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। पूर्णिमा तिथि के दिन पितर तर्पण करने से पितृ दोष से मुक्ति मिल सकती है। इस दिन चंद्र देव की पूजा के साथ- साथ शिव जी की पूजा से भी अक्षय फल की प्राप्ति होगी। माघ, कार्तिक, ज्येषठ और आषाढ़ महीने की पूर्णिमा तिथि दान करने के लिए सबसे उत्तम मानी गई है। यदि आप हर महीने की पूर्णिमा तिथि का व्रत नहीं रख सकते हैं तो केवल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि पर रखें। इसके अलावा अगर आप पूर्णिमा का व्रत करना चाहते हैं तो कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि से ही शुरू करें। आप 32 पूर्णिमा रख सकते हैं। पूर्णिमा का व्रत रखने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य का वर प्राप्त होता है। इसके साथ यदि आपके परिवार में कोई कलह कलेश हो तो वो भी इस व्रत के करने से समाप्त हो जाता है।

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पूर्णिमा व्रत पूजा विधि ( Purnima Vrat Puja Vidhi)
  • पूर्णिमा व्रत के दिन सुबह गंगा नदी में ये किसी पवित्र नदी में स्नान करें।
  • उसके बाद चंद्र देव का ध्यान लगाकर व्रत का सकंल्प लें।
  • पूर्णिमा तिथि के दिन आप अपने पतिरों का तर्पण भी कर सकते हैं।
  • इस दिन चंद्र देव की पूजा के समय 'ओम सोम सोमाय नमः' मंत्र का जाप करें
  • इस दिन आप शिव मंदिर में जाकर शिव जी की पूजा करें और दीपक जलाएं।
  • पूर्णिमा के दिन शाम के समय माता लक्ष्मी की पूजा करें और उन्हें खीर का भोग लगाएं।
  • खीर को चांद की रोशनी में रख दें और उसके बाद उसे ग्रहण करें।

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