सबसे शक्तिशाली नक्षत्र में PM MODI करेंगे नामांकन, ये सफलता की देता है गारंटी, जानिए इसकी खासियत

Pushya Nakshatra: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 मई को तीसरी बार वाराणसी से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन करेंगे। पंडित सुजीत जी महाराज अनुसार पीएम मोदी ने अपने नामांकन के लिए जो दिन और समय चुना है वो राजनेताओं के पर्चा दाखिला के लिए बहुत ही शुभ होता है।

PM Modi will File Nomination in the most powerful constellation

Pushya Nakshatra: सबसे शक्तिशाली नक्षत्र में PM MODI करेंगे नामांकन

PM Modi File Nomination In Pushya Nakshatra: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नामांकन के लिए 14 मई का दिन चुना है। बता दें इस दिन गंगा सप्तमी (Ganga Saptami 2024) का पावन पर्व है और इस पर पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra 2024) का अद्भुत संयोग बनेगा जो सफलता की पूरी गारंटी देता है। ज्योतिष शास्त्र में पुष्य नक्षत्र (Pushya Nakshatra May 2024) को सभी नक्षत्रों में से सबसे ज्यादा पावरफुल माना जाता है। इसके अलावा इसे नक्षत्रों का राजा व मंगलकर्ता भी कहा गया है। कहते हैं इस नक्षत्र में किए गए कार्यों में अवश्य ही सफलता मिलती है। चलिए जानते हैं गंगा सप्तमी और पुष्य नक्षत्र का अद्भुत संयोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्या लाभ देगा।

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पुष्य नक्षत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नामांकन (PM Modi Nomination In Pushya Nakshatra)

पंडित सुजीत जी महाराज अनुसार 14 मई को गंगा सप्तमी व वैशाख माह की वृष संक्रांति है। इसके साथ ही पुष्य नक्षत्र भी है। सनातन धर्म मे गंगा सप्तमी की तिथि किसी भी कार्य के आरम्भ के लिए बहुत अच्छी मानी जाती है। इसके अलावा इस दिन चन्द्रमा अपनी स्वराशि कर्क में रहेंगे। कर्क राशि मे चन्द्रमा गोचर व पुष्य नक्षत्र राजनेताओं के पर्चा दाखिला के लिए बहुत ही शुभ होता है। गंगा सप्तमी काशी जो कि गंगा के आंचल व बाबा विश्वनाथ जी की नगरी है बहुत ही श्रेष्ठ तिथि है। मोदी जी के पर्चा दाखिला के लिए यह बहुत ही श्रेष्ठ मुहूर्त है व बहुत बड़े विजय व यश को प्रदान करने वाला है।

पुष्य नक्षत्र 2024 (Pushya Nakshatra 2024)

पुष्य नक्षत्र 14 मई को है। इसके अलावा 10 जून, 8 जुलाई, 4 अगस्त, 31 अगस्त, 27 सितंबर, 21 नवंबर और 18 दिसंबर को भी पुष्य नक्षत्र रहेगा।

पुष्य नक्षत्र क्या होता है (What Is Pushya Nakshatra)

ग्रंथों के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है। ये समृद्धिदायक और शुभ फल प्रदान करने वाला माना गया है। जिसमें पुष्य का अर्थ पोषण करने वाला यानी शक्ति प्रदान करने वाला है। ज्योतिष जानकारों अनुसार जब यह नक्षत्र सोमवार, गुरुवार या फिर रविवार को आता है, तो इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। जब ये नक्षत्र गुरुवार को पड़ता है तो गुरु पुष्य नामक योग के नाम से जाना जाता है। बता दें ज्योतिष शास्त्र में कुल 27 नक्षत्र माने गए हैं जिनमें पुष्य नक्षत्र 8 वे स्थान पर आता है। ये एक तरह के सभी नक्षत्रों का राजा माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस नक्षत्र में खरीदी गई कोई भी वस्तु या किया गया कोई भी शुभ काम अच्छे परिणाम देता है।

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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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