Putrada Ekadashi Vrat Vidhi: पुत्रदा एकादशी व्रत कैसे किया जाता है, इसका महत्व क्या है, जानिए व्रत विधि और नियम
Putrada Ekadashi Vrat Vidhi: हिंदू धर्म में पौष पुत्रदा एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यताओं अनुसार इस व्रत को रखने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। जानिए 2025 में पौष पुत्रदा एकादशी कब है।
Putrada Ekadashi Vrat Vidhi
Putrada Ekadashi Vrat Vidhi: पौष पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यताओं अनुसार जो कोई इस व्रत को सच्चे मन से रखता है उसके जीवन में सदैव सुख-समृद्धि बनी रहती है। स्त्री वर्ग में इस व्रत का बड़ा प्रचलन है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से संतान की रक्षा भी होती है। चलिए आपको बताते हैं पौष पुत्रदा एकादशी व्रत कैसे रखा जाता है। इसकी पूजा विधि और शुभ मुहूर्त क्या है।
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Putrada Ekadashi 2025 Muhurat (पुत्रदा एकादशी मुहूर्त 2025)
पौष पुत्रदा एकादशी 2025 | 10 जनवरी 2025, शुक्रवार |
पौष पुत्रदा एकादशी पारण समय 2025 | 07:15 से 08:21 |
पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय | 08:21 |
एकादशी तिथि प्रारम्भ | 9 जनवरी 2025 को 12:22 बजे |
एकादशी तिथि समाप्त | 10 जनवरी 2025 को 10:19 बजे |
- पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं को व्रत से एक दिन पहले यानी दशमी के दिन एक समय सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए।
- इसके अलावा व्रती को संयमित और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए।
- फिर व्रत वाले दिन प्रातःकाल उठकर स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें। फिर भगवान का ध्यान करें।
- फिर शंख में जल लेकर प्रतिमा का अभिषेक करें।
- फिर भगवान विष्णु को चंदन का तिलक लगाएं।
- इसके बाद चावल, फूल, इत्र, अबीर, गुलाल आदि से भगवान की विधि विधान पूजा करें और उनकी प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं।
- भगवान को पीले वस्त्र अर्पित करें।
- भगवान को मौसमी फल का भोग लगाएं। इसके बाद खीर का भोग लगाएं।
- इसके बाद पुत्रदा एकादशी की कथा सुनें और साथ ही श्री हरि विष्णु भगवान की आरती करें।
- ये व्रत निर्जला रखा जाता है लेकिन अगर बिना पानी के व्रत रख पाना संभव न हो तो संध्या काल में दीपदान के पश्चात फलाहार कर सकते हैं।
- व्रत के अगले दिन द्वादशी पर किसी जरुरतमंद व्यक्ति को भोजन कराकर ही व्रत का पारण करना चाहिए।
पुत्रदा एकादशी का महत्व (Putrada Ekadashi Ka Mahatva)
ऐसा माना जाता है पौष पुत्रदा एकादशी व्रत रखने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन की सुख-सुविधाओं में वृद्धि होती है। इतना ही नहीं इस व्रत को करने वाला व्यक्ति जीवन के सभी पापों से मुक्ति पा लेता है। साख ही दांपत्य जीवन में भी खुशहाल बनी रहती है।
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धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
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