Ekadashi Parana Time Today: जानिए पुत्रदा एकादशी पारण समय और पूजा विधि

Paush Putrada Ekadashi Vrat Vidhi: 22 जनवरी को पुत्रदा एकादशी पारण समय सुबह 07 बजकर 13 मिनट से 09 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।

Putrada Ekadashi Vrat Vidhi

Putrada Ekadashi Vrat Vidhi

Putrada Ekadashi Parana Time Today: पौष महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पौष पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। पुराणों में इस एकादशी का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है इस एकादशी का व्रत रखने से वाजपेय यज्ञ के बराबर पुण्यफल की प्राप्ति होती है। पंचांग अनुसार इस साल पौष पुत्रदा एकादशी व्रत 21 जनवरी को रखा जाएगा। जो लोग पुत्र प्राप्ति की कामना करते हैं उनके लिए ये व्रत बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। जानिए पौष पुत्रदा एकादशी व्रत की विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व।

पौष पुत्रदा एकादशी पारण समय 2024 (Putrada Ekadashi Parana Time 2024)

पंचांग अनुसार एकादशी तिथि का आरंभ 20 जनवरी 2024 की शाम 07 बजकर 28 मिनट से होगा और इसकी समाप्ति 21 जनवरी 2024 की शाम 07 बजकर 29 मिनट पर होगी। उदया तिथि के अनुसार एकादशी का व्रत 21 जनवरी को रखा जाएगा। पौष पुत्रदा एकादशी का पारण मुहूर्त 22 जनवरी की सुबह 07 बजकर 13 मिनट से 09 बजकर 21 मिनट तक रहेगा।

पुत्रदा एकादशी का महत्व (Putrada Ekadashi Mahatva)

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जो कोई भी व्यक्ति इस व्रत को विधि विधान से करता है तो उसे संतान सुख की प्राप्ति होने के साथ-साथ भौतिक सुख-सुविधाओं की भी प्राप्ति होती है। साथ ही व्रत रखने वाला व्यक्ति अंत में बैकुंठ धाम जाता है। इसके अलावा इस व्रत को करने से संतान का स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है।

पुत्रदा एकादशी व्रत विधि (Putrada Ekadashi Vrat Vidhi In Hindi)

  • पुत्रदा एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लें।
  • पूजा से पहले घर को गंगाजल से शुद्ध कर लें।
  • फिर मंदिर में भगवान विष्णु की प्रतिमा पीले रंग के साफ कपड़े पर स्थापित करें। इसके बाद शंख में जल लेकर प्रतिमा का अभिषेक करें।
  • भगवान विष्णु के माथे पर चंदन का तिलक लगाएं। साथ ही चावल, फूल, अबीर, गुलाल, इत्र आदि से विधि विधान पूजा करें और प्रतिमा के सामने घी का दीपक जलाएं।
  • भगवान विष्णु को पीले वस्त्र अर्पित करें। संभव हो तो खुद भी इस रंग के वस्त्र पहनें।
  • श्री हरि विष्णु को मौसमी फलों के साथ आंवला, लौंग, नींबू, सुपारी इत्यादि चीजें अर्पित करें।
  • इसके बाद खीर का भोग लगाएं। ध्यान रहे कि भोग में तुलसी के पत्ते जरूर होने चाहिए।
  • अंत में भगवान विष्णु की आरती करें और पुत्रदा एकादशी की कथा जरूर सुनें।
  • एकादशी की रात में भगवान विष्णु का भजन-कीर्तन करें।
  • अगले दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर अपना व्रत खोल लें।

पुत्रदा एकादशी के उपाय (Putrada Ekadashi Upay)

पुत्रदा एकादशी पर भगवान विष्णु का दक्षिणावर्ती शंख में दूध डालकर अभिषेक जरूर करें। साथ ही भगवान को चंदन का तिलक जरूर लगाएं। मान्यता है ऐसा करने से भगवान जल्द प्रसन्न हो जाते हैं। इसके अलावा संतान सुख की प्राप्ति के लिए पौष पुत्रदा एकादशी के दिन मंदिर में गेहूं अथवा चावल का दान करना चाहिए।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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