Radha Ashtami Ki Aarti Lyrics: राधा अष्टमी के दिन करें राधा रानी की ये आरती, आरती श्री वृषभानुसुता की...देखें पूरे लिरिक्स

Radha Ashtami Aarti, Radha Rani Ki Aarti In Hindi (राधी जी की आरती: आरती श्री वृषभानुसुता की आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की): राधा अष्टमी के दिन राधा रानी और भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। इस पूजा में राधा जी की आरती उतारना बिल्कुल भी न भूलें। यहां देखें राधा रानी की आरती के लिरिक्स।

radha rani ki aarti pdf

Radha Rani Aarti pdf

Radha Ashtami Aarti, Radha Rani Ki Aarti In Hindi (राधी जी की आरती: आरती श्री वृषभानुसुता की आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजुल मूर्ति मोहन ममता की): राधा अष्टमी का पर्व राधा रानी के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। कहते हैं इसी दिन वृषभानु जी को धरती की कोख से एक पुत्री की प्राप्ति हुई थी जिसका नाम उन्होंने राधा रखा था। राधा अष्टमी के त्योहार पर कई लोग व्रत रखते हैं और राधा रानी (Radha Mata Ki Aarti) की विशेष पूजा करते हैं। कहते हैं इस दिन जो भक्त सच्चे मन से राधा रानी की उपासना करता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। राधा जी की विशेष कृपा पाने के लिए इस दिन राधा रानी की आरती जरूर करें (Radha Ji Ki Aarti In Hindi)।

राधा रानी की आरती के लिरिक्स (Radha Rani Ki Aarti In Hindi)

आरती श्री वृषभानुसुता की,
मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥
त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि,
विमल विवेकविराग विकासिनि ।
पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि,
सुन्दरतम छवि सुन्दरता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥
मुनि मन मोहन मोहन मोहनि,
मधुर मनोहर मूरति सोहनि ।
अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि,
प्रिय अति सदा सखी ललिता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥
संतत सेव्य सत मुनि जनकी,
आकर अमित दिव्यगुन गनकी ।
आकर्षिणी कृष्ण तन मनकी,
अति अमूल्य सम्पति समता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥
। आरती श्री वृषभानुसुता की ।
कृष्णात्मिका, कृष्ण सहचारिणि,
चिन्मयवृन्दा विपिन विहारिणि ।
जगजननि जग दुखनिवारिणि,
आदि अनादिशक्ति विभुता की ॥
॥ आरती श्री वृषभानुसुता की..॥
आरती श्री वृषभानुसुता की,
मंजुल मूर्ति मोहन ममता की ॥

Radha Ji Ki Aarti in Hindi, Shree Radha Rani Aarti Full Lyrics (राधी जी की आरती, राधा अष्टमी पर श्रीजी की आरती लिखत में)

राधारानी तेरी आरती गाऊँ,
भानु दुलारी तेरी आरती गाऊँ,
आरती गाऊँ मैं तो वारि वारि जाऊँ,
आरती गाऊँ तोपे वारि वारि जाऊँ॥
कीरत लाली तेरी आरती गाऊँ,
श्यामा प्यारी तेरी आरती गाऊँ,
आरती गाऊँ मैं तो वारि वारि जाऊँ,
आरती गाऊँ तोपे वारि वारि जाऊँ॥
बरसाने वाली तेरी आरती गाऊँ,
राधारानी तेरी आरती गाऊँ।
बरसाने की ऊँची अटारी,
छवि श्यामा की लागे अति प्यारी,
श्रीजी छवि पे बलि बलि जाऊँ,
राधारानी तेरी आरती गाऊँ॥
लाडली तुम हो ब्रज की महारानी,
महिमा तुम्हरी जाये ना बखानी,
ब्रजधाम में वास मैं पाऊँ,
राधारानी तेरी आरती गाऊँ॥
कृष्ण हैं मिलते जिसके नाम से,
जपते हैं सब बड़े ही भाव से,
राधे राधे गा के तुमको मनाऊँ,
राधारानी तेरी आरती गाऊँ॥
राधा नाम की अर्जी लगाकर,
बरसाना मंदिर में आकर,
संतन संग राधा गुण गाऊँ,
राधारानी तेरी आरती गाऊँ॥
भोरी भोरी नवल किशोरी,
कारे कान्हा राधा गोरी,
चरणों में जिनके मैं शीश झुकाऊँ,
राधारानी तेरी आरती गाऊँ॥
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लवीना शर्मा author

धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें

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