Radha Chalisa Hindi Lyrics: राधा चालीसा के पाठ से ही सुख-सौभाग्य का मिलता है आशीर्वाद, यहां पढ़ें पूरी लिरिक्स

Radha Chalisa Lyrics in Hindi (राधा चालीसा पाठ लिरिक्स हिंदी में): राधा जी भगवान श्री कृष्ण की प्रेमिका के रूप में यूं तो बेहद मशहूर हैं। पर, शास्त्रों के अनुसार, उन्हें मां लक्ष्मी का अवतार भी माना जाता है। इसलिए हिंदू धर्म में राधा रानी की पूजा का विशेष महत्व है। प्रेम संबंधों में स्थिरता और रिश्तों में मजबूती लाने के लिए देवी राधिका की अराधना खास मानी जाती है। लेकिन चालीसा के बिना उनकी पूजा पूरी नहीं मानी जाती। यहां देखिए राधा चालीसा के हिंदी लिरिक्स।

Radha Chalisa Lyrics In Hindi

Radha Chalisa Lyrics In Hindi: जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा कीरति नंदिनी शोभा धामा के हिंदी लिरिक्स

Radha Chalisa Lyrics in Hindi (राधा चालीसा पाठ लिरिक्स हिंदी में): हिंदू धर्म में राधारानी श्री कृष्ण की प्रेमिका और पूज्यनीय देवी मानी जाती हैं। कहते हैं राधारानी की नियमित पूजा करने से प्रेम जीवन में अनुकूलता बनी रहती है। हालांकि, उनकी आराधना और राधा जी को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय भी बताए गए हैं। इसके अनुसार, राधारानी की असीम कृपा पाने के लिए सबसे सरल उपाय है- उनके चालीसा का पाठ करना। कहते हैं, राधा चालीसा का पाठ करने से राधा रानी के साथ कृष्ण जी की भी कृपा बरसती है। जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। मनुष्य को हर कार्य में सफलता मिलती है। इतना ही नहीं राधा जी की कृपा से प्रेम संबंध और भी मजबूत होते हैं। इसके अलावा कपल्स के बीच बिगड़े रिश्ते में सुधार आता है। तो चलिए जानते हैं राधा चालीसा की पूरी लिरिक्स इन हिंदी।

Radha Rani Ki Aarti Hindi Lyrics

राधा चालीसा इन हिंदी (Radha Chalisa Hindi Lyrics)

॥ दोहा ॥

श्री राधे वुषभानुजा,

भक्तनि प्राणाधार ।

वृन्दाविपिन विहारिणी,

प्रानावौ बारम्बार ॥जैसो तैसो रावरौ,

कृष्ण प्रिय सुखधाम ।

चरण शरण निज दीजिये,

सुन्दर सुखद ललाम ॥

॥ चौपाई ॥

जय वृषभान कुंवारी श्री श्यामा ।

कीरति नंदिनी शोभा धामा ॥

नित्य विहारिणी श्याम अधर ।

अमित बोध मंगल दातार ॥

रास विहारिणी रस विस्तारिन ।

सहचरी सुभाग यूथ मन भावनी ॥

नित्य किशोरी राधा गोरी ।

श्याम प्रन्नाधन अति जिया भोरी ॥

करुना सागरी हिय उमंगिनी ।

ललितादिक सखियाँ की संगनी ॥

दिनकर कन्या कूल विहारिणी ।

कृष्ण प्रण प्रिय हिय हुल्सवानी ॥

नित्य श्याम तुम्हारो गुण गावें ।

श्री राधा राधा कही हर्शवाहीं ॥

मुरली में नित नाम उचारें ।

तुम कारण लीला वपु धरें ॥

प्रेमा स्वरूपिणी अति सुकुमारी ।

श्याम प्रिय वृषभानु दुलारी ॥

नावाला किशोरी अति चाबी धामा ।

द्युति लघु लाग कोटि रति कामा ॥10

गौरांगी शशि निंदक वदना ।

सुभाग चपल अनियारे नैना ॥

जावक यूथ पद पंकज चरण ।

नूपुर ध्वनी प्रीतम मन हारना ॥

सन्तता सहचरी सेवा करहीं ।

महा मोड़ मंगल मन भरहीं ॥

रसिकन जीवन प्रण अधर ।

राधा नाम सकल सुख सारा ॥

अगम अगोचर नित्य स्वरूप ।

ध्यान धरत निशिदिन ब्रजभूपा ॥

उप्जेऊ जासु अंश गुण खानी ।

कोटिन उमा राम ब्रह्मणि ॥

नित्य धाम गोलोक बिहारिनी ।

जन रक्षक दुःख दोष नासवानी ॥

शिव अज मुनि सनकादिक नारद ।

पार न पायं सेष अरु शरद ॥

राधा शुभ गुण रूपा उजारी ।

निरखि प्रसन्ना हॉट बनवारी ॥

ब्रज जीवन धन राधा रानी ।

महिमा अमित न जय बखानी ॥ 20

प्रीतम संग दिए गल बाहीं ।

बिहारता नित वृन्दावन माहीं ॥

राधा कृष्ण कृष्ण है राधा ।

एक रूप दौऊ -प्रीती अगाधा ॥

श्री राधा मोहन मन हरनी ।

जन सुख प्रदा प्रफुल्लित बदानी ॥

कोटिक रूप धरे नन्द नंदा ।

दरश कारन हित गोकुल चंदा ॥

रास केलि कर तुम्हें रिझावें ।

मान करो जब अति दुःख पावें ॥

प्रफ्फुल्लित होठ दरश जब पावें ।

विविध भांति नित विनय सुनावें ॥

वृन्दरंन्य विहारिन्नी श्याम ।

नाम लेथ पूरण सब कम ॥

कोटिन यज्ञ तपस्या करुहू ।

विविध नेम व्रत हिय में धरहु ॥

तू न श्याम भक्ताही अपनावें ।

जब लगी नाम न राधा गावें ॥

वृंदा विपिन स्वामिनी राधा ।

लीला वपु तुवा अमित अगाध ॥ 30

स्वयं कृष्ण नहीं पावहीं पारा ।

और तुम्हें को जननी हारा ॥

श्रीराधा रस प्रीती अभेद ।

सादर गान करत नित वेदा ॥

राधा त्यागी कृष्ण को भाजिहैं ।

ते सपनेहूं जग जलधि न तरिहैं ॥

कीरति कुमारी लाडली राधा ।

सुमिरत सकल मिटहिं भाव बड़ा ॥

नाम अमंगल मूल नासवानी ।

विविध ताप हर हरी मन भवानी ॥

राधा नाम ले जो कोई ।

सहजही दामोदर वश होई ॥

राधा नाम परम सुखदायी ।

सहजहिं कृपा करें यदुराई ॥

यदुपति नंदन पीछे फिरिहैन ।

जो कौउ राधा नाम सुमिरिहैन ॥

रास विहारिणी श्यामा प्यारी ।

करुहू कृपा बरसाने वारि ॥

वृन्दावन है शरण तुम्हारी ।

जय जय जय व्र्शभाणु दुलारी ॥ 40

॥ दोहा ॥

श्री राधा सर्वेश्वरी,

रसिकेश्वर धनश्याम ।

करहूँ निरंतर बास मै,

श्री वृन्दावन धाम ॥

॥ इति श्री राधा चालीसा ॥

राधा चालीसा पाठ करने के लाभ (Radha Chalisa Path Benefits)

राधा चालीसा का पाठ करने से राधा रानी के साथ कृष्णा जी की भी कृपा प्राप्त होती है। व्यक्ति को सुख, सौभाग्य और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। मनुष्य के हर कार्य में सफलता मिलती है। राधा जी की कृपा से मनुष्य को यश और कीर्ति का वरदान प्राप्त होता है। इसके अलावा कपल्स के बीच बिगड़े रिश्ते में सुधार आता है।

राधा चालीसा पाठ की विधि (Radha Chalisa Path Vidhi)

राधा चालीसा पाठ करने के लिए विशेष नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। इसके लिए सुबह सबसे जल्दी उठें और स्नान के बाद साफ सुथरे वस्त्र धारण करें। इसके बाद पूजास्थल पर राधा रानी की प्रतिमा की कुमकुम, घी का दीपक, धुप, फूल, इत्र, चंदन, गुलाल, अक्षत आदि चीजों से राधारानी की पूजा करें। पूजा के बाद और आरती करने से पहले पूरे मन से राधा चालीसा का पाठ करें।

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