Kundali Dosh: कुंडली में राहु है उग्र, तो आज ही अपनाएं शांति के लिए ये अचूक उपाय

Kundali Dosh : कुंडली में यदि राहु उग्र हो और व्यक्ति के उपर विपरीत प्रभाव डाल रहा हो तो कुछ विशेष उपाय करने से राहु शांत हो जाता है। राहु के उच्च या नीच होने पर व्यक्ति के व्यवहार और आदतों में होता है बदलाव। नियमित करें शिव आराधना भी।

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राहु का दोष दूर करते हैं ये उपाय।

मुख्य बातें
  • कुंडली में राहु को शांत रखने में काम आते हैं ये उपाय
  • राहु की दशा सुधारने के लिए करें नाग देव की पूजा
  • राहु दशा देखकर ही राहु की चीजों का दान करें या लें

Kundali Dosh: कुंडली में राहु का नाम आते ही लोगों के मन में बुरे विचार आने लगते हैं। राहु का अर्थ ही लोग अनिष्ट से लगाते हैं। कुंडली में राहु शांत रहे, पक्ष में रहे इसके लिए लोग तमाम उपाय, पूजा पाठ भी करते हैं। कुछ विशेष उपाय करके राहु के दोष काे शांत भी किया जा सकता है।

पंडित वैभव जोशी के अनुसार राहु के लिए माना जाता है कि ये अशुभ फलदायी छाया ग्रह है। इसकी छाया का भी बुरा ही प्रभाव होता है। लेकिन ये भी सत्य है कि यदि राहु की दशा अच्छी हो तो ये आपको रंक से राजा भी बना सकता है और दशा विपरीत होने पर राजा को रंक भी बना सकता है। आइये जानते हैं राहु को शांत रखने के कुछ विशेष उपाय...।

राहु शांति के उपाय

- घर में या आंगन में गोबर, लकड़ी आदि का धुआां न जलाएं और रसोइ में चिमनी न रखेें।

- राहु को प्रसन्न करने केलिए गेमेद युक्त राहु यंत्र धारण करें।

- शिवजी पर बिल्वपत्र और धतूरे के पुष्प चढाएं और शिव मंदिद के नियमित दर्शन करें।

- तंबाकू या अन्य नशे का प्रयोग न करें।

- न ही परिवार से अलग रहें और न ही परिवार के मुखिया ही बने।

- उत्तम गोमेद और राहु यंत्र धारण लाभ देगा।

- राहु के समस्त दोषाें के शमनार्थ, भगवती दुर्गा की विधि अनुसार उपासना करें। दुर्गा स्तुति करें। यदि अधिक कष्टदायक स्थिति है तो शतचंडी अनुष्ठान और हवन करना चाहिए।

- पक्षियों को सतनाजा प्रतिदिन डालें।

- सरसों, नील, तंबाकू, मूली का दान करें। कच्चे कोयले जल में प्रवाहित करें।

- यदि राहु के कारण संतान बाधा हो रही है तो सर्प दोष के कारण ही ये होता है। एेसे में जातक को राहु के वेदोक्त मंत्रोंं के 1,8ृ,000 बार जप करते हुए घर में नागपाश यंत्र का नित्य पूजन करना चाहिए। सर्दी में जरूरतमंदों को काले भूरे कंबल का दान करना चाहिए। साथ ही बुधवार का व्रत रखना चाहिए।

- राहु पीड़ा की विशेष शांति के लिए बला, कूठ, लाजा, मूसली, नागरमोथा, देवदार, सरसों, हल्दी, लोध एवं सरपोंखा मिलाकर आठ मंंगलवार तक स्नान करें।

- प्रतिदिन देवी पूजन और यथा शक्ति काले पदार्थाें का दान करते रहना चाहिए।

- राहु मंत्र का जप, हवन करें।

- नागपंचमी को ताम्र या चांदी का नाग बनवाकर उसे पूजा स्थान पर स्थापित कर उसकी नियमित हल्दी, कुंकुम, नैवेद्य आदि से पूजा करें। कार्य हो जाने पर जल प्रवाह कर दें।

- राहु पीड़ा नाग श्राप से भी संबंधित रहती है। अतः नाग देव की मूर्ति बनवाकर उसकी विधिवत पूजा करके दान करना चाहिए।

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रखें इन बाताें का ध्यान

यहां आपको बता दें कि राहु के शुभ- अशुभ प्रभाव से व्यक्ति का स्वभाव और आदतें भी भाग्य की तरह बदलती हैं। इसके कुप्रभाव से नशा नहीं करने वाला व्यक्ति भी नशा करने लगता है और बुरी संगत में आ जाता है। वहीं आत्महत्या तक के बुरे विचार उसे घेर लेते हैं। इसलिए जरूरी है कि यदि कुंडली में दोष है तो राहु को शांत रखने के उपाय जरूर करें। वहीं यदि राहु कुंडली में उच्च हो तो राहु की चीजों का दान न दें और राहु नीच का हो तो राहु की चीजों का दान न लें।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।)

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