Raksha Bandhan Shubh Muhurat 2023 LIVE: रक्षा बंधन पूरे दिन, आज दिन भर बहनें भाईयों को बांध सकेंगी राखी
Raksha Bandhan 2023 Puja Shubh Muhurat, Time, Rakhi Bandhne Ka Shubh Muhurat Kab Ka Hai Aaj in Hindi 2023 LIVE: रक्षा बंधन का त्योहार राखी पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। 31 अगस्त को ये तिथि सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक रहेगी। ज्योतिष जानकारों अनुसार बहनें इस दिन पूरे दिन राखी बांध सकेंगी। लेकिन राखी बांधने के सबसे शुभ मुहूर्त की बात करें तो वो सुबह 07:05 बजे तक रहेगा।
Raksha Bandhan Shubh Muhurat 2023 LIVE: रक्षा बंधन पूरे दिन, आज दिन भर बहनें भाईयों को बांध सकेंगी राखी
Raksha Bandhan 2023 Shubh Muhurat, Time, Puja Vidhi, Rakhi Bandhne Ka Shubh Muhurat Kab Ka Hai 2023 LIVE Updates: आज भाई-बहन का त्योहार रक्षा बंधन है जो हर साल श्रावण पूर्णिमा (Rakhi Kab Bandhe) के दिन मनाया जाता है। इसे राखी पूर्णिमा (Raksha Bandhan Kitne Baje Tak Hai) के नाम से भी जानते हैं। इस दिन बहनें अपने भाईयों के हाथ में राखी बांधती हैं और उनके खुशहाल जीवन की कामना करती हैं। वहीं भाई इस रक्षासूत्र को बंधवाकर बहन की उम्र भर रक्षा करने का संकल्प लेते हैं। कुछ क्षेत्रों में इसे राखरी भी कहा जाता है। जानिए इस साल राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (Aaj Rakhi Bandhne Ka Shubh Muhurat) क्या रहेगा।
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आज राखी बांधने का शुभ मुहूर्त (31 August 2023 Raksha Bandhan Shubh Muhurat)
ज्योतिष जानकारों के अनुसार 31 अगस्त को रक्षा बंधन मनाने का सबसे शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक रहेगा। लेकिन बहनें इसके बाद भी राखी बांध सकेंगी। ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन पूर्णिमा तिथि सूर्योदय के समय मौजूद रहेगी। ज्योतिष शास्त्र अनुसार जब कोई तिथि सूर्योदय के समय स्थिति रहती है तो वो पूरे दिन मान्य होती है।
Rakhi Bandhne Ka Mantra (राखी बांधने का मंत्र)
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचल:।।
यहां जानिए रक्षा बंधन पर राखी बांधने का क्या है सही तरीका, कैसे हुई इस पर्व की शुरुआत, सबसे पहले किसने बांधी थी राखी और भी बहुत कुछ।
राखी बांधने का मंत्र (Rakhi Bandhne Ka Mantra)
येन बद्धो बलि राजा,दानवेन्द्रो महाबल:।तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि रक्षे माचल माचल:।।
राखी पर कैसे करें श्रवण कुमार की पूजा (Rakhi Sona Pujan Vidhi)
श्रावण मास की पूर्णिमा पर श्रवण कुमार का पूजन किया जाता है जिसे सोना, सूण, श्रवण पूजा और सोन नाम से भी जाना जाता है। उसमें श्रवण कुमार की आकृति बनाई जाती है। इसके बाद पूजा की थाली तैयार की जाती है। थाली में हल्दी, कलश, अक्षत, फूल, दूब घास, रोली, कलावा, राखी, चंदन इत्यादि चीजें रखें। सबसे पहले भगवान की पूजा करें। फिर श्रवण कुमार की विधि विधान पूजा करें। श्रवण कुमार को चंदन लगाएं। टीका के बाद वस्त्र रूपी कलावा अर्पित करें। पुष्प अर्पित करें। फिर भोग लगाएं। इसके बाद उन्हें राखी बांधे। फिर श्रवण कुमार से घर परिवार की सुख-समृद्धि की प्रार्थना करें। इसके बाद श्रवण कुमार की कथा सुनें और उन्हें जल अर्पित करेंगे। इसके बाद ही भाई को राखी बांधें।Rakhi Bandhne Ka Mantra (राखी बांधने का मंत्र)
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचल:।।Rakhi Muhurat 2023: राखी मुहूर्त
ग्वालियर (Raksha Bandhan Muhurat In Gwalior)सुबह 7 बजकर 5 मिनट तकभुवनेश्वर (Raksha Bandhan Muhurat In Bhuvneshwar)सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक
जालंधर (Raksha Bandhan Muhurat In Jalandhar)सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक
जम्मू (Raksha Bandhan Muhurat In Jammu)सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक
Raksha Bandhan Kis Hath Me Bandha Jata Hai: राखी किस हाथ में बांधी जाती है
रक्षा बंधन के दिन भाई की कलाई पर राखी दाहिने हाथ में बांधनी चाहिए। साथ ही राखी बांधते समय भगवान से उनकी लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करनी चाहिए।Rakhi Bandhne Ka Mantra: राखी बांधते समय इस मंत्र का करें जाप
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि,रक्षे माचल माचल:।
Aaj Rakhi Kab Tak Hai: आज राखी कितने बजे तक बांध सकते हैं
आज राखी पूरे दिन बांध सकते हैं। क्योंकि राखी पूर्णिमा तिथि सूर्योदय के समय मौजूद रहेगी। इसलिए सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर पूर्णिमा खत्म होने के बाद भी राखी बांधी जा सकती है।पूर्णिमा तिथि में रक्षा बंधन
शास्त्रों के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को दोपहर में राखी बांधनी चाहिए। हालांकि भद्रा का साया होने के कारण रक्षा बंधन के शुभ मुहूर्त में बदलाव देखने को मिला है।कौन हैं भद्रा
धार्मिक मान्यताओं अनुसार भद्रा भगवान शनिदेव की बहन और सूर्य देव की पुत्री हैं। इनका स्वभाव अत्याधिक कठोर माना जाता है और ये हर समय उथल-पुथल करती रहती हैं।भद्रा हुआ समाप्त
बता दें आज यानी 30 अगस्त को ठीक 09 बजकरह 1 मिनट पर भद्रा समाप्त हो चुका है।Raksha Bandhan Puja Muhurat 2023 Live: 30 अगस्त को राखी का शुभ मुहूर्त
30 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त - रात 09 बजकर 1 मिनट सेRakhi Ka Dursra Naam Kya Hai Live: नोट करें राखी का दूसरा नाम
Rakhi Ka Dursra Naam Kya Hai Live लगातार लोग सर्च कर रहे हैं कि राखी का दूसरा नाम क्या है। बता दें राखी का दूसरा नाम रक्षा सूत्र है।Raksha Bandhan 2023 Date, Shubh Muhurat Live: कब मनाया जाएगा रक्षा बंधन
Raksha Bandhan 2023 Date, Shubh Muhurat Live 30 अगस्त सुबह 10:58 मिनट से हो रही है और इसका समापन 31 अगस्त को सुबह 07:05 मिनट पर होगा। ऐसे में रक्षा बंधन आज यानी 30 अगस्त और 31 अगस्त दोनों दिन मनाया जाएगा।भद्रा में क्यों नहीं बांधना चाहिए राखी
सनातन धर्म में भद्रा काल को अशुभ माना जाता है। कहा जाता है कि, रावण की बहन ने उसे भद्रा काल में ही राखी बांधी थी जिस वजह से रावण का अंत हो गया था।क्या रात में राखी बांध सकते हैं? - Kya Raat Mein Rakhi Bandh Sakte Hain?
साल 2023 में रक्षाबंधन का मुहूर्त 30 अगस्त की रात में 9:01 मिनट के बाद शुरु होगा. 30 अगस्त को पूरे दिन भद्रा का साया है। जिस वजह से आप रात को 9:01 मिनट के बाद राखी बांध सकते हैं। इस बात का फर्क नहीं पड़ता राखी का मुहूर्त सुबह का हो या रात का, राखी बांधना लाभकारी होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भद्राकाल और राहुकाल में राखी बांधना मना है। साल 2023 में राखी बांधने का शुभ मुहूर्त रात का हैरक्षाबंधन के नाम का अर्थ क्या है - Meaning Of Raksha Bandhan Name
रक्षाबंधन का नाम संस्कृत शब्दावली से लिया गया हैं। इसमें रक्षा का अर्थ होता है ‘रक्षा करना’ और बंधन का अर्थ होता है बांधना। रक्षाबंधन में बहनें अपने भाई की कलाई पर रक्षासूत्र बांधती है।रक्षाबंधन पर बहन को भूलकर भी न दें ऐसे तोहफे - Raksha Bandhan 2023 Gift
रक्षाबंधन पर सभी भाई अपनी बहन को सामार्थ्यनुसार तोहफे जरूर देते हैं। लेकिन इस दिन नुकीली चीजें जैसे कांटा, छुरी, मिक्सर ग्राइडर, जूसर, आइना, फोटो फ्रेम, जूते-चप्पल, रूमाल आदि चीजें उपहार में न दें।राखी बांधने का मंत्र - Rakhi Bandhane ka Mantra
रक्षाबंधन पर भाई को राखी बांधते समय ‘येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:। तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि, रक्षे माचल माचल:।।’ मंत्र का जाप करना चाहिए। भाई की उन्नति के लिए ये शुभ माना जाता है।रक्षाबंधन की कैसे हुई शुरुआत? - Raksha Bandhan Ki Kaise Hui Shuruvat?
एक बार असुर और देवताओं के बीच युद्ध हुआ और इस युद्ध में असुर काफी हावी हो गए। जिसकी वजह इंद्र की पत्नी शचि को अपने पति और देवताओं की चिंता सताने लगी। फिर उन्होंने इंद्र के लिए एक शक्तिशाली सुरक्षात्मक धागा बनाया। कहा जाता है कि तभी से शुभ कार्य में जाने से पहले हाथ में मौली बांधने की परंपरा शुरू हुई। रक्षाबंधन के त्योहार की भी शुरुआत तभी से मानी जाती है।राखी का दूसरा नाम क्या है? - Rakhi Ka Dusra Naam Kya Hai?
श्रावण में मनाये जाने के कारण इसे श्रावणी या सलूनो भी कहते हैं। रक्षाबन्धन में राखी या रक्षासूत्र का सबसे अधिक महत्त्व है।रक्षाबंधन पर राखी कैसे बांधे? - Raksha Bandhan Par Rakhi Kaise Bandhe?
रक्षाबंधन का दिन भाई-बहन के अनमोल रिश्ते का प्रतीक है। इस दिन राखी बाधंने से पहले इन बातों का विषेश ख्याल रखें-भद्रा काल ना चल रहा हो। राखी की थाली सजाएं, थाली में रोली, कुमकुम, अक्षत, दीपक, मिठाई जरुर रखें। बहन- भाई दोनों को अपना सिर ढकना चाहिए। उत्तर दिशा में मुख करके बैठे। फिर भाई के सीधे हाथ में राखी बांधे, तिलक करें और भाई-बहन एक दूसके का मुंह मीठा कराएं, अंत में भाई की आरती उतारें, भाई को बहन के पांव जरुर छूने चाहिए।इस दिन रहेगा भद्रा का साया
इस बार 30 अगस्त यानी आज भद्रा का साया रहेगा। शास्त्रों के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को दोपहर में राखी बांधनी चाहिए, लेकिन दोपहर में अगर भद्रा हो तो उस समय राखी नहीं बांधनी चाहिए।रक्षाबंधन 2023 तिथि
श्रावणी या सावन पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 30 अगस्त सुबह 10:58 मिनट से हो रही है और इसका समापन 31 अगस्त को सुबह 07:05 मिनट पर होगा। 30 अगस्त को रक्षा बंधन मनाया जाएगा, लेकिन पूरे दिन भद्रा होने से रात में रक्षा सूत्र बांधने के मुहूर्त रहेगा।Rakhi Bandhne Ka Muhurat 2023: भाई को राखी बांधने का मुहूर्त
रक्षा बंधन पर भाई को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त की रात 9 बजकर 1 मिनट से शुरू होकर 31 अगस्त की सुबह 7 बजकर 5 मिनट तक रहेगा।कौन है भद्रा? (What Is Bhadra)
धार्मिक मान्यताओं अनुसार भद्रा भगवान शनिदेव की बहन और सूर्य देव की पुत्री हैं। इनका स्वभाव अत्याधिक कठोर माना जाता है और ये हर समय उथल-पुथल करती रहती हैं। कहते हैं कि असुरों का वध करने के लिए भद्रा का जन्म हुआ था। ये जन्म से ही उपद्रवी स्वभाव की थीं। वे हवन, यज्ञ और अन्य मांगलिक कार्यों में बाधा पहुंचाने लगीं थी। भद्रा के कार्यों और स्वभाव के कारण उनके पिता सूर्य देव बहुत परेशान थे। उन्होंने ब्रह्म देव से भद्रा के बारे में बात की। ब्रह्म देव ने भद्रा को समझाते हुए कहा कि तुम्हारे लिए एक समय तय किया जाता है जिस समय तुम्हारा वास होगा। इस तरह से भद्रा के स्वभाव को सामान्य रूप से नियंत्रित करने हेतु उन्हें पंचांग के एक प्रमुख स्थान दिया गया। इसलिए जब कभी भी किसी मांगलिक कार्य के लिए शुभ मुहूर्त देखा जाता है तो उस समय भद्रा पर जरूर विचार किया जाता है और शुभ काम के लिए इस मुहूर्त का त्याग कर दिया जाता है। लेकिन यह भी देखा गया है कि भद्रा सदैव अशुभ नहीं होती बल्कि कुछ विशेष प्रकार के कार्यों में अच्छे परिणाम भी देती हैं।Raksha Bandhan 2023: रक्षा बंधन 30 या 31 अगस्त किस दिन मनाना शुभ रहेगा
रक्षा बंधन 30 और 31 अगस्त किसी भी दिन मनाई जा सकती है। 30 अगस्त को राखी बांधने का शुभ मुहूर्त रात 9 बजकर 1 मिनट के बाद से रहेगा वहीं 31 अगस्त को पूरे दिन राखी मना सकेंगे।Raksha Bandhan 2023: रक्षा बंधन भद्रा काल में क्यों महीं मनाना चाहिए
ऐसा माना जाता है कि रावण की बहन ने उसे भद्रा काल में ही राखी बांधी थी जिस वजह से रावण का अंत हो गया था। इसलिए इस मुहूर्त में राखी बांधने से बचना चाहिए। भद्रा क्या है? ये पढ़ने के लिए यहां क्लिक करेंRaksha Bandhan 2023: राखी बांधने का मुहूर्त 2023
रक्षा बंधन पर भद्रा सुबह 11 बजे से लग गई है जिसकी समाप्ति रात 9 बजे होगी। बहनें इसके बाद राखी का त्योहार मना सकेंगी। वहीं राखी बांधने के लिए 31 अगस्त का दिन भी शुभ रहेगा।रक्षा बंधन पर भाई को राखी बांधते समय ये मंत्र जपें
ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।
आज भद्रा कब तक रहेगी
आज भद्रा रात 9 बजकर 1 मिनट तक रहेगी। इसलिए 30 अगस्त को रात 9 बजकर 1 मिनट के बाद राखी बांधी जाएगी।Rakhi Story: देवी शची ने बांधी थी पति को राखी
धार्मिक और पौराणिक कथा के अनुसार, माना जाता है कि सबसे पहले राखी देवी शची ने अपने पति इंद्र को बांधा था। जब इंद्र वृत्तासुर से युद्ध करने जा रहे थे तो उनकी रक्षा की कामना व युद्ध में जीत के लिए पत्नी शची ने उनके हाथ में एक कलावा या मौली बांधी थी। तब से ही रक्षाबंधन की शुरुआत मानी जाती है।Raksha Bandhan 2023 Shubh Muhurat
2023 में रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त दो दिन रहेगा। 30 अगस्त 2023 की रात 9 बजकर 1 मिनट के बाद राखी पर्व मनाया जा सकेगा वहीं 31 अगस्त को पूरे दिन राखी रहेगी।क्या रक्षा बंधन के बाद राखी बांधी जा सकती है? । Can Rakhi be Tied After Raksha Bandhan?
रक्षा बंधन बहनों और भाइयों के प्यार और सुरक्षा के बंधन का प्रतीक है, इसलिए राखी साल के किसी भी दिन शुभ मुहूर्त में बांधी जा सकती है।रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त 2023 । Raksha Bandhan 2023 Shubh Muhurat
2023 में रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त दो दिन रहेगा। 30 अगस्त 2023 की रात 9 बजकर 1 मिनट के बाद राखी पर्व मनाया जा सकेगा वहीं 31 अगस्त को पूरे दिन राखी रहेगी।Rakhi Puja Thali : इस तरह से सजाएं राखी की थाली
राखी की पूजा थाली में राखी, मिठाई, रोली, चावल, चंदन, नारियल, कलश, दीपक जरूर रखें।जानें क्यों नहीं बांधते भद्रा काल में राखी (Bhadra On Rakhi 2023)
पौराणिक कथाओं के अनुसार, शूर्पणखा ने अपने भाई रावण को भद्रा काल के दौरान ही राखी बांधी थी और इसके चलते ही रावण सहित उसके पूरे कुल का सर्वनाश हो गया था। यही कारण है कि भद्रा काल में बहनों को अपने भाइयों को राखी नहीं बांधनी चाहिए। वRaksha Bandhan Muhurat 2023: क्या आज रक्षा बंधन है
जी हां, आज रक्षा बंधन है। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त की रात 9 बजकर 1 मिनट के बाद से शुरू होगा।Rakhi Bandhne Ka Mantra: बहनें राखी बांधते सममय इस मंत्र का करें जाप
येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबल:।तेन त्वाम् प्रतिबद्धनामि ,रक्षे माचल माचल:।
आज का पंचांग (30 August 2023 Panchang)
-ब्रह्म मुहूर्त 04:28 ए एम से 05:13 ए एम-प्रातः सन्ध्या 04:51 ए एम से 05:58 ए एम
-अभिजित मुहूर्त कोई नहीं
-विजय मुहूर्त 02:30 पी एम से 03:21 पी एम
-गोधूलि मुहूर्त 06:45 पी एम से 07:08 पी एम
-सायाह्न सन्ध्या 06:45 पी एम से 07:53 पी एम
-अमृत काल 11:42 ए एम से 01:06 पी एम
-निशिता मुहूर्त 11:59 पी एम से 12:44 ए एम, अगस्त 31
-राहुकाल 12:22 पी एम से 01:58 पी एम
राखी पूर्णिमा मुहूर्त 2023 (Rakhi Purnima 2023 Muhurat)
राखी पूर्णिमा 30 अगस्त 2023पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ 30 अगस्त 2023 को 10:58 ए एम बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त 31 अगस्त 2023 को 07:05 ए एम बजे
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