Ram Mandir History In Hindi: जानिए क्या है राम मंदिर का इतिहास, किसने बनवाया था मंदिर?

Ram Mandir History: राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होने जा रही है। इस दिन से रामलला की पूजा शुरू हो जाएगी। आइए जानते हैं राम मंदिर के इतिहास के बारे में।

Ram Mandir History

Ram Mandir History

Ram Mandir History: आज से अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पूजा और अनुष्ठान का शुरू हो गया है। मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे और फिर इसे भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा। राम मंदिर खुलने के साथ ही राम भक्तों का 500 साल का इंतजार खत्म हो जाएगा और वे अपने प्रभु राम के दर्शन का आनंद ले सकेंगे। इस दिन का राम भक्तों 500 साल से इंतजार था। राम मंदिर का इतिहास 500 साल पुराना है। आइए जानते हैं क्या है इसका पूरा इतिहास।

Ram Mandir History (राम मंदिर इतिहास)

तीर्थ नगरी अयोध्या की स्थापना सत्ययुग में वैवस्वत मनु ने की थी। भगवान श्री राम, जिनका उल्लेख वाल्मिकी रामायण में भी मिलता है, का जन्म यहीं हुआ था। राम राज्य के कुछ वर्ष बाद जब श्री राम ने जल समाधि ली तो अयोध्या नगरी वीरान हो गई। पौराणिक परंपराओं के अनुसार, जब उज्जयिनी के राजा विक्रमादित्य शिकार के लिए यहां आए तो उन्होंने रेगिस्तानी भूमि में चमत्कार देखे। खोज के दौरान उन्हें पता चला कि यह अवध श्रीराम की भूमि है। इसके बाद उन्होंने यहां काले कसौटी पत्थर से बने 84 स्तंभों वाला एक विशाल श्री राम मंदिर बनवाया था। 1525 में बाबर ने इस मंदिर को तुड़वाकर वहां पर बाबरी मस्जिद का निर्मण कराया था। बाबरी मस्जिद में तीन गुंबद थी। जिसके बाहरी हिस्से में एक चबूतरे पर बाल श्री राम की छवि बनाकर पूजा की जाती थी। इसे राम चबूतरा कहा जाता था और 1949 में बाबरी मस्जिद के मुख्य गुंबद के ठीक नीचे वही मूर्ति खोजी गई जो सदियों से राम चबूतरे पर स्थापित थी। मंदिर मस्जिद का विवाद काफी सालों तक चला। 192 में हिंदू समुदाय द्वारा बाबरी मस्जिद को तोड़ दिया गया। साल 2019 में करीब 70 साल के विवाद के बाद सुप्रीम कोर्ट के जजो ने राम मंदिर के हित में फैसला सुनाया। साल 2020 में राम मंदिर के निर्मण का भूमि पूजन किया गया। इस साल 2024 में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

राम मंदिर विशेषता

अयोध्या राम मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के अयोध्या शहर में स्थित है।
मंदिर का कुल क्षेत्रफल 2.7 हेक्टेयर और निर्मित क्षेत्र 57,400 वर्ग मीटर है।
यह मंदिर 360 फीट लंबा, 235 फीट चौड़ा और 161 फीट ऊंचा है।
मंदिर में तीन मंजिलें हैं, प्रत्येक मंजिल 20 फीट ऊंची है।
मंदिर में पहली मंजिल पर 160 स्तंभ, पहली मंजिल पर 132 स्तंभ और दूसरी मंजिल पर 74 स्तंभ हैं।
मंदिर में पांच शिखर और पांच मंडप हैं।
मंदिर में 12 द्वार हैं।
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