Ramadan 2024 Date: रमजान महीना कब से शुरू हो रहा है 10 या 11 मार्च, यहां जानें सही तारीख
How Many Days Left To Ramadan 2024: रमजान महीना शुरू होने में अब ज्यादा समय बाकी नहीं बचा है। ये इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना होता है। बाकी महीनों की तरह ही ये महीना भी चांद निकलने पर निर्भर करता है। जानिए इस साल रमजान महीना कब से शुरू होगा।
Ramadan 2024 Date In India
Ramadan 2024 Date In India (रमजान कब से शुरू है 2024): पाक महीना रमजान कब से शुरू होगा? इसका इंतजार मुस्लिम लोग बड़ी बेसब्री से कर रहे हैं। दरअसल ये महीना इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों के लिए सबसे खास होता है। इस दौरान मुस्लिम लोग अपना ज्यादा से ज्यादा समय अल्लाह की इबादत में बिताते हैं और जरूरतमंदों की जितनी हो सके उतनी मदद करते हैं। इस महीने में पवित्र ग्रंथ कुरान को पढ़ना भी अत्यंत शुभ माना जाता है। मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए रमजान में उपवास यानी रोजा रखना आवश्यक होता है। जानिए इस साल रमजान कब से शुरू हो रहा है।
Ramadan 2024 Date (रमजान 2024 डेट)
रमजान कब से शुरू होगा ये चांद दिखने पर निर्भर करता है। अगर साल 2024 में रमजान का चांद 9 मार्च को दिखता है तो ये पाक महीना 10 मार्च से शुरू हो जाएगा। वहीं अगर 10 मार्च को चांद दिखता है तब ये महीना 11 मार्च से शुरू होगा। वैसे इस साल रमजान 11 मार्च से शुरू होने की पूरी उम्मीद है और इसका आखिरी दिन 9 अप्रैल को सकता है। जबकि ईद 10 अप्रैल को मनाई जा सकती है।
Ramadan 2024 Significance (रमजान महीने का महत्व)
रमजान इस्लाम में सबसे अहम महीना माना जाता है। इस महीने में रोजे रखे जाते हैं और अधिक से अधिक समय अल्लाह की इबादत में बिताया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस महीने में की गई इबादत का फल बाकी महीनों में की गई इबादत से ज्यादा मिलता है। ये महीना कुरान का महीना माना जाता है। रमजान माह कभी 29 दिनों का होता है तो कभी 30 दिनों का। इस महीने के आखिर में ईद-अल-फितर मनाई जाती है।
Ramadan Me Kya Karte Hai (रमजान में क्या करते हैं)
रमजान महीना खुद के अंदर झांकने और अपने अंदर की बुराईयों को मिटाने की प्रेरणा देता है। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार रोजे का मतलब होता है कि खुदा की इबादत के लिए खुद को समर्पित कर देना। रमजान में मुस्लिम धर्म के लोगों से उम्मीद की जाती है कि वो पूरी ईमानदारी से रोजा रखें। इस दौरान किसी भी तरह के गलत काम न करें और न ही किसी का दिल दुखाएं। बल्कि जितना हो सके दूसरों की सहायता करें। रोजे की शुरुआत सुबह सूर्योदय से पहले कुछ खाकर की जाती है जिसे सहरी कहते हैं और उसके बाद दिन भर अन्न और जल कुछ भी ग्रहण नहीं किया जाता। फिर सूरज ढलने के बाद रोजा खोला जाता है जिसे इफ्तारी कहते हैं।
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TNN अध्यात्म डेस्क author
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