Roza Rakhne or Kholne Ki Dua: रमजान में रोजा रखने और खोलने की दुआ यहां देखें
Ramadan 2024 Roza Rakhne or Kholne Ki Dua In Hindi: रमजान के महीने में हर मुसलमान के लिए रोजा रखना जरूरी माना गया है। रोजा की शुरुआत सूर्योदय से पहले कुछ खाकर की जाती है जिसे सहरी कहते हैं तो वहीं शाम में रोजा खोलने की प्रकिया को इफ्तारी कहा जाता है। यहां जानिए रोजा रखने और खोलने की दुआ।
Roza Rakhne or Kholne Ki Dua
रोज़ा रखने की दुआ (Roza Rakhne ki Dua )
अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के अनुसार जब भी कोई रोजा रखता है, तो उसे सहरी खाने के बाद यानि फज्र की अज़ान से पहले इस दुआ को पढ़ना चाहिए।
रोजा रखने की दुआ हिंदी में (Roza Rakhne ki Dua in Hindi)
'व बि सोमि गदिन नवई तु मिन शहरि रमज़ान'
अर्थ- इस दुआ का मतलब होता है मैं रमज़ान के इस रोज़े की नियत करता/ करती हूं।
इंग्लिश में रोजा रखने की दुआ (Roza Rakhne ki Dua in English)
'Wa bisawmi ghaddan nawaiytu min shahri ramadan'
रोजा खोलने की दुआ (Roza Kholne ki Dua )
जिस तरह से रोजा रखते समय दुआ पढ़ी जाती है ठीक वैसे ही रोजेदार को रोजा खोलने से पहले यह दुआ जरूर पढ़नी चाहिए। कहा जाता है इस दुआ को पढ़ने से खाने में बरकत होती है। ध्यान रखें कि यह दुआ खजूर खाने से पहले पढ़नी चाहिए और दुआ खत्म होने के बाद ही कुछ खायें।
रोजा खोलने की दुआ हिंदी में (Roza Kholne ki Dua in Hindi)
'अल्लाहुम्मा इन्नी लका सुमतु, व-बिका आमन्तु, व-अलयका तवक्कालतू, व- अला रिज़क़िका अफतरतू'
इंग्लिश में रोजा खोलने की दुआ (Roza Kholne ki Dua in English)
'Allahumma inni laka sumtu wa bika amantu wa 'alayka tawakkaltu wa 'ala rizqika aftartu'
इस दुआ का अर्थ है- ऐ अल्लाह मैंने तेरी रजा के लिए रोज़ा रखा है और तेरे ही कहने पर रोजा खोल रहा/ रही हूं।
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