Akhand Ramayan Path Vidhi: घर पर कैसे कराएं 24 घंटे का अखंड रामायण पाठ? जान लें पूरी विधि और पूजन सामग्री
Ramayan Aakhand Path Pujan Vidhi: अखण्ड रामायण पाठ किसी विद्वान ब्राह्मण के द्वारा कराना चाहिए। यह सामान्य रूप से चौबीस घण्टे में पूरा हो जाता है। इसके बाद हवन, आरती, भजन और भंडारा करवाया जाता है। जानिए अखंड रामायण का पाठ कराने की विधि और नियम।
Ramayan Akhand Path Vidhi
Ramayan Aakhand Path Pujan Vidhi (अखंड रामायण पाठ कराने की विधि): हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार अखंड रामायण करने और कराने से अमोघ फल की प्राप्ति होती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि ये पाठ बिना खंडित हुए पूरा होना चाहिए। 22 जनवरी को अयोध्या राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा होनी है जिसके चलते कई घरों और मंदिरों में अखंड रामायण का पाठ किया जाएगा। अगर आप भी अपने यहां इस पाठ को कराने जा रहे हैं तो जान लीजिए इसके नियम और विधि विस्तार से यहां।
अखंड रामायण पाठ क्या है? (Akhand Ramayan Path Kya Hai)
सनातन धर्म में रामायण पढ़ना बेहद पुण्य का काम माना जाता है। बहुत से भक्त तो प्रतिदिन रामचरितमानस के (1, 5, 7, 11, अथवा 21) दोहे पढ़ते हैं। तो वहीं कई भक्त अखंड रामायण का पाठ कराते हैं। अखंड रामायण पाठ किसी भी शुभ या विशेष दिन पर कराया जाता है। ये पाठ लगातार 24 घंटे तक चलता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस पाठ को कराने से न केवल बुरा वक्त टलता है बल्कि ईश्वर की भी असीम कृपा प्राप्त होती है।
अखंड रामायण पाठ की सामग्री (Ramayan Aakhand Path Samagri List)
- राम दरबार की फोटो
- आम पत्ता
- तुलसी
- आसन
- अबीर
- अगरबत्ती
- बेलपत्ता
- दीपक डोना पैकेट
- इलायची
- गंगा जल
- गौमूत्र
- घी गुड
- गुलाब जल
- गुलाल
- हल्दी
- हल्दी गाथ
- इत्र
- जनेऊ
- कपूर
- वस्त्र
- खजूर
- कुमकुम
- लौंग
- माचिस
- मिश्री
- मिठाइयाँ
- नारियल
- चौरंग
- पीली सरसो
- फूल/माला
- रक्षासूत्र/मोली
- लाल कपड़ा
- चावल
- शहद
- सिन्दूर
- सुपारी
- एक कटोरी पंचामृत
अखंड रामायण पाठ की विधि (Ramayan Aakhand Path Vidhi)
हिंदू धार्मिक मान्यताओं अनुसार रामचरितमानस का अखंड पाठ कई समस्याओं के निदान के लिए किया जाता है। यह पाठ लगातार लगभग 24 घंटों तक चलता है। इसलिए इसे अखंड पाठ कहा जाता है। प्राय: अखंड पाठ के साथ यज्ञ और हवन भी किया जाता है। मान्यता है इस पाठ को करने से भगवान राम, भगवान शिव और हनुमानजी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। अब जानिए 24 घंटे लगातार रामचरित मानस पाठ कराने के नियम।
- रामचरित मानस का पाठ शुरू करने से पहले सभी देवताओं की प्रतिमा पूर्व दिशा की तरफ मुख करके एक मंच पर स्थापित करें।
- पूजा में तुलसी की पत्तियां अवश्य रखें।
- भगवान राम की मूर्ति के सामने, चावल के ढेर के साथ कलश रखें।
- अगर आप अखंड रामचरित मानस का पाठ कर रहे हैं तो कलश के मुख पर पांच आम या पान के पत्ते रखकर नारियल से ढक दें।
- नारियल और कलश को मौली से बांध दें। फिर कुमकुम से कलश पर स्वास्तिक का चिन्ह और पांच बिंदु बना लें।
- फिर भगवान की प्रतिमा के एक तरफ सुपारी, लौंग, इलायची, मिश्री और अन्य प्रसाद रखें। जबकि दूसरी तरफ फल, फूल और भोग रख दें।
- इसके बाद पाठ का प्रारंभ करें।
- रामचरित मानस के पाठ के समापन के बाद भक्तजनों को श्रद्धापूर्वक भगवान की आरती करनी चाहिए और आरती के पश्चात हवन करना चाहिए।
- पूजा के बाद, ब्राह्मणों को भोग अवश्य परोसें और प्रसाद सभी में बांट दें।
अखंड रामायण पाठ का समय (Akhand Ramayan Path Time)
अखंड रामायण पाठ को आम तौर पर गृह प्रवेश, नवरात्रि, राम नवमी, दीवाली या अन्य विशेष दिनों के दौरान आयोजित किया जाता है। इसे पूर करने में कम से कम 24 घंटे लगते हैं।
अखंड रामायण पाठ के लाभ (Akhand Ramayan Path Benefits)
अखंड रामायण का पाठ कराने से जीवन की सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं। साथ ही भगवान राम और हनुमान जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
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