Rameshwaram Jyotirlinga: रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग में क्या है दर्शन और आरती का समय, यहां जानें सारी जानकारी
Rameshwaram Jyotirlinga Darshan And Aarti Timing: रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग भगवान भोलेनाथ को समर्पित ज्योतिर्लिंग है। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए भक्त बहुत दूर- दूर से आते हैं। आइए जानते हैं मंदिर में दर्शन और आरती का समय।
Rameshwaram Jyotirlinga
Rameshwaram Jyotirlinga Darshan And Aarti Timing: रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। ये ज्योतिर्लिंग 11 वां ज्योतिर्लिंग है। इस ज्योतिर्लिंग को भगवान राम ने भगवान शिव जी की पूजा करने के लिए त्रेता युग में बनवाया था। इस कारण इस मंदिर का नाम रामेश्वरम है। इसमें शिवलिंग स्थापित है। इस मंदिर को रामनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। रामेश्वरम मंदिर लगभग 1000 फुट लंबा और 650 फुट चौड़ा है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में लगे पत्थर श्रीलंका से लाए जाते हैं। ऐसी भी मान्यता है कि रामेश्वरम मंदिर के दर्शन करने से ब्रम्ह हत्या जैसे पापों से छुटकारा मिल जाता है। आइए जानते हैं इस मंदिर के दर्शन और आरती के समय के बारे में।
Rameshwaram Jyotirlinga Darshan (रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग दर्शन)रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग भक्तो के दर्शन के लिए सुबह 5 बजे खुल जाता है। ये मंदिर फिर दोपहर में 1 बजे बंद हो जाता है। फिर 3 बजे के करीब ये मंदिर भक्तो के दर्शन के लिए फिर खुलता है और रात 9 बजे तक खुला रहता है।
Rameshwaram Jyotirlinga Aarti Time (रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग आरती समय)
- पूजा और आरती का समय पल्लियाराय दीपा अराथाना प्रातः 05:00 बजे
- स्पदिगालिंगा दीपा अराथाना प्रातः 05:10 बजे
- तिरुवनंतल दीपा अराथाना सुबह 05:45 बजे
- विला पूजा प्रातः 07:00 बजे
- कलाशांति पूजा प्रातः 10:00 बजे
- उचिकला पूजा दोपहर 12:00 बजे
- सैराचा पूजा 06:00 बजे सायं
- अर्थजमा पूजा रात्रि 08.30 बजे
- पल्लियाराय पूजा 08:45 बजे
Rameshwaram Temple Pooja Prices (रामेश्वरम मंदिर में पूजा टिकट)- 108 कलासा अभिषेगम - 1000/
- 108 संगाबिषेगम - 1000/
- रुद्राभिषेगम - 1500/
- पंचमीर्थ अभिषेकम् - 1000/
- स्वामी सहस्रनाम अर्चना - 200/
- अंबल सहस्रनाम अर्चनाई - 200/
- स्वामी नागापारनम- 200/
- अंबल कवसम - 200/
Rameshwaram Jyotirlinga Importance (रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग महत्व)
रामेश्वरम ज्योतिर्लिंग शिव जी के 12 ज्योतिर्लिंगों में 11वां है । इस मंदिर को चार धाम से एक माना जाता है। इस मंदिर को भगवान राम ने लंका पर विजय प्राप्त करने के लिए भगवान शिव जी का शिवलिंग स्थापित किया था। इस मंदिर के दर्शन करने से शिव जी और राम जी दोनों की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
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बिहार के मधुबनी जिले से की रहने वाली हूं, लेकिन शिक्षा की शुरुआत उत्तर प्रदेश की गजियाबाद जिले से हुई। दिल्ली विश्वविद्यायलय से हिंदी ऑनर्स से ग्रेजुए...और देखें
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