Rang Panchami 2024 Date: किस दिन मनाई जाएगी रंगपंचमी, यहां जानें डेट, शुभ मुहूर्त और महत्व

Rang Panchami 2024 Date (कब है रंगपंचमी): रंगपंचमी के पर्व का हिंदू धर्म में खास महत्व है। यह पर्व होली के बाद मनाया जाता है। इस दिन को रंगों की त्योहार होली की तरह बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। ऐसे में आइए जानें इस बार कब मनाया जाएगा रंगपंचमी। डेट, शुभ मुहूर्त और महत्व।

Rang Panchami 2024 Date

Rang Panchami 2024 Date

Rang Panchami 2024 Date (कब है रंगपंचमी): रंगपंचमी का त्योहार हर साल चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाया जाता है। रंगपंचमी का त्योहार देवी देवताओं को समर्पित पर्व होता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन देवी देवता धरती पर आकर होली खेलते हैं। ये पर्व खासतौर पर महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में मनाया जाता है। रंगपंचमी का त्योहार होली के पर्व के पांच दिनों बाद मनाया जाता है। इस पर्व को देव पंचमी और श्री पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। ऐसे में आइए जानें कब मनाया जाएगा रंगपंचमी का त्योहार।

Rang Panchami 2024 Date (कब है रंगपंचमी)रंगपंचमी का पर्व चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल पंचमी तिथि की शुरुआत 29 मार्च को रात 8 बजे हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 30 मार्च को रात 9 बजकर 13 मिनट पर होगा। उदयातिथि के अनुसार ये पर्व 30 मार्च को मनाया जाएगा।

रंगपंचमी 2024 शुभ मुहूर्त (Rang Panchami Shubh Muhurat 2024)इस साल रंगपंचमी का त्योहार 30 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन देवी देवताओं को रंग लगाने का शुभ समय सुबह 7 बजकर 46 मिनट से लेकर सुबह 9 बजकर 19 मिनट तक रहने वाला है। इस समय में रंग लगाना बहुत ही शुभ माना जाएगा।

क्यों मनाया जाता है रंगपंचमी का त्योहारपौराणिक कथा के अनुसार रंगपंचमी के दिन ही भगवान कृष्ण ने राधा रानी के संग होली का त्योहार मनाया था। ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवी देवता लोग आसमान से फूलों का बारिश करते हैं, इसलिए इस दिन हवा में रंग गुलाल उड़ाया जाता है। जिसके ऊपर भी रंग गुलाल पड़ता है, उस पर देवताओं की कृपा बरसती है। इस दिन राधा और कृष्ण की पूजा करने से प्रेम संबंध में मधुरता आती है और साधक की सारी मनोकामना पूरी होती है।

रंगपंचमी महत्व (Rang Panchami Importance)शास्त्रों में रंगपंचमी के पर्व का खास महत्व है। इस दिन हवा में गुलाल उड़ाने से सात्विक गुणों में वृद्धि होती है। ये गुलाल जिसपर पड़ता है, उस पर देवताओं की कृपा बनती है। रंगपंचमी के दिन जुलूस निकालकर हुरियारे सब अबीर गुलाल उड़ाते हैं। इस दिन देवताओं को रंग लगाने से देवता साधक की हर इच्छा की पूर्ति करते हैं।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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