Rangbhari Ekadashi Vrat Katha: रंगभरी एकादशी की व्रत कथा, पूजा विधि और महत्व यहां देखें

Rangbhari Ekadashi Vrat Katha: फाल्गुन मास की एकादशी को रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। इस एकादशी का संबंध भगवान शिव और माता पार्वती से माना जाता है। यहां आप जानेंगे रंगभरी एकादशी की पूजा विधि, पारण मुहूर्त और व्रत कथा।

Rangbhari Ekadashi Vrat Katha, Puja Vidhi And Muhurat

Rangbhari Ekadashi Vrat Katha, Puja Vidhi And Mahatva: इस साल रंगभरी एकादशी 20 मार्च को मनाई जाएगी। इस एकादशी पर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार जब भगवान शिव विवाह के बाद मां पार्वती को पहली बार काशी लेकर आए थे तब फाल्गुन शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि थी। इसलिए ही इस एकादशी का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन बाबा विश्वनाथ का विशेष श्रृंगार किया जाता है। यहां जानिए रंगभरी एकादशी की व्रत कथा, पूजा विधि और पारण टाइम।

रंगभरी एकादशी 2024 पारण मुहूर्त (Rangbhari Ekadashi 2024 Muhurat)

  • रंगभरी एकादशी 20 मार्च 2024, बुधवार
  • रंगभरी एकादशी व्रत तोड़ने का समय 01:41 PM से 04:07 PM
  • पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय 08:58 AM
  • एकादशी तिथि प्रारम्भ 20 मार्च 2024 को 12:21 AM बजे
  • एकादशी तिथि समाप्त 21 मार्च 2024 को 02:22 AM बजे
रंगभरी एकादशी पूजन विधि (Rangbhari Ekadashi Puja Vidhi In Hindi)

रंगभरी एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करके पूजा का संकल्प लें। फिर एक लोटे में जल भरकर घर के ही मंदिर में रखें या शिव मंदिर जाएं। इस दिन की पूजा में अबीर, गुलाल, बेलपत्र और चंदन का इस्तेमाल जरूर करें। पूजा के समय सबसे पहले शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं। इसके बाद बेलपत्र और जल अर्पित करें। अंत में शिवलिंग पर अबीर और गुलाल चढ़ाएं। फिर सच्चे मन से भगवान शिव से प्रार्थना करें। ऐसा करने से आपके जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी।

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