Ravi Pradosh Vrat Puja Vidhi: रवि प्रदोष व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व यहां जानें

Ravi Pradosh Vrat Puja Vidhi, Vrat Katha: प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि को पड़ता है। 10 दिसंबर को रवि प्रदोष व्रत रखा जाएगा। जानिए इस प्रदोष व्रत की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और व्रत कथा।

Ravi Pradosh Vrat Puja Vidhi

Ravi Pradosh Vrat Puja Vidhi In Hindi: प्रदोष व्रत में प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा की जाती है। प्रदोष काल सूर्यास्त से 45 मिनट पहले से शुरू होकर सूर्यास्त के बाद 45 मिनट तक रहता है। प्रदोष व्रत जब सोमवार को पड़ता है तो उसे सोम प्रदोष व्रत, मंगलवार को पड़ता है तो उसे भौम प्रदोष व्रत और जब रविवार को पड़ता है तो उसे रवि प्रदोष व्रत कहते हैं। जानिए रवि प्रदोष व्रत की पूजा विधि और व्रत कथा।

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रवि प्रदोष व्रत की विधि (Ravi Pradosh Vrat Vidhi)

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  • प्रदोष व्रत करने के लिए मनुष्य को व्रत वाले दिन प्रात: सूर्य उदय से पहले उठना चाहिए।
  • नित्यकर्मों से निवृ्त होकर भगवान शिव का ध्यान करें।
  • इस व्रत में अन्न ग्रहण नहीं किया जाता है।
  • फिर पूरे दिन उपावस रखने के बाद शाम में सूर्यास्त से एक घंटा पहले फिर से स्नान आदि कर साफ वस्त्र धारण करें।
  • पूजन स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और एक मंडप तैयार करें।
  • अब इस मंडप में पांच रंगों का उपयोग करते हुए एक सुंदर रंगोली बनाएं।
  • फिर उतर-पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठ जाएं और भगवान शंकर का पूजन शुरू करें।
  • पूजन में भगवान शिव के मंत्रों का जाप जरूर करें साथ ही प्रदोष व्रत की कथा सुनें।
  • अंत में भगवान शिव की आरती करके पूजा संपन्न करें।
प्रदोष व्रत की महिमा (Pradosh Vrat Mahatva)

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