5 February 2023: कल बन रहा रवि पुष्य नक्षत्र योग, घर ले आएं ये चीज पैसों की होने लगेगी बौछार
Ravi Pushya Nakshatra Yoga 2023: माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) पर 5 फरवरी को रवि पुष्य नक्षत्र योग बन रहा है। ये योग बेहद शुभ माना जाता है। जानिए इस योग में घर में किस चीज को लाने से धन-धान्य में वृद्धि हो सकती है।
5 February को माघ पूर्णिमा पर बन रहा रवि पुष्य नक्षत्र योग
Ravi Pushya Nakshatra Yoga 2023 On Magh Purnima: माघ पूर्णिमा का दिन हिंदू धर्म में बेहद ही शुभ फलदायी माना जाता है। खास बात ये है कि इस दिन रवि पुष्य नक्षत्र योग भी बन रहा है। ज्योतिष में इस योग को बेहद ही शुभ माना जाता है। इस शुभ योग में कामकाज की शुरुआत, निवेश, नौकरी, लेन-देन और खरीदारी का बड़ा महत्व होता है। ये योग 5 फरवरी को बन रहा है। जानिए इस योग में किन कार्यों को करने से आपके जीवन में सुख-समृद्धि आ सकती है।
रवि पुष्य योग 2023 तिथि और समय
रवि पुष्य योग की शुरुआत 4 फरवरी 2023 को सुबह 9 बजकर 17 मिनट से होगी और इसकी समाप्ति 5 फरवरी 2023 को दोपहर 12 बजकर 13 मिनट पर होगी। ऐसे में 5 फरवरी का दिन निवेश, खरीदारी और किसी विशेष काम की शुरुआत के लिए बहुत अच्छा रहेगा।
रवि पुष्य नक्षत्र योग में इस चीज की जरूर करें खरीदारी
पुष्य नक्षत्र में खरीदारी का विशेष महत्व होता है। इस नक्षत्र की धातु सोना है इसलिए इस योग में सोने के आभूषण खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है। इसके अलावा इस दौरान रियल एस्टेट, भूमि, घर, गाड़ी और अन्य जगहों पर किया गया निवेश भी लंबे समय तक लाभ देता है। इतना ही नहीं इस शुभ योग में चांदी, कपड़ा, बर्तन, इलेक्ट्रॉनिक चीजों की खरीदारी भी शुभ मानी जाती है। नए काम की शुरुआत के लिए भी ये योग शुभ होता है।
रवि पुष्य योग का महत्व
किसी भी शुभ कार्य के लिए रवि पुष्य योग को सबसे अच्छा माना जाता है। कहते हैं कि भगवान राम का जन्म भी इसी नक्षत्र में हुआ था इसलिए इस नक्षत्र का धार्मिक महत्व भी है। इस योग में किया गया कोई भी कार्य बहुत ही शुभ परिणाम देता है। लेकिन इस योग में विवाह नहीं किया जाता है। दरअसल ऐसी पौराणिक मान्यता है माता पार्वती के श्राप के कारण ही पुष्य नक्षत्र में विवाह करना अशुभ माना गया है।
रवि पुष्य नक्षत्र में धन प्राप्ति के लिए करें ये उपाय
इस नक्षत्र में पारद का श्रीयंत्र घर लेकर आएं। फिर इस यंत्र को कच्चे दूध और गंगाजल से स्नान कराएं। घर के मंदिर में इस यंत्र को लाल रेशमी कपड़े पर स्थापित करें। इसके बाद श्री यंत्र का केसर से तिलक करें। मिश्री का भोग लगाएं और श्री सूक्त का 21 बार पाठ करें। मान्यता है ऐसा करने से धन की कभी कमी नहीं होगी।
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लवीना शर्मा author
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 सा...और देखें
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