Ravivar Upay: रविवार को करें ये अचूक उपाय, सौभाग्य की होगी प्राप्ति
Ravivar Upay: धार्मिक मान्यता है कि सूर्य देव की पूजा करने से साधक को स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ज्योतिष शास्त्र में रविवार के दिन विशेष उपाय करने का भी नियम है। इन उपायों को अपनाकर आप सुख-समृद्धि प्राप्त कर सकते हैं। अगर आप भी किसी खास काम में सफलता पाना चाहते हैं तो रविवार के दिन ये काम जरूर करें।
Ravivar Upay
Ravivar Upay: सनातन धर्म में रविवार का दिन भगवान भास्कर को समर्पित है। इस दिन श्रद्धालु विभिन्न रीति-रिवाजों के अनुसार सूर्य देव की पूजा करते हैं। आयुर्वेद में सूर्य देव को "वैद्य" कहा गया है। धार्मिक मान्यता है कि सूर्य देव की पूजा करके साधक स्वस्थ जीवन का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा व्यक्ति को पद, प्रतिष्ठा और सम्मान भी प्राप्त होता है। ज्योतिष शास्त्र में रविवार के लिए विशेष उपाय भी बताए गए हैं। इन उपायों को करने से जीवन में सुख शांति आती है। रविवार के दिन सुबह उठकर इन उपायों को करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं रविवार के दिन किन उपायों को करना चाहिए।
इन उपायों को करेंकरें इस महामंत्र का जप व अनुष्ठान
!"देहि सौभाग्य मारोग्यम देहिमें परमम सुखम,रूपम देहि जयम देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
इस मंत्र का भावार्थ--यह दुर्गासप्तशती के सप्तश्लोकी दुर्गा का महामन्त्र है। इस मंत्र से सौभाग्य में वृद्धि होती है।रूप,जय व यश बढ़ता है। अपने अंदर के अहंकार का विनाश होता है। सभी कार्य बाधाएं समाप्त होती हैं।घर में सब शुभ होता है सभी कष्ट दूर होते हैं।जीवन मे भक्ति से ही शक्ति आती है। यह बहुत ही अद्धभुत व चमत्कारिक मन्त्र है।दुर्गा मंदिर या घर के मंदिर में रुद्राक्ष की माला पर इसका जप करें।आप इसका मानसिक जप भी कर सकते हैं। यदि इस मंत्र को पीपल के वृक्ष या नदी के तट या गोशाला में जप किया जाय तो और बेहतर होगा। यह चमत्कारिक मन्त्र पापों से मुक्ति प्रदान कर माता दुर्गा की भक्ति की तरफ ले जाता है । आपका भोजन अत्यंत सात्विक हो। आपका मन पवित्र व धार्मिक-आध्यात्मिक हो तभी यह मंत्र चमत्कारिक कार्य करेगा। यह मंत्र भाग्य बना देता है। ऐश्वर्य प्रदान करता है।यह मंत्र मन व तन को शुद्ध करता है।मन को भक्तिमय करता है । यह मंत्र चमत्कार करता है। मन की अगली गति भगवान की प्राप्ति व जीवन में ऐश्वर्य व जनहित का है। आप बहुत बेहतर इंसान बनें। कर्म करें। सब कुछ करने के बावजूद यदि सफलता नहीं मिलती है तो यह श्लोक आपको यशश्वी व सफल बनाएगा। जीवन के समस्त दुख समाप्त होते हैं। यह श्लोक ब्रम्हास्त्र जैसा कार्य करता है। इस महामंत्र के शरण में रहकर इसको सिद्ध कर लें जिससे सभी कार्य पूर्ण हो जाएं।
श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का पाठ व हवन करें
रविवार को श्री आदित्यहृदयस्तोत्र का तीन पाठ करके फिर हवन करें। यह अनुष्ठान मन्दिर में 108 बार या घर पर 21 या 51 पाठ अपने मन्दिर में ही कर सकते हैं। घी का दीपक जलता रहे। सूर्योपासना का यह महान व चमत्कारिक उपाय आपको यश व प्रतिष्ठा प्रदान करेगा।
गो माता की सेवा
गाय को गुड़ खिलाएं। गो शाला में जाकर गाय की सेवा करें। बीमार लोग गो दान भी कर सकते हैं। गाय को पूड़ी व गुड़ ख़िलाकर उसको तिलक करें ।गाय की सेवा का फल बहुत पुण्यदायी होता है ।कोई लाल रंग की गाय मिल जाए तो उस गो माता को घर की बनी 09 रोटी व गुड़ खिलाकर अनन्त पुण्य की प्राप्ति करें।
ब्रम्हमुहूर्त में सूर्य उपासना करें
ब्रम्हमुहूर्त में उठकर भगवान सूर्य की उपासना करें। इससे कई जन्म के पापों से मुक्ति मिलती है। भगवान भास्कर के समुख बैठकर मानसिक तौर पर गायत्री मंत्र का जप करें। उसके बाद जल में रोली,गुड़ व लाल पुष्प डालकर सूर्य को जल दें।
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