Rudraksha: ब्रह्मा, विष्णु, महेश का वास है तीन मुखी रुद्राक्ष में, पढ़ने में न लगता हो मन तो आज ही करें धारण

Rudraksha: पुराणों में है रुद्राक्ष का विशेष महत्व। रुद्र यानि शिव के आंसू को कहा गया है रुद्राक्ष। ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्तियों वाले रुद्राक्ष को कहते हैं तीन मुखी रुद्राक्ष। चार मुखी रुद्राक्ष को माना जाता है ब्रह्मा का स्वरूप। चारों वेद का रूप भी माना गया है चार मुखी रुद्राक्ष।

importance of teen mukhi and four mukhi rudraksha

जानिए तीन मुखी रुद्राक्ष का महत्व

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • तीन धारी वाले रुद्राक्ष को कहते हैं तीन मुखी रुद्राक्ष
  • ब्रह्मा, विष्णु और महेश की शक्तियों का होता है समावेश
  • चार मुखी रुद्राक्ष को चतुर्मुखी ब्रह्मा का स्वरूप कहते हैं

रुद्राक्ष यानी शिव का अंश। रुद्राक्ष को सनातन धर्म में परम पवित्र माना गया है। मूलतः एक पेड़ का ये फल आध्यात्म की दृष्टि से जितना महत्वपूर्ण है उतना ही प्रमुख ये आयुर्वेद में भी माना गया है। रुद्राक्ष को महाैषधि की संज्ञा दी गयी है। रुद्राक्ष विभिन्न मुख के आते हैं। हर समस्या के समाधान के लिए विशेष मुखी रुद्राक्ष का महत्व शास्त्रों में बताया गया है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं तीन और चार मुखी रुद्राक्ष के महत्व के बारे में।

तीन मुखी रुद्राक्ष

तीन मुखी रुद्राक्ष में 3 धारियां होती हैं। तीन मुखी रुद्राक्ष को अग्नि स्वरूप माना जाता है। यह सत्य, रज और तम, इन तीनों का त्रिगुणात्मक शक्ति रूप है। इस रुद्राक्ष में ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों शक्तियाें का समावेश तो है ही, इसके साथ−साथ इसमें तीनों लाेक अर्थात आकाश, पृथ्वी, पाताल की भी शक्तियां निहित होती हैं। यह मानव को त्रिकालदर्शी बनाकर भूत, भविष्य तथा वर्तमान के बारे में बताता है। इसको धारण करने से व्यक्ति की विध्वंसात्मक प्रवृत्तियों का अंत होता है और रचनात्मक प्रवृत्ति का उदय होता है। इसलिए यह अध्ययन कार्य में सहायक है। जो विद्यार्थी पढ़ने में कमजोर हों वह इसे धारण करके अद्भुत लाभ उठा सकते हैं। इसको धारण करने से इष्ट देव प्रसन्न होते हैं, तथा इसको धारण करने से मन में दया, धर्म, परोपकार के भाव पैदा होते हैं। यह पर स्त्री गमन के पापों को नष्ट करता है। यह धारक या पूजक के सभी पापों का अंत कर उसे तेजस्वी बनाता है। तीन मुखी रुद्राक्ष भी दो मुखी की भांति नेपाल में काफी कम होता है और तीन मुखी रुद्राक्षाें से महंगा भी होता है।

तीन मुखी रुद्राक्ष का मूल्य

  • नेपाली- 250 रुपये- 750 रुपये तक
  • हरिद्वारी- 50 रुपये से 100 रुपये तक
  • रामेश्वरम- 100 रुपये से 250 रुपये तक

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चार मुखी रुद्राक्ष

चार मुखी रुद्राक्ष में चार धारियां होती है। चार मुखी रुद्राक्ष चतुर्मुख ब्रह्मा का स्वरूप माना गया है। चार वेदाें का रूप माना गया है। यह मनुष्य को धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष, चतुवर्ग देने वाला है। यह चारों वर्ण ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र और चारों आश्रम ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ और सन्यास के द्वारा पूजित और परम वंदनीय है। इसका धारक धनाड्य, आरोग्यवान, ज्ञानवान बन जाता है। चार मुखी रुद्राक्ष वृद्धिदाता है। जिस बालक की बुद्धि पढ़ने में कमजोर हो या बोलने में अटकता हो उसके लिये भी यह उत्तम है। चार मुखी रुद्राक्ष धारण करने से मानसिक रोगों में शांति मिलती है और धारक का स्वास्थ्य ठीक रहता है। इसे धारण करने से नर हत्या का पाप दूर होता है। अग्नि पुराण में इसके बारे में लिखा है कि इसको धारण करने से व्याभिचारी भी ब्रह्मचारी और नास्तिक भी आस्तिक हो जाता है।

चार मुखी रुद्राक्ष सबसे श्रेष्ठ नेपाल का होता हे। और यह आसानी से मिल भी जाता है। अगर इनके कीमत की बात करें, तो चार मुखी रुद्राक्ष की कीमत नेपाली में 20 रुपये से 50 रुपये तक हो सकती है।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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