Shiv Murti: शिव का दूसरा रूप है पारद शिवलिंग, इस मंत्र से करेंगे पूजा तो मिलेगा अद्भुत फल

पारद को आयुर्वेद में शिव वीर्य माना गया है। पारद शिवलिंग की पूजा बिना प्राण प्रतिष्ठा के भी मान्य। पारद शिवलिंग की पूजा देती है शारीरिक और मानसिक लाभ। उच्च रक्तचाप और अस्थमा में मिलता है पारद शिवलिंग की पूजा से फायदा। होता है दरिद्रता का नाश।

पारद शिवलिंग की पूजा से मिलते हैं अनेक फायदे।

मुख्य बातें
  • पारद शिविलंग को कहा जाता है शिव वीर्य
  • पारद शिवलिंग की पूजा के हैं अनेक लाभ
  • शारीरिक और मानसिक होता है फायदा

Shiv Murti: भगवान महादेव की आराधना के लिए यूं तो किसी तरह का नियम नहीं होता। भगवान आशुतोष सिर्फ भक्त की भक्ति से ही प्रसन्न हो जाते हैं। जल के एक लोटे से ही भाेलेनाथ भक्त पर अपनी कृपा बरसा देते हैं। भगवान भोले नाथ कि क्याेंकि लिंग रूप में आराधना की जाती है। आमतौर पर लोग पत्थर के शिवलिंग की पूजा करते हैं लेकिन यदि शिवलिंग पारद धातु का हो तो वो बहुत शुभदायक और लाभदायक होता है।
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पारद शिवलिंग का महत्व

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पारद शिवलिंग की महिमा अपरंपार है, इसका शब्दों में वर्णन करना बेहद कठिन कार्य है। पारद को आयुर्वेद में शिव वीर्य माना गया है। पारद भगवान शिव का वीर्य होने के कारण साक्षात शिवरूप है। संसार की समस्त आश्चर्यजनक और सिद्धि देने वाली वस्तुओं में पारद शिवलिंग का विशेष महत्व है। शास्त्रों और प्राचीन ग्रंथाें के अनुसार हिमालय पर्वत पर भगवान शिव स्वयं मां भगवती से कहते हैं कि जो व्यक्ति पारे के स्थिर व ठोस लिंगाकर स्वरूप की पूजा करते हैं उनके घर में कभी दरिद्रता नहीं होती है। समस्त सांसारिक वस्तुओं यश, सम्मान, प्रतिष्ठा, विद्या, पद, पुत्र, पैसा प्राप्त करते हुए सांसारिक बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
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