Govind Dev Mandir: वृंदावन की कुंज गलियों से जयपुर के महल तक सफर, बहुत रोचक गोविंददेव जी मंदिर का इतिहास

वृंदावन के सप्त देवालयों मेंशामिल गोविंद देव जी का विग्रह जयपुर के राजा के महल में स्थित है। जयपुर के राजा सवाई जयसिंह द्वितीय ने अपने कुल देव के रूप में गोविंद देवी जी स्थापना यहां की। मंदिर के सभागार में हैं बहुत खंभे। बिना शिखर के इस मंदिर में आते हैं प्रतिदिन हजाराें भक्त।

जयपुर के सिटी पैलेस में स्थित गोविंद देवजी मंदिर।

मुख्य बातें
  • वृंदावन से 17वीं शताब्दी में लायी गयी थीं प्रतिमा
  • जयपुर के सिटी पैलेस परिसर में स्थित है मंदिर
  • मंदिर की विशेषता है कि इसमें नहीं बना है शिखर

Govind Dev Mandir: राजघरानों के राजसी ठाट बाट की गुलाबी नगरी जयपुर ब्रज के लल्ला को कुछ इस तरह से पसंद आयी को वो स्वयं वहां जाकर बस गए। जिन्हें राजस्थान के लोगों ने नाम दिया गोविंद देव जी। जयपुर के परकोटा इलाके के सिटी पैलेस परिसर में स्थित है गोविंद देव जी का मंदिर। मंदिर परिसर में गोविंद देवी के विग्रह कुछ इस तरह से स्थापित हैं कि उनके दर्शन सामने स्थित महल में से राजा कर सकें। है न कुछ अद्भुत से कहानी। चलिए दिसंबर के अंत और नये वर्ष की शुरूआत में आज आपको लेकर चलते हैं गुलाबी नगरी में बसे ठाकुर गोविंद देव जी के मंदिर।

गोविंद देव जी जिन्हें जयपुर के आराध्य के रूप में पूजा जाता है। यहां प्रतिदिन हजारों भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यूं तो पूरा जयपुर ही कहीं न कहीं राजसी छवि का प्रतिबिंब ही है लेकिन जैसे ही आप परकोटा इलाके में पहुंचते हैं तो लगता है कि जयपुर के महाराज के दरबार में जा रहे हैं। बड़े से घुमावदार दरवाजे से सिटी पैलेस में प्रवेश। दोनों ओर पूजा सामग्री, पोशाक आदि की दुकानें। दुकानों पर लगी गोविंद देव जी की बड़ी− छोटी तस्वीरों को देख कदम अपने आप की तेजी से चलने लगते हैं। क्योंकि जो छवि तस्वीरों में मन को मोह रही है वो वास्तव में कैसी होगी। ये ललक भक्तों को खीचकर ले जाती है गोविंद देव जी के द्वार। परिसर में दो से चार लाइन लगी रहती हैं।

गोविंद देव जी

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