Apamarga herbal Plant: पौधा नहीं बंद किस्मत के ताले खाेलने की है चाबी, प्रयोग करने से होती है सारी मनोकामनाएं पूरी
चिरचिटा या अपामार्ग का पौधा आध्यात्मिक दृष्टि के साथ औषधिय गुणाें के लिए जाना जाता है। बारिश के मौसम में घास के साथ कहीं भी उग जाता है। सेहत के लिए बहुत से प्रकार से गुणकारी है। वशीकरण की शक्ति तक हो सकती है इस पौधे के प्रयोग से प्राप्त।
आध्यात्मिक और चिकित्सीय लाभ देता है अपामार्ग का पौधा
मुख्य बातें
- मनोकामना सिद्धि के साथ सेहत भी साधता है अपामार्ग पौधा
- तमाम औषधीय गुणाें से भरपूर है आम भाषा का चिरचिटा
- बारिश में घास के साथ आसानी से उग जाता है कहीं भी
Apamarga Herbal Plant: जब तक सांसें हैं तब तक किसी न किसी तरह की इच्छा मन करता ही है। अच्छा घर, अच्छी नौकरी, अच्छे घर में शादी, अच्छी संतान, अच्छा भविष्य..मतलब सब कुछ अच्छा ही अच्छा की कामना मन में रहती है और वो ही कामना कब मनोकामना बन जाती है पता ही नहीं चलता। मन की कामनाओं की पूर्ति के लिए न जाने कितने ही जतन हम करते हैं। व्रत, उपवास, तीर्थ यात्राएं और भी न जाने क्या क्या। लेकिन एक छाेटा सा उपाय यदि हम अपने आस पास कर लें तो किस्मत के दरवाजे खुल सकते हैं।
अपामार्ग का पौधा है किस्मत के दरवाजे की चाबी
एक छोटा सा पौधा, जिसका नाम है अपामार्ग। आम भाषा में इसे चिरचिटा भी कहते हैं। ये पौधा बारिश के मौसम में यहां वहां सहज की उग जाता है। ये न सिर्फ औषधीय है बल्कि तंत्र के हिसाब से भी बहुत लाभ दायक है।
अपामार्ग पौधे से उपाय
- लाल अपामार्ग की टहनी से दातुन करने से वाक् सिद्धि होती है यानी वह जो मुख से कह देगा, वह होकर रहेगा। दांत दर्द एवं दातों की स्वच्छता के लिए भी विधिपूर्वक प्रयोग करें।
- अगहन महीने की पूर्णिमा को प्रातःकाल में विधिपूर्वक लायी अपामार्ग की जड़ का पंचोपचार पूजन कराकर मंत्र से अभिमंत्रित करके भुजा में बांधने से आने वाली बड़ी− बड़ी विपत्तियां दूर रहती हैं।
− इसके मूल के महीन पीसे हुए एक तोले चूर्ण को गाय के घी में मिलाकर सेवन करने से विष का प्रभाव दूर हो जाता है।
− श्वेत अपामार्ग को घर में रखने से समृद्धि आती है।
− श्वेत अपामार्ग के पौधे को जलाकर उसकी भस्म को गौ के दूध के साथ सेवन करने से संतान प्राप्ति का सुख मिलता है।
− इसकी जड़ को पानी के साथ घिसकर वशीकरण की शक्ति प्राप्त होती है।
− अपामार्ग की पत्तियों को पीसकर बिच्छू द्वारा काटे गए स्थान पर लगाने से विष उतर जाता है। जैसे जैसे विष उतरता जाए पत्ते की लकीर को नीचे से खींचते हुए डंक के स्थान पर ले जाएं। पत्तों को कुचल कर उसे चिपका दें और पट्टी बांध दें। कड़वा लगने पर समझ लें कि विष उतर गया है या उसका प्रभाव समाप्त हो गया है।
− रविवार को पुष्य नक्षत्र में इसका पौधा जड़ सहिति लाकर रख लो। इसकी जड़ मजबूत धागे से गर्भवती की कमर में बांध देने से इसके प्रभाव में सरलता और शीघ्रता का प्रभाव उत्पन्न करेगी।
अपामार्ग का पौधा एक नहीं अनेको मर्ज की दवा है। घास के साथ कहीं भी उगने वाले इस पौधे की विशेषता समझकर इसे आज ही घर ले आइये और अपनी बंद किस्मत के दरवाजें को खोलने के साथ स्वस्थ जीवन जीने का भी आनंद लीजिए।
डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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