Vastu Tips: घर में तोड़-फोड़ नहीं, बल्कि इन आसान वास्तु टिप्स से करने वास्तुदोष दूर
घर का वास्तु पुरुष यदि बिगड़ा है तो ग्रह चाल के बदलते ही दिखाता है असर। घर के मुखिया से लेकर बच्चों तक पर पड़ता है प्रभाव। दिशा ज्ञान न होने से वास्तु बिगड़ा हो सकता है। वास्तुदोष का निवारण आइये आपको बताते हैं बिना किसी तोड़ फोड़ के। बस करें कुछ छोटे बदलाव।
वास्तुदोष दूर करेंगे ये उपाय
मुख्य बातें
- घर की किसी भी दिशा में वास्तु दोष है खतरनाक
- समय रहते ही करें वास्तु दोष का जरूरी निवारण
- गलत दिशा में गलत चीजें कर सकते हैं नुकसान
कहते हैं कि यदि घर का वास्तु शास्त्र बिगड़ा हो तो अच्छी से अच्छी किस्मत वालों के दुर्दिन शुरू हो जाते हैं। कलह, हानि, बीमारी घर में जड़ मजबूत कर लेती हैं। इसलिए लोग भवन निर्माण का नक्शा बनवाते वक्त वास्तु पुरुष के मिजाज का विशेष ध्यान रखते हैं लेकिन जो भवन पहले से ही बने हुए हैं और उनमें वास्तु दोष भी है दिक्कत वहां अधिक होती है। भवन के वास्तु दोष का निवारण बिना तोड़ फोड़ कर करना भी एक विज्ञान है। आज हम आपको विभिन्न दिशाओं के वास्तुदोष निवारण के आसान से उपाय बताते हैं।
उत्तरी स्थल
यदि उत्तरी स्थल के भूखंड में उत्तर दिशा बाकी दिशाओं से उंची हो तो वहां यंत्र गाढ़ दें। यदि उत्तर दिशा में खाली स्थान हो तो पीछे वाली दीवार के बाहर या अंदर की तरफ यंत्र की स्थापना करें। घर की पूजा में बुद्ध यंत्र को अवश्य रखें।
ईशान स्थल
ईशान स्थल के वास्तुदोष के परिणाम बहुत अशुभ होते हैं। यदि ईशान कोण कटा हो तो यहां पर दूधिया रोशनी डालनी चाहिए और तुलसी का पौधा अवश्य रखें। यदि ईशान कोण में शाैचालय हो तो दोष निवारण के लिए इस पर राेशनी डालकर भी दोष को खत्म किया जा सकता है। इसके अलावा दरवाजे की तरफ शिकार करते हुए शेर का चित्र भी लगा सकते हैं।
दक्षिण स्थल
यह दिशा स्त्रियों के लिए अधिक अशुभ, झगड़े का कारण एवं आर्थिक रूप से हानिकाकर होती है। दक्षिण का स्थल उत्तर से नीचा हो तो नीचे स्थल में यंत्र गाड़ना चाहिए। पौधे रखना न संभव हो तो दक्षिण में दर्पण लगाकर उत्तर का उंचा हिस्सा प्रतिबिम्बित करने से शुभ फल मिलता है। यदि नलकूप हो तो उसके पास तुलसी का पौधा रखकर उसका निवारण कर सकते हैं।
नेरुत्त् स्थल
यह स्थल मुख्य दंपत्ति एवं ज्येष्ठ पुत्र के लिए ठीक नहीं होता। यदि नेरुत्त कोण सही न हो तो त्रिकोण हिस्से में पौधे लगाकर निवारण कर सकते हैं। यदि ये ईशान कोण से छाेटा हो तो यंत्र गाड़ दें।
पूर्वी स्थल
यदि मकान की पूर्व दिशा खुली न हो तो पूर्व दिशा में पिरमिड यंत्र या स्वास्तिक इतना उंचा लगाएं कि फर्श धाेते या पोंछा लगाते समय उस पर छीटें न आएं। यदि इस स्थल पर कूड़ा करकट हो तो ठीक कूड़े कचरे के सामने दीवार पर नौ पिरामिड यंत्र लगाने चाहिए।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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