Rishi Panchami Puja Vidhi, Aarti: ऋषि पंचमी की पूजा कैसे करें, यहां देखें पूजा विधि, आरती, मुहूर्त, मंत्र और कथा
Rishi Panchami 2024 Puja Vidhi, Aarti In Hindi: ऋषि पंचमी का व्रत गणेश चतुर्थी के ठीक अगले दिन पड़ता है। जो इस बार 8 सितंबर को पड़ रहा है। मान्यता है इस व्रत को करने से सुहागिन महिलाओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है। चलिए जानते हैं ऋषि पंचमी की पूजा विधि, सामग्री लिस्ट, कथा, आरती सबकुछ।
Rishi Panchami 2024 Puja Vidhi
Rishi Panchami 2024 Puja Vidhi, Aarti, Mantra In Hindi: ऋषि पंचमी को कई जगह भाई पंचमी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता अनुसार इस व्रत को करने से जाने अनजाने में हुई गलतियों से मुक्ति मिल जाती है। बता दें इस व्रत में सप्त ऋषियों की पूजा होती है। कहते हैं जो कोई भी ये व्रत सच्चे मन से रखता है उसके जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व माना जाता है। अगर आप भी ऋषि पंचमी व्रत रखने की सोच रहे हैं तो जान लें इस व्रत की पूजा विधि, सामग्री लिस्ट, मंत्र, कथा, आरती सबकुछ।
Rishi Panchami Vrat Katha In Hindi
Rishi Panchami 2024 Puja Muhurat (ऋषि पंचमी 2024 पूजा मुहूर्त)
ऋषि पंचमी 2024 | 8 सितंबर 2024, रविवार |
ऋषि पंचमी पूजा मुहूर्त 2024 | 10:39 AM से 01:09 PM |
ऋषि पंचमी तिथि प्रारम्भ | 7 सितंबर 2024 05:37 PM |
ऋषि पंचमी तिथि समापन | 8 सितंबर 2024 07:58 PM |
श्री हरि हर गुरु गणपति , सबहु धरि ध्यान।
मुनि मंडल श्रृंगार युक्त, श्री गौतम करहुँ बखान।।
ॐ जय गौतम त्राता , स्वामी जी गौतम त्राता ।
ऋषिवर पूज्य हमारे ,मुद मंगल दाता।। ॐ जय।।
द्विज कुल कमल दिवाकर , परम् न्याय कारी।
जग कल्याण करन हित, न्याय रच्यौ भारी।। ॐ जय।।
पिप्लाद सूत शिष्य आपके, सब आदर्श भये।
वेद शास्त्र दर्शन में, पूर्ण कुशल हुए।।ॐ जय।।
गुर्जर करण नरेश विनय पर तुम पुष्कर आये ।
सभी शिष्य सुतगण को, अपने संग लाये।।ॐ जय।।
अनावृष्टि के कारण संकट आन पड्यो ।
भगवान आप दया करी, सबको कष्ट हरयो।।ॐ जय।।
पुत्र प्राप्ति हेतु , भूप के यज्ञ कियो।
यज्ञ देव के आशीष से , सुत को जन्म भयो।।ॐ जय।।
भूप मनोरथ पूर्ण करके , चिंता दूर करी।
प्रेतराज पामर की , निर्मल देह करी।।ॐ जय।।
ऋषिवर अक्षपाद की आरती ,जो कोई नर गावे।
ऋषि की पूर्ण कृपा से , मनोवांछित फल पावे ।।ॐ जय।।
ऋषि पंचमी पूजा सामग्री लिस्ट (Rishi Panchami Puja Samagri List In Hindi)
श्रीफल यानी नारियल | रूई की बत्ती | बादाम आठ |
रोली | गाय को घी | इलायची |
मौली | चौक | मिट्टी का दीपक |
सात साबुत सुपारी | कपूर | 7 तरह का नैवेद्य |
आम के पत्ते | सफेद चंदन | मूंगफली आठ |
मट्टी का कलश | केले के पत्ते | किसमिस आठ |
चावल | लौंग | केले आठ |
हल्दी की गांठ | छुआरा आठ | गुड़ |
पवित्र जल | काजू आठ | आटा |
पंचामृत | मखाने आठ | फूल माला |
- ऋषि पंचमी का व्रत रखने वााली महिलाएं घर की साफ़-सफाई के बाद सात ऋषियों के साथ देवी अरुंधती की प्रतिमा भी स्थापित करें।
- इस दिन की पूजा में हल्के रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए।
- इसके बाद पूरे घर में गंगाजल छिड़कें और फिर अगरबत्ती या धूप बत्ती जलाएं।
- फिर सप्त ऋषियों की फोटो के समक्ष जल से भरा हुआ एक कलश रखें।
- इसके बाद धूप-दीपक जलाएं और उन्हें पीले फल-फूल और मिठाई चढ़ाएं।
- फिर ऋषियों से अपनी जाने अनजाने में हुई गलती की माफ़ी मांगें।
- इसके बाद कहानी सुनें। फिर सप्त ऋषियों की आरती करें और इसके बाद सभी लोगों में प्रसाद वितरित कर दें।
- पूजा समाप्ति करने के बाद अपने घर के बड़े बुजुर्गों के पैर छूकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
ऋषि पंचमी पूजा मंत्र (Rishi Panchami Puja Mantra)
- कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोय गौतम:। जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषय: स्मृता:।।
- गृह्णन्त्वर्ध्य मया दत्तं तुष्टा भवत मे सदा।
ऋषि पंचमी व्रत का महत्व (Rishi Panchami Ka Mahatva In Hindi)
ऐसी मान्यता है कि यह व्रत जो भी सच्ची आस्था और निष्ठा के साथ करता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। ध्यान रखें कि इस दिन हल से जोते हुए किसी भी अनाज का सेवन वर्जित माना जाता है।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। अध्यात्म (Spirituality News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
Aaj Ka Panchang 23 November 2024: मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का पंचांग, जानिए शुभ मुहूर्त और राहुकाल
दिसंबर में इन राशि वालों की बढ़ेगी टेंशन, किसी बड़ी दुर्घटना के हैं प्रबल आसार, रहें सावधान!
मकर, कुंभ या मीन? जानिए 2025 में कौन सी राशि शनि साढ़े साती से हो रही है मुक्त
Mundan Muhurat 2025: मुंडन मुहूर्त 2025, जानिए जनवरी से दिसंबर तक की डेट्स
एकादशी व्रत की करना चाहते हैं शुरुआत, तो नवंबर की ये एकादशी है खास
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited