Rishi Panchami Vrat Vidhi In Hindi: ऋषि पंचमी व्रत विधि, जानिए ऋषि पंचमी के उपवास में क्या खाना चाहिए
Rishi Panchami Vrat Vidhi In Hindi (ऋषि पंचमी व्रत विधि): ऋषि पंचमी का व्रत मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा किया जाता है। कहते है जो महिला इस व्रत को विधि विधान करती है उसे भयंकर से भयंकर दोषों तक से राहत मिल जाती है। चलिए जानते हैं ऋषि पंचमी व्रत की विधि क्या है।
Rishi Panchami Vrat Vidhi In Hindi
Rishi Panchami Vrat Vidhi In Hindi (ऋषि पंचमी व्रत विधि): भगवान ब्रह्मा ने इस व्रत को कलयुग में सभी पापों का नाश करने वाला व्रत बताया है। विशेष रूप से महिलाएं इस व्रत का पालन करती हैं। पुराने समय में महिलाओं को माहवारी के समय पूजा-अराधना करने के कई नियम बताए गए थे और कहा जाता था कि जो महिला इन नियमों का पालन नहीं करती है उसे दोष लगता है। इसी दोष से मुक्ति पाने के लिए महिलाएं ऋषि पंचमी का व्रत करती हैं। चलिए जानते हैं ऋषि पंचमी व्रत की विधि क्या है, ये व्रत क्यों रखा जाता है (Rishi Panchami Vrat Me Kya Khana Chahiye Kya Nahi)।
ऋषि पंचमी व्रत विधि (Rishi Panchami Vrat Vidhi In Hindi)
ऋषि पंचमी के दिन सूर्योदय से पहले स्नान करके हल्के रंग के वस्त्र धारण कर लें। इसके बाद लकड़ी की चौकी पर सप्त ऋषियों की फोटो लगाएं और वहीं पर एक जल से भरा कलश भी रखें। इसके बाद धूप दीप से सप्त ऋषियों की विधि विधान पूजा करें। उन्हें भोग लगाएं। व्रत की कथा सुनें। फिर अपने द्वारा जाने अनजाने में हुई गलतियों की मांफी मांगे। अंत में आरती करके प्रसाद सभी में बांट दें। फिर अपने घर के बड़े लोगों के पैर छुएं। इसके बाद पूरे दिन फलाहार व्रत रखें। फिर रात में भोजन करके अपना व्रत खोल लें। इस बात का ध्यान रखें कि इस दिन हल का बोया कोई भी अनाज नहीं खाना चाहिए। आप केवल पसई धान का भी सेवन कर सकते हैं। कई जगह ये व्रत दोपहर तक ही रखा जाता है।
ऋषि पंचमी के व्रत में क्या खाना चाहिए (Rishi Panchami Ke Vrat Me Kya Khana Chahiye)
ऋषि पंचमी के दिन साठी का चावल खाया जाता है जिसे मोरधन भी कहते हैं। इसके अलावा इस दिन दही खाने की भी परंपरा है। हल से जुते अन्न का सेवन इस व्रत में न करें और न ही नमक खाएं।
ऋषि पंचमी पर स्नान कैसे करें? (Rishi Panchami Par Snan Kaise Kare)
ऋषि पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर गंगा स्नान करना चाहिए। अगर आस-पास पवित्र नदी तो नहाने के पानी में ही गंगाजल डालकर स्नान करें।
ऋषि पंचमी उद्यापन विधि (Rishi Panchami Udyapan Vidhi In Hindi)
कहा जाता है कि अगर ये व्रत एक बार उठा लिए जाए तो इसे हर वर्ष करना चाहिए। वृद्धावस्था में ही जाकर इस व्रत का उद्यापन किया जाना चाहिए। इसके उद्यापन के दौरान कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें। इस व्रत के उद्यापन के लिए विधि विधान पूजा करें और फिर ब्राहमण भोज करवाएं। इस दौरान सात ब्रह्मणों को सप्त ऋषि का रूप मानकर उन्हें वस्त्र, अन्न, दान, दक्षिणा आदि चीजें अपनी श्रद्धा अनुसार दान करें।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) और बजट 2024 (Union Budget 2024) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |
धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू-कश्मीर की रहने वाली हूं। पत्रकारिता में पोस्ट ग्रेजुएट हूं। 10 साल से मीडिया में काम कर रही हूं। पत्रकारिता में करि...और देखें
Moon Rise Time, 17 January 2025: पंचांग से जानिए सकट चौथ का चांद कितने बजे दिखाई देगा
Lapsi Tapsi Ki Kahani In Hindi: सकट चौथ के दिन पढ़ें लपसी-तपसी की कहानी
Sakat Chauth Vrat Katha In Hindi: इस पौराणिक कथा के बिना अधूरा है सकट चौथ व्रत, पढ़ें तिलकुट की कहानी
Sakat Chauth Puja Muhurat 2025: सकट चौथ पूजा का मुहूर्त कब से कब तक रहेगा, नोट कर लें तिल चौथ पूजा की टाइमिंग
Ganesh Ji Ki Aarti, Sakat Chauth 2025: जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा माता जाकी पार्वती पिता महादेवा... भगवान गणेश की आरती लिखित में
© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited