Rudrabhishek Samagri, Vidhi, Mantra: सावन में रुद्राभिषेक कब करें? यहां जानें सामग्री लिस्ट, विधि, मंत्र समेत सारी जानकारी
Rudrabhishek Puja Vidhi In Hindi: सावन में रुद्राभिषेक पूजा कराना बेहद शुभ माना जाता है। शिव भक्त विशेष रूप से सावन सोमवार, सावन प्रदोष व्रत, नाग पंचमी या सावन शिवरात्रि के दिन रुद्राभिषेक कराना ज्यादा सही मानते हैं। यहां हम आपको बताएंगे रुद्राभिषेक कराने की संपूर्ण विधि।
Sawan 2024 Rudrabhishek Vidhi In Hindi
रुद्राभिषेक का अर्थ (Rudrabhishek Meaning)
रुद्राभिषेक कब कराना चाहिए (Rudrabhishek Kis Din Karna Chahiye)
रुद्राभिषेक पूजा सामाग्री (Rudrabhishek Puja Samagri)
- शुद्ध जल
- घी
- पान
- सुपारी
- गन्ने का रस
- दूध
- दही
- शहद
- गुलाबजल
- नारियल
- दीपक
- बत्ती
- अगरबत्ती
- कपूर
- श्रृंगी
- बिल्वपत्र
- धुप
- मौली
- भांग
- मेवा
- मिठाई
- धतूरा
रुद्राभिषेक कितने प्रकार से किया जा सकता है (Types Of Rudrabhishek)
- जल से अभिषेक
- दही से अभिषेक
- दूध से अभिषेक
- शहद से अभिषेक
- पंचामृत से अभिषेक
- घी से अभिषेक।
- गन्ने के रस से अभिषेक
- गंगाजल से अभिषेक
- शक्कर से अभिषेक
- भांग से अभिषेक
- भस्म से अभिषेक
रुद्राभिषेक पूजा की विधि (Rudrabhishek Puja Vidhi)
- रुद्राभिषेक पूजा में शिवलिंग की पूजा की जाती है।
- रुद्राभिषेक पूजा में शिवलिंग की स्थापना उत्तर दिशा में करें।
- वहीं रुद्राभिषेक के समय आपका मुख पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
- शिवलिंग के पास पूर्व दिशा में एक चौकी लगाएं। जिस पर साफ कपड़ा बिछाकर गणेश जी और नवग्रहों की फोटो रखें।
- रुद्राभिषेक शुरू होने से पहले पूजन सामग्री तैयार कर लें।
- रुद्राभिषेक में शिवलिंग का जलाभिषेक करने से पहले भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
- इस दौरान भगवान गणेश को तिलक, चावल, फूल, नैवेद्य, दूर्वा और दक्षिणा चढ़ाएं।
- इसके बाद नवग्रह की पूजा करें।
- अब भगवान शंकर की पूजा आरंभ करें।
- शिवलिंग को गंगाजल से स्नान करवाएं और रुद्राभिषेक शुरू करें।
- फिर आचमनी से गन्ने का रस, दही, दूध यानी पंचामृत समेत जितने भी तरल पदार्थ हैं उन सभी से शिवलिंग का अभिषेक करें।
- इसके अलावा भगवान शिव का अभिषेक करते समय मन में लगातार महामृत्युंजय मंत्र, ओम नमः: शिवाय या रुद्राष्टकम मंत्र का जाप करते रहें।
- फिर शिवलिंग पर चंदन का लेप लगाएं और पान का पत्ता, बेलपत्र आदि चीजें शिवजी को अर्पित करें।
- ध्यान रहे कि शिवलिंग पर बिल्वपत्र चढ़ाने से पहले उन पर चन्दन से ॐ या राम नाम लिख लेना है।
- रुद्राभिषक पूजा में कई मंत्रों का उच्चारण होता है। इसलिए सलाह है कि ये पूजा अनुभवी पंडित से ही कराएं। लेकिन यदि आप स्वयं ही रुद्राष्टाध्यायी का पाठ कर सकते हैं तो इस पूजा को आप खुद भी कर सकते हैं।
- अंत में शिवजी को प्रसाद चढ़ाएं और सपरिवार शिव जी की आरती करें।
- आरती के बाद पूजा के समय शिवलिंग पर अर्पित किया जाने वाला जल या अन्य द्रव्यों को सभी जनों पर छिड़क दें और उन्हें ये पवित्र जल प्रसाद स्वरूप पीने को भी दें।
रुद्राभिषेक मंत्र (Rudrabhishek Mantra)
- ॐ नम: शम्भवाय च मयोभवाय च नम: शंकराय च मयस्कराय च नम: शिवाय च शिवतराय च ॥
- ईशानः सर्वविद्यानामीश्व रः सर्वभूतानां ब्रह्माधिपतिर्ब्रह्मणोऽधिपति ब्रह्मा शिवो मे अस्तु सदाशिवोय् ॥
- तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्॥
- अघोरेभ्योथघोरेभ्यो घोरघोरतरेभ्यः सर्वेभ्यः सर्व सर्वेभ्यो नमस्ते अस्तु रुद्ररुपेभ्यः॥
- वामदेवाय नमो ज्येष्ठारय नमः श्रेष्ठारय नमो
- रुद्राय नमः कालाय नम: कलविकरणाय नमो बलविकरणाय नमः
- बलाय नमो बलप्रमथनाथाय नमः सर्वभूतदमनाय नमो मनोन्मनाय नमः॥
- सद्योजातं प्रपद्यामि सद्योजाताय वै नमो नमः।
- भवे भवे नाति भवे भवस्व मां भवोद्भवाय नमः॥
- नम: सायं नम: प्रातर्नमो रात्र्या नमो दिवा।
- भवाय च शर्वाय चाभाभ्यामकरं नम:॥
- यस्य नि:श्र्वसितं वेदा यो वेदेभ्यो खिलं जगत्।
- निर्ममे तमहं वन्दे विद्यातीर्थ महेश्वरम्॥
- त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिबर्धनम् उर्वारूकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात् ॥
- सर्वो वै रुद्रास्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु। पुरुषो वै रुद्र: सन्महो नमो नम:॥
- विश्वा भूतं भुवनं चित्रं बहुधा जातं जायामानं च यत्। सर्वो ह्येष रुद्रस्तस्मै रुद्राय नमो अस्तु ॥
रुद्राभिषेक पूजा के लाभ (Rudrabhishek Puja Benefits)
- रुद्राभिषेक करने से भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
- इससे अकाल मृत्यु और लंबी बीमारी का डर खत्म हो जाता है।
- रुद्राभिषेक के मंत्र इतने शक्तिशाली होते हैं कि इनके जप से घर से नकारात्मकता ऊर्जा दूर हो जाती है।
- रुद्राभिषेक करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
- भगवान रूद्र में सभी देवताओं का वास माना जाता है इसलिए जब रुद्राभिषेक करते है तो हमें सभी देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है।
- रुद्राभिषेक कराने से कालसर्प दोष के बुरे प्रभाव से भी मुक्ति मिल जाती है।
रुद्राभिषेक क्यों कराया जाता है (Rudrabhishek Kyu Kiya Jata Hai)
अध्यात्म और ज्योतिष की दुनिया बेहद दिलचस्प है। यहां हर समय कुछ नया सिखने और जानने को मिलता है। अगर आपकी अध्यात्म और ज्योतिष में गहरी रुचि है और आप इस ...और देखें
Vishwakarma Puja Aarti Lyrics: जय श्री विश्वकर्मा प्रभु, जय श्री विश्वकर्मा...भगवान विश्वकर्मा की आरती के संपूर्ण लिरिक्स यहां देखें
Chandra Grahan 2024 Date And Time: चंद्र ग्रहण कब लग रहा है 17 याा 18 सितंबर, क्या भारत में देगा दिखाई?
Vishwakarma Puja Samagri In Hindi: विश्वकर्मा पूजा में क्या-क्या सामान लगेगा, यहां देखें पूरी सामग्री लिस्ट
Vishwakarma Puja Vidhi, Mantra: विश्वकर्मा पूजा की विधि मंत्र सहित यहां देखें
Purnima Shradh Muhurat 2024: पूर्णिमा श्राद्ध पूजा विधि, मुहूर्त, महत्व और मंत्र यहां देखें
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited