Saat Phere Meaning: विवाह में बहुत जरूरी है गठबंधन और अग्नि के सात फेरे, इस वजह से इनके बिना अधूरा है विवाह

Saat Phere Meaning: सनातन विवाह संस्कार पद्धत्ति में प्रमुख है वर वधू का गठबंधन और अग्नि के सात फेरे लेना। गठबंधन में बांधे जाते हैं पुष्प, सिक्का, अक्षत और हल्दी। हर वस्तु का होता है महत्व। सनातन धर्म विवाह पद्धत्ति में अग्नि के फेरं हैं बहुत जरूरी। अग्नि रूप है परमात्मा का। सभी देवताओं का आशीर्वाद लेने को किये जाते हैं ये कार्य।

Saat Phere Meaning

विवाह में सात फेरे

तस्वीर साभार : Times Now Digital
मुख्य बातें
  • अग्नि के सात फेरे समस्त देवताओं काे साक्षी रूप में मानकर होते हैं
  • एक दूसरे से पूरी तरह बंधे हुए हैं, गठबंधन होता है इस बात का प्रतीक
  • गठबंधन में बांधे जाते हैं सिक्का, दूर्वा, पुष्प और अक्षत विशेष रूप से

Saat Phere Meaning: सनातन धर्म के सोलह संस्कारों में प्रमुख संस्कार विवाह माना गया है। विवाह संस्कार में होने वालीं सभी पूजा पद्धतियां न सिर्फ भारतीय लोगों के लिए बल्कि अब तो विदेशी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रही हैं। सनातन विवाह संस्कार का ये आकर्षण कहें या पवित्रता कि विदेशी भी भारतीय पद्धति से विवाह करने के लिए ललायित रहते हैं। विवाह संस्कार में यूं तो बहुत से विधान होते हैं लेकिन दो प्रमुख विधान वो हैं जिनके न करने पर वैदिक विवाह पूर्ण नहीं माना जाता। ये विधान हैं गठबंधन और अग्नि के सात फेरे। आइये आपको बताते हैं विवाह संस्कार के इन दो प्रमुख विधानों की क्या विशेषता होती है।

विवाह में गठबंधन

विवाह में पाणिग्रहण के बाद वर के कंधे पर पड़े सफेद दुपट्टे में वधू की साड़ी का एक कोना बांध दिया जाता है। जिसे गठबंधन कहा जाता है। यह इस बात का प्रतीक है कि अब दोनों एक दूसरे के साथ पूरी तरह से बंधे हुए हैं। अब उनसे यह आशा की जाती है कि जीवन के लक्ष्यों को प्राप्त् करने में वे एक दूसरे के पूरक बनेंगे। गठबंधन करते समय वधू के पल्ले और वर के दुपट्टे के बीच सिक्का, पुष्प, हल्दी, दूर्वा और अक्षत बांधे जाते हैं।

सिक्का इस बात का प्रतीक है कि धनराशि पर दोनों का समान अधिकार रहेगा जबकि पुष्प प्रतीक हैं प्रसन्नता और शुभकामनाओं का। दोनों वो कार्य करेंगे जिनसे एक दूसरे को प्रसन्नता प्राप्त हो सके। हल्दी आरोग्य और ज्ञान का प्रतीक है। वे एक दूसरे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुविकसित रखने के लिए प्रयत्नशील बने रहेंगे। इस संदर्भ में एक दूसरे का ज्ञान विकसित करने में सदैव सहायक होंगे। दूर्वा पवित्रता और दिव्यता का प्रतीक है। दूर्वा का जीवन तत्व कभी नष्ट नहीं होता। यदि सूखी दूर्वा को पानी में डाल दिया जाए तो वह हरी हो जाती है। इसी तरह दोनों में एक दूसरे के प्रति अटूट प्रेम और आत्मीयता बनी रहेगी। अक्षत संपूर्णता का प्रतीक है। जीवन में संपूर्ण आयु की प्राप्ति हो और किसी वस्तु की कमी न रहे, यही अक्षत का संकेत है।

Totka for Yatra: सफर पर जाते वक्त अगर हो जाएं इनके दर्शन तो समझाे सब होगा शुभ ही शुभ

अग्नि के सात फेरों का महत्व

अग्नि पृथ्वी पर सूर्य की प्रतिनिधि है। सूर्य जगत की आत्मा और विष्णु का रूप है। अतः अग्नि के समक्ष फेरे लेने का अर्थ है परमात्मा के समक्ष फेरे लेना। अग्नि ही वह माध्यम है जिसके द्वारा यज्ञीय आहुतियां प्रदान करके देवताओं को पुष्ट किया जाता है। वैदिक नियमानुसार, विवाह के समय चार फेरों का विधान है। इनमें से पहले तीन फेरों में कन्या आगे चलती है, जबकि चौथे फेरे में वर आगे होता है। ये चार फेरे चार पुरुषार्थाें में कन्या की प्रधानता है।

(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

लेटेस्ट न्यूज

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited