Sakat Chauth 2024 Date And Time: सकट चौथ व्रत कब है 2024 में, जानिए इसकी तारीख और शुभ मुहूर्त

Sakat Chauth 2024 Date And Time (सकट चौथ व्रत कब है 2024): सकट चौथ व्रत माघ माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को पड़ता है। इसे सकट व्रत, तिलकुट चौथ, संकष्टी चतुर्थी और तिल चौथ के नाम से भी जाना जाता है। जानिए 2024 में सकट कब है।

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Sakat Chauth 2024 Date And Time

Sakat Chauth 2024 Date And Time (सकट चौथ व्रत कब है 2024): हिंदू धर्म में माघ महीने में आने वाली सकट चौथ का विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत को सकट के अलावा तिलकुटा चौथ (Tilkut Chauth 2024), तिल चौथ (Til Chauth 2024 Date), माघी चौथ (Maghi Chauth 2024 Date), संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi 2024 Date), लंबोदर चतुर्थी (Lambodara Sankashti Chaturthi 2024 Date)) और संकटहरा चतुर्थी (Sankatahara Chaturthi 2024 Date) के नाम से भी जाना जाता है। इस चतुर्थी पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है। मान्यता है इस व्रत को करने से संतान के जीवन से जुड़ी सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं साथ ही भगवान गणेश की भी असीम कृपा प्राप्त होती है। जानिए सकट चौथ की तारीख और शुभ मुहूर्त।

Sakat Chauth 2024 Date And Time (सकट चौथ 2024 की तारीख और मुहूर्त)

सकट चौथ व्रत 29 जनवरी 2024 को रखा जाएगा। इस तिथि का प्रारंभ 29 जनवरी 2024 की सुबह 6 बजकर 10 मिनट से होगा और समाप्ति 30 जनवरी की सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर होगी। सकट चौथ के दिन चंद्रोदय समय रात 9 बजकर 10 मिनट का है।

सकट चौथ पूजा विधि (Sakat Chauth Puja Vidhi)

  • इस दिन सुबह उठकर लाल वस्त्र धारण करें।
  • फिर भगवान गणेश की पूजा करें।
  • दिनभर निर्जला उपवास करें। यानी अन्न और जल कुछ भी ग्रहण न करें।
  • फिर रात में चांद को अर्घ्य दें और गणेश जी की पूजा कर फलहार करें।
  • संभव हो तो इस दिन फलहार में केवल मीठा व्यजंन ही खाएं, सेंधा नमक का सेवन न करें।
  • इस दिन गणेश भगवान को 21 दुर्वा अर्पित करना भी बेहद शुभ होता है।
  • इसके अलावा भगवान गणेश को लड्डू का भोग अवश्य लगाएं।
  • लड्डू के अलावा गन्ना, शकरकंद, गुड़, तिल से बनी वस्तुएं और घी भी अर्पित करें।
Sakat Chauth Ka Mahatva (सकट चौथ का महत्व)

सकट चौथ का व्रत मुख्यतः संतान की दीर्घायु के लिए रखा जाता है। कहते हैं इस दिन विघ्नहर्ता गणेश की पूजा से व्यक्ति की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। मान्यता है कि भगवान गणेश ने माता पार्वती और शिव जी की परिक्रमा सकट चौथ इसी सकट चौथ के दिन की थी। इसलिए इस दिन शिव जी, मां पार्वती, चंद्र देव और कार्तिकेय जी की भी पूजा की जाती है।

सकट चौथ व्रत के नियम (Sakat Chauth Niyam)

सकट चौथ का व्रत रखने वाली महिलाओं को इस दिन निर्जला उपवास करना चाहिए। सुबह शाम गणेश जी की विधि विधान पूजा करनी चाहिए और शाम में सकट चौथ की कथा सुननी चाहिए। इसके बाद चंद्रोदय को अर्घ्य देने के बाद ही व्रत खोलना चाहिए।

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    TNN अध्यात्म डेस्क author

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